Friday, April 26, 2024

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ईसाई मिशनरी षड्यंत्रों के जाल में

इस्लामिक कट्टरवाद भारत के लिए सीधा शत्रु है लेकिन ईसाई कट्टरवाद अदृश्य खतरा है जो कि भीतर ही भीतर हमें खोखला कर रहा है। हमें भूतकाल से सीखना होगा कि किस प्रकार रोमन सभ्यता और साम्राज्य का विनाश हुआ। कहीं ऐसा न हो कि हमें भी वही दिन देखने पड़ें!

पालघर हत्या या द्वेष?

अख़लाक़ खान, पहलू खान कोई भी हो सबके लिए देशव्यापी रोष था, हैशटैग चले थे, सारी पार्टीयों में जैसे गुस्से का तूफान आ गया था, लेकिन साधुओं की हत्या पे चुप्पी बहोत कुछ बोलती है, भइया ये लोकतंत है और हम जनता है हम "भूलते" नही।

लिंचिंग लिंचिंग में फरक..

लिंचिंग लिंचिंग में भी फरक होता है साहेब,, एक इन्टॉलरेंट लिंचिंग है, तो दूसरी केवल ग़लतफ़हमी.

क्या भारत की ‘दुर्गा’ वामपंथी पितृसत्तात्मकता को हरा पायेगी?

वामपंथी कभी लेनिन की, कभी मार्क्स की, कभी माओ की और कभी स्टालिन तथा फिदेल कास्त्रो की पूजा करते मिल जाएंगे पर क्या कभी किसी वामपंथी ने किसी महिला कामरेड का बुत्त लगाकर माला पहनाई है?

संकट के समय संघ गढ़ अतुल्य प्रतिमान

वास्तव में जब भी इस देश पर संकट आये चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या पड़ोसी देशों द्वारा प्रायोजित संकट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा देश के लिए समाज को जागृत कर कंधे से कंधे मिला कर खड़ा होता रहा है।

कोरोना काल में सेवा भाव के अतुल्य प्रतिमान गढ़ रहा RSS, युद्धस्तर पर राहत अभियानों में जुटे हैं स्वयंसेवक

चुनौती के लिए खुद को तैयार कर उसका समाधान एक प्रशिक्षित व्यक्ति ही खोज सकता है। संघ स्वयंसेवकों में इसी भाव का बीजारोपण करता है।

भारत में प्रमाणपत्रवाद (सर्टीफिकेशनलिज़्म) का सफर

भारत में आप को भक्त, संघी, चड्डी, अन सेक्युलर के प्रमाणपत्र राह चलते मिल जाएँगे. सिर्फ़ आपको आपके स्पष्ट विचार रखने हैं।

सुरक्षा कर्मियों पर हमले क्यों?

अन्ना आंदोलन के बाद सरकार विरोधी बात करने वालों को अभूतपूर्व रूप से महिमामंडित करने की प्रवृत्ति ने असफल लोगों के अंदर कुंठा उत्पन्न की और यही कुंठा आज देश के अंदर बात बात पर पुलिस पर हमले के रूप में सामने आ रही हैं।

हिन्दू प्रवासी कामगारों का सोशल मीडिया लिंचिंग

भारत के कुछ वैचारिक उन्मादी प्रवृत्ति के पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया में भारतीय हिन्दू प्रवासी कामगारों में भय पैदा करने में अपना कोई कसर नहीं छोड़ रहे है और साथ ही साथ बहुसंख्यक समुदाय को एक प्रकार की अघोषित रूप से चेतावनी भी दे रहे है कि बेटा कायदे में रहो हम तो 52 मुमालिक है।

सदाशिव भगवान शिव श्री “गुरू गोरखनाथ” महिमा एवं “गोरख-धंधा” शब्द अनुचित

आजकल प्रिन्ट मीडिया “गोरख-धंधा” शब्द का प्रयोग धडल्ले से बिना भगवान शिव के महायोगी स्वरूप को जाने हर अवैध व अनैतिक कार्य के संबंध में कर रहा है।

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