Thursday, April 25, 2024

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युद्ध और शांति

हमारा इतिहास हमें यही सीखता है कि शांति ही परम आनन्द है, शांति ही परम विजय है, शांति ही परम धर्म है। अशांत व्यक्ति या समूह कदापि आनन्द, विजय व धर्म की प्राप्ति नहीं कर सकता है।

माता सीता के साथ कांग्रेसी माता सोनिया की तुलना: जायज या नाजायज?

सोनिया माँ इटली की थी। कलियुग में राक्षस इनके चरित्र पर सवाल कर रहे हैं। अपशब्द कह रहे हैं। और क्याप्सन में लिखा गया है "अभी भी देश में राक्षस जैसी सोच ज़िंदा है, सीता माँ हम शर्मिंदा है"।

मोबलिंचिंग के नाम पर झारखंडी राजनीति

जिन दलित हिंदुओं को तथाकथित मॉब लिंचिंग के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है उनके लिए दलित की राजनीति करने वाले नेताओं का रवैया कैसा रहने वाला है। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले नेताओं के गले की हड्डी बन चुकी यह घटना अब उनके ना तो निकलते बन रही है और ना ही उगलते।

हम राम के भक्त है या बाबर के वारिस?

बाबर विदेशी हमलावर, हमारा शत्रु था। बाबर के संबंध में गुरु नानकदेवजी ने कहा है, बाबर का राज माने पाप की बारात। उस बाबर ने मंदिर तोडा, उस बाबरी ढांचे के लिए चिल्लाना यह अराष्ट्रीयता है।

हमारा बाबर का क्या सम्बन्ध है?

ईरान और मिस्र के मुस्लिमों का आदर्श यहां के मुसलमान रखेंगे तो सारी समस्या का हल हो जायेगा। भारत का उत्थान हो जायेगा। राष्ट्रीय एकता आयेगी।

भगवान का धर्मंतार्ण हिन्दोस्तान में

हिंदुत्व धर्म से ज्यादा एक जीवन पद्धति है, जिसे कोई भी गैर-हिन्दु अपने धर्म में आस्था रखते हुए भी सिर्फ़ श्रधाभाव, सहिष्णुता और अच्छे आचरण से अपना सकता है।

हे कांग्रेस समर्थकों! अब भी समय है जागो और राष्ट्र के हित में विचार करो।

भाजपा, कांग्रेस, आप और बसपा ये सब बाद में हैं पहले ये सनातन हिन्दू धर्म है, इस भारतवर्ष का अस्तित्व है। इनकी रक्षा करने वाले का साथ दीजिए, इनके विकास की बात करने वाले का साथ दीजिए। जो पार्टी आज तक अपना अध्यक्ष नहीं बदल सकी वह भारतवर्ष के भाग्य को क्या बदल पाएगी और यह भी संभव है कि आने वाले समय में कांग्रेस का अस्तित्व ही न रहे।

क्या अलका लांबा सोनिया गांधी की नाजायज औलाद है?

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी कांग्रेस अधक्षया सोनिया गांधी को टारगेट करने के बाद अलका लांबा अर्नब गोस्वामी को टारगेट करने के लिए सोनिया गांधी की कुछ ज्यादा चपुलुसी कर रहीं हैं। यहाँ तक वह अपनी ट्विटर अकाउंट डीपी में सोनिया गांधी की फाटो लगाई हुई है।

NDTV और उसके प्रपंचपूर्ण अर्धसत्य

कुत्ते की दुम सीधी हो जाए, पर NDTV की पत्रकारिता कभी सुधार नहीं सकती

नाम में बहुत कुछ रखा है

नाम में ही तो सबकुछ रखा है नाम से ही संस्कृति की पहचान, समाज का संस्कार, इतिहास की प्राचीनता और देश की धरोहर की गहराई का पता चलता है ।

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