Friday, April 26, 2024

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फेसबुक में समानान्तर ब्रह्मांड के सबूत

अपने अंदर की अतिमानवीय शक्तियों को पहचाने। आप फेसबुक के समानान्तर ब्रह्मांडो के मध्य अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकते है।

संघ की सेवा

संघ/RSS सिर्फ संगठन मात्र नही, बदलाव है नए भारत यानी विकसित भारत का।"

वैश्विक नेता के रूप में मोदी का बढ़ता कद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए अपने एक-एक नागरिक की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अधिकतम लोगों को यहाँ लाने में सफल हुए.

एकतरफा धर्मनिरपेक्षता (सेकुलरिज्म) की मृग मरीचिका

भारतवर्ष का लोकतंत्र ही ऐसा है कि यहाँ हिंदुओं को अपने अधिकारों की प्राप्ति के स्वयं युद्ध करना होगा। इसके लिए आवश्यक है हिंदुओं का संगठित होना। हिन्दू एकता ही महान भारतवर्ष के निर्माण का पहला और आखिरी समाधान है।

हम उल्का पिंड से कैसे बचें- एक कांग्रेसी की कलम से (व्यंग)

अभी तक कॉंग्रेस ने सिर्फ़ देश को विदेशी ताकतों से बचाया है, पर इस बार मानवता की हर हद पार करते हुए हमारी समग्र पृथ्वी को ही कॉंग्रेस ने बचा लिया!

कमरे में हाथी है, क्या आपको दिख रहा है?

भारत का ही मुस्लिम क्यूँ देश के क़ानून, देश की आम जनता से अलग-थलग रहना चाहता है?

एक मुसलमान जो कर्म से हिन्दू था

भले ही इतिहासकार कट्टरपंथी आक्रान्ताओं को भारतवर्ष का नायक बना दें लेकिन इतिहास सदैव नहीं छुपाया जा सकता। इतिहास मुग़लों की क्रूरता का बखान करेगा और उन मुसलमानों को बाहर लेकर आएगा जो कट्टरपंथ के विरोधी थे।

लाला लाजपत राय व आंबेडकर का वो डर हिन्दुओं के लिए इस्लाम को लेकर, देश को पुनः खंडित करने का आभास दिला रही है

ये चिंतन करने का विषय है कि आग कहीं न कहीं जलती रहती है इसीलिए इस देश के इतने टुकड़े करने के बाद भी धर्म के आधार पर फिर से उसी मोड़ पर खड़े होकर धुआं निकलते हुए देखते रहते हैं।

राजनीति की गर्म रोटी

क्या ये वक़्त नहीं है कि मुस्लिम समाज के धर्म गुरु बाहर मिडिया में आए और अपने कौम के लोगो को देशहित का रास्ता दिखा सके यदि है तो?

हिंदू: बेबस या डरा हुआ

जिन्होंने अपनी पहचान छोड़ी हैं वह हमेशा मिट गया, क्या हुआ फारस का? मिस्र की संस्कृति अब कहाँ सिर्फ पिरामिडो में? माया सभ्यता क्यों नहीं अब? जिन्होंने समझौता किया वो मिट गए, क्या ये सिलसिला अब भारत में नहीं चल पड़ा

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