जिन्होंने अपनी पहचान छोड़ी हैं वह हमेशा मिट गया, क्या हुआ फारस का? मिस्र की संस्कृति अब कहाँ सिर्फ पिरामिडो में? माया सभ्यता क्यों नहीं अब? जिन्होंने समझौता किया वो मिट गए, क्या ये सिलसिला अब भारत में नहीं चल पड़ा
माना की जातीय परंपरा एक भाग हैं भारतीय समाज काI परन्तु ये जातीय परंपरा कम और अंतरजातीय संघर्ष ज्यादा प्रतीत होता हैI भारत में लोग जात के नाम पर भीड़ जाते है, मार दिए जाते हैंI