मैं प्रशांत, उप्र से हूँ. पापा की जॉब के कारण बचपन लगभग पूरे उप्र मे बीता. आईआईटी रूड़की और देल्ही से मास्टर्स और पीएचडी करने के बाद ३ साल आईएसटी लिज़्बन मे न्यूक्लियर फ्यूजन के फील्ड मे काम किया | और अब २०१२ से एनसीआर में एक यूनिवर्सिटी फैकल्टी हूँ,,
हिन्दी कविता और उर्दू शायरी पड़ना और सुनना अच्छा लगता है और कभी-कभी अपने ख़्यालो को अपनी अधकचरी समझ के अनुसार शब्दों के रूप मे लिखने की कोशिश कर करता हूँ ...