एक बात सोचिये जिस राज्य में खुद जज ही किसी का यौन शौषण करे वहाँ क्या होगा? उस राज्य का क्या होगा? वो भी लडके के साथ!
ऐसा ही मामला राजस्थान के भरतपुर से आया है! भरतपुर में एक बेहद ही अजीबाें गरीब याैन शाेषण का मामला सामने आया हैं, जहां एक जज एक नाबालिग लड़के का याैन शाेषण करता था, आपने सही सुना है जी हां… एक जज कोर्ट के दो अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर एक नाबालिग लड़के से यौन शोषण करता था, मामला सामने आने के बाद ही जज काे सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि जज का नाम जितेंद्र सिंह गोलिया है।
जानकारी के मुताबिक वह एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट (ACB) के विशेष न्यायाधीश थे। एक महिला ने इस मामले मे भरतपुर के मथुरा गेट थाने में एफआईआर (F.I.R.) दर्ज कराई थी। जानकारी के मुताबिक पीड़ित बच्चा शहर के कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक्ट क्लब में टेनिस खेलने जाता है। क्लब में भरतपुर के कई अधिकारी और जज जितेंद्र गोलिया भी वहां आते थें। उन्होंने पहले बच्चे से जान-पहचान बढ़ाई और फिर उसे अपने घर ले जाने लगे। इसके बाद खाने-पीने के सामान में नशीला पदार्थ देकर उसके साथ गलत काम करते थे।
नशीले पदार्थ खिलाकर एक महीने से कर रहे थे कुकर्म
नाबालिग लड़के की मां ने अपनी शिकायत में कहा है कि जज पिछले करीब एक महीने से उसके बेटे के साथ गलत हरकत कर रहे थे। जज और दोनों कर्मचारियों ने लड़के को धमकी दी थी कि वह किसी को इस बारे में किसी को न बताए। दो अन्य आरोपियों की पहचान अंशुल सोनी और राहुल कटारा के रूप में हुई है। इसमें अंशुल सोनी जज का स्टेनोग्राफर है और राहुल कटारा भी जज के स्टाफ में थे। मथुरा गेट एसएचओ रामनाथ ने कहा कि महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच एक वरिष्ठ पुलिस अफसर को सौंप दी गई है।
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि एसीबी सर्किल अफसर परमेश्वर लाल यादव, अंशुल सोनी और राहुल कटारा के साथ मिलकर बच्चे को जान से मारने की धमकी देता था। मामले की जानकारी होने के बाद परमेश्वर लाल यादव को सस्पेंड कर दिया गया है।