Friday, March 29, 2024
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इमरान प्रतापगढ़ी: अनाथ हो गये

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Nagendra Pratap Singh
Nagendra Pratap Singhhttp://kanoonforall.com
An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.

मित्रों जब से अपने आतंक और भयानक अपराध से पूरे हिंदुस्तान में भय का वातावरण बनाने वाले अतिक अहमद अपने अंजाम तक पहुंचे है, तब से भारत और भारत के बाहर का रुदाली वर्ग अनवरत घड़ियाली और मौसमी आसुओं को बहाकर देश के वातावरण को विषाक्त करना चाहता है। इसमें कांग्रेसी सबसे आगे दिखाई पड़ रहे हैँ। प्रयागराज के किसी वार्ड से पार्षद पद के प्रत्याशी मिश्रा जी का वीडियो तो अत्यंत प्रचलित हो चुका है, जिसमें जन्म से ब्राह्मण कुल पर कर्म से मलेच्छ कुल का वो व्यक्ति पहले तो अतिक अहमद के कब्र पर चीखता और चिल्लाता हुआ दिखाई देता है और फिर पत्रकार द्वारा प्रश्न किये जाने पर “अतिक अहमद” को शहीद का दर्जा देने तथा भारत रत्न देने की मांग कर बैठता है। 

अब कांग्रेस अपने इस कार्यकर्ता से अपने काले दामन को और काला होने से बचाने के लिए छुटकारा पा लेती है और इसे पार्टी से छ: वर्षों के लिए निष्काषित कर देती है। मित्रों यंहा पर ये कार्यकर्ता तो हिन्दु था और छुटभैया स्तर का था, इसलिए कांग्रेस ने आसानी से इसे पार्टी से बहार का रास्ता दिखा दिया, परन्तु अब मै जिस नेता की बात कर रहा हुँ, वो एक मुसलमान है और इसे कांग्रेस ने राज्य सभा का सांसद भी बनाया है और यही नहीं कर्नाटक में हो रहे विधानसभा चुनाव में उसे स्टार प्रचारक की सूची में भी शामिल किया है।

इमरान प्रतापगढ़ी:- जी हाँ, मित्रों ये इमरान प्रतापगढ़ी हि है जो अतिक के मरने के पश्चात स्वयं को अन्नाथ महसूस कर रहे हैँ और मुशायरे में अपने मुहबोले अब्बू अतिक अहमद के प्रसंशा के गीत गाते हुए कह रहे हैँ कि 

“ये शायर का दावा है कभी भी रद नहीं होगा
तेरे कद के बराबर अब किसी का कद नहीं होगा
इलाहाबाद वालों बात मेरी याद रख लो तुम
कई सदियों तलक कोई अतिक अहमद नहीं होगा।”

उक्त प्रसंशा में गाई गई असमाजिक शायरी को गाने के बाद इमरान प्रतापगढ़ी यही नहीं रुके बल्कि मुशायरे को सुन रहे उन्ही के जैसे लोगो के बिच अपनी मजबूरी को बताते हुए कहते  हैँ कि आज एक शायर और एक इज्जतदार शहरी ये बाते कहने को इसलिए मजबूर हो गया, क्योंकि मुझे पता था की चाहे जो कुछ भी हो जाये परन्तु यंहा से कुछ किलोमीटर दूर एक शख्श बैठा है जो सबकुछ सम्हाल लेगा और इस प्रकार का एहसास होना हि…. फिर वो आगे वो उनके इलाहाबाद और भारत के प्रयागराज के लोगों को श्राप देते हुए कहते हैँ

“बड़ी दुश्वरियां है पर जिसे गाया जरूरी है

छ्लक कर दर्द होठो पर चला आया जरूरी है

इलाहाबाद वालो बात मेरी याद रखना तुम

तुम्हारे शहर पर इस शख्श का साया जरूरी है।”

अब मित्रों ये शायर मियां अपने स्वार्थ के वशिभूत होकर और अपनी कौम के अंधेपन में एक क्रूर और भयानक अपराधी की प्रसंशा कर रहे हैँ और आप स्वयं सोचिये की ऐसे जिहादी मानसिकता रखने वाले और देश तथा पार्टी से ऊपर अपनी कौम को रखने वाले शायर को कांग्रेस ने ना केवल राज्य सभा का सांसद अपितु कर्नाटक में हो रहे विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में भी नियुक्त कर दिया, अब आप स्वयं कांग्रेस का दोहरापन देखिये, जो कार्य इमरान प्रतापगढ़ी राज्य सभा का सांसद होने के पश्चात भी कर रहे हैँ वही कार्य तो प्रयागराज वाले “मिश्रा जी” भी कर रहे थे, परन्तु “मिश्रा जी” हिन्दु थे इसलिए पार्टी से निकाल फेका पर इमरान प्रतापगढ़ी मुस्लिम है इसलिए इन्हें  नहीं निकाला जायेगा।

खैर मित्रों जब इमरान प्रतापगढ़ी अतिक के सम्मान में कसीदे गढ़ रहे थे तो प्रयागराज के हजारों परिवार (जिसमें अधिकांशत: मुसलमान ही हैँ) इन्हें जी भर के कोस रहे और बद्दुवाये दे रहे होंगे, जिनके घरवालों का बेरहमी से कत्ल अतिक ने करवाया था या जिसके जमीनों और घरों पर उसने जबरन कब्जा कर लिया था।

इमरान प्रतापगढ़ी के शायरी को मै उन मासूमों की ओर से जवाब अवश्य देना चाहूंगा:

अरे कैसा तु शायर है, जो आतंकी को रोता है।

सैकड़ो मुकदमें जिस पर थे तु उसके पैर धोता है।

हजारों बेगुनाहो को जिसने रुलाया अपनी ताकत पर

उसकी मौत पर इमरान क्यूं आंसू बहाता है।

उसकी मौत पर इमरान क्यूं आंसू बहाता है।

आज प्रयागराज हि नहीं पूरे देश की जनता उस भयानक क्रूर हिंसक अपराधी के साये से मुक्त होकर राहत की सांस ले रही है, तब ये नागरिक कहता हैँ:-

दुस्वारियो में सिसकती थी जनता ये बेचारी

दर्द होठो से ना छलक जाये अजब सी थी लाचारी

अतिक के लिए रोने वालों याद रखना तुम

ये लाठी उसकी ही थी जो पड़ के हो गयी भारी।

और जनता के दुख को महसूस करते हुए फिर ये नागरिक कहता है:-

वो किसी के दिल का टुकड़ा था किसी मां का दुलारा था

जिसको फेकने से पहले उसने खाल उतारा था।

अरे उसकी मौत पर आंसु बहाने वालों सुन लो तुम

कोई सूफ़ी नहीं था वो एक गुंडा हत्यारा था

कोई सूफ़ी नहीं था वो एक गुंडा हत्यारा था।

उसके काले साये से मुक्ति मिल गयी है अब

उसका कद मिट्टी में मिलकर ढक गया है अब

अरे उसकी याद में रोने वाले इमरान सुनता जा ये तु

सब तो समझ गये हैँ ये सब पर तु समझेगा कैसे कब।

मित्रों ये रुदाली गैंग का रुदन और क्रन्द्न् तो चलता रहेगा, पर हमें आपको अपनी ऑंखे खोलके रखना होगा, हर एक मोड़ पर ठहर कर सोचना होगा कुछ भी कहने या करने से पहले समझना होगा और फिर उचित और समुचित विधिसम्मत मार्ग अपनाना होगा।

“सारे जंहा से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा”! “जय हिंद”

हम सभी इसके विकास के लिए जिम्मेदार बने ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और विकसित देश दे सके।

लेखन:- नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)

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