ये इमरान प्रतापगढ़ी हि है जो अतिक के मरने के पश्चात स्वयं को अन्नाथ महसूस कर रहे हैँ और मुशायरे में अपने मुहबोले अब्बू अतिक अहमद के प्रसंशा के गीत गाते हुए कह रहे हैँ कि
हालांकि आज मुलायम सिंह यादव के निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अंत बेशक हो गया है, लेकिन यह भी एक कटु सत्य है कि मुलायम सिंह यादव के संघर्ष और सफलता की दास्तान युगों-युगों तक हम सभी लोगों के जहन व दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी!
अब ज़रा देखते हैं कि मुलायम सिंह यादव और उनके सपूत श्री अखिलेश यादव जी ने किस प्रकार डा राममनोहर लोहिया जी के सामाजवाद का चिरहरण करते हुए किस प्रकार समाजवाद को परिवारवाद में बदलकर उसे पूर्णतया परिवारवादी सामाजवाद बना दिया।
The Nehru-Gandhi family has the credit of bringing favouritism and dynastic politics to India. The success of dynastic and nepotism in congress encouraged other parties to adopt the same to keep hold in their parties and ensure a secured future of their heirs.
Mr. Owaisi comparing the Congress as a ‘sinking ship’ and Mr. Rahul Gandhi as the captain who left it, an alliance with any of the major opposition parties except the SP is highly unlikely.
The Panchayat Elections held in UP were being called the Semi-Finals of the next year's Assembly Elections. Samajwadi Party (SP) had made a dent in the political forts of BJP while batting brilliantly in this Semi-Final.
उत्तरप्रदेश में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है, राष्ट्रवादी कही जाने वाली BJP और खुद को लोहिया और जयप्रकाश के समाजवाद का उत्तराधिकारी बताती सामजवादी पार्टी आमने सामने है.
राममंदिर के लिए पिछले सदियों से चल रहा संघर्ष भव्य राम मंदिर के रूप में भारत के सामने प्रकट होगा। चाहे कितने ही असुर, राक्षस और दुष्ट प्रवृति के लोग राम काज में अड़ंगा लगाएं, भारत के इतिहास पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम का स्थान अयोध्या में पूरी भव्यता के साथ बनेगा।