मित्रों पाकिस्तानी पप्पू के नाम से कुख्यात बिलावल भुट्टो ने एक बयान देते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका ने बैन कर दिया था। “गुजरात का कसाई जिन्दा है” खैर पप्पू तो पप्पू हि होता है चाहे वो हमारे देश में हो या नापाक पाकिस्तान में। आइये इस बयान का विश्लेषण करते हैं।
पृष्ठभूमि:-
संयुक्त राष्ट्र कि बैठक जिसकी अध्यक्षता भारत कर रहा है, अभी हाल हि में समाप्त हुई है। उसमें नापाक पाकिस्तान क् ये पप्पू बिलावल भी आया था। अपने नापाक देश के नापाक परम्परा को कायम करते हुए उसने कश्मीर का राग अलापना शुरू कर झूठ का रायता फैलाना शुरू किया। जिसका जवाब दुनिया के सबसे योग्य और बुद्धिमान विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर जी ने देते हुए कहा कि, जो देश आतंकवाद का मुख्य केंद्र है, जिसने केवल आतंकवाद को हि बढ़ावा दिया है, उसे कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं।
श्री एस जयशंकर जी के इस बयान से तिलमिलाये नापाक पाकिस्तानी पप्पू बिलावल ने पलटवार करते हुए वक्तव्य दिया कि पाकिस्तान नहीं अपितु भारत आतंकवाद फैला रहा है पाकिस्तान में। अब इसका उत्तर तो देना हि था अत: श्री इस जयशंकर जी ने वक्तव्य दिया कि ” जो देश ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को पनाह देता है और पड़ोसी देश के संसद पर आक्रमण करने की योजना बनाता है” उस देश को क्या अधिकार है कि वो दूसरों पर बोले। अब अपनी सच्चाई को विश्व पटल पर आता देख पाकिस्तानी पप्पू बौखला गया और फिर उसने बयान देते हुए कहा कि ” प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका ने बैन कर दिया था।”
अब मित्रों मूर्खों, ईर्ष्या करने वालों और मासूम लोगों का खून बहाने वालों को कुछ नहीं दिखाई पड़ता केवल अपना आपराधिक और आतंकी हित साधने के, आइये देखते हैं कि वर्ष २०१४ के पश्चात क्या क्या बदला।आदरणीय श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही, पूरे विश्व में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ जैसे:-
१:- जिस अमेरिका ने कुछ समाज के बेगैरत और बेशर्म संगठनों और नेताओं के कहने पर प्रधानमंत्री मोदी जी पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, उसी अमेरिका ने प्रधानमंत्री जी का अपने White House में शानदार सम्मान किया और अपनी भूल सुधारी;
२:- विश्व के सात (जिसमें पांच मुसलिम देश हैं) देशों ने प्रधानमंत्री को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक का पुरस्कार दिया।
३:- संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से फ्रांस के मुखिया के साथ ” Champions of Champion” का पुरस्कार दिया।
४:- प्रधानमंत्री मोदी जी आज भी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और अमेरिका, रसिया, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली तथा पुर्तगाल जैसे देशों के मुखिया भी आज उनसे काफी पीछे हैं।
५:- जब नापाक पाकिस्तान के एक मात्र साथी नापाक चिन ने सम्पूर्ण विश्व में कोरोना विषाणु फैलाकर COVID-19 जैसी भयानक महामारी दी, तो प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में केवल भारत हि ऐसा देश था, जिसने भेदभाव किये बिना हर छोटे बड़े देश को इस महामारी से लड़ने के लिए कोरोना की vaccine अर्थात टीका उपलब्ध करवाई वो भी निशुल्क।
६:- युक्रेन और रसिया में जब युद्ध की अशंका प्रबाल हुई तब भी प्रधानमंत्री मोदी जी ही केवल एक मात्र विश्व के नेता थे जिन्होंने इस युद्ध का विरोध किया और दोनों देशों को युद्ध के भयानक परिणाम से अवगत कराया। युद्ध के दौरान भी वो युद्ध को तत्काल बंद करने की शिक्षा देते रहे, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और NATO के अन्य देश और सारा यूरोप रसिया के विरोध में ना केवल युक्रेन को युद्ध के लिए उकसाता रहा अपितु उसे लड़ने के लिए आयुध और पैसे पहुंचाने लगा और आज भी पहुंचा रहा।
७:- प्रधानमंत्री का प्रभाव ऐसा था कि, भारत के नागरिकों को युक्रेन से बाहर निकालने के लिए रसिया और युक्रेन ने युद्ध को कुछ घंटो के लिए रोक दिया था।
८:- संयुक्त राष्ट्र संघ और यूरोपिय देशों के दवाब में आए बिना प्रधानमंत्री मोदी जी का हि यह साहस था की उन्होंने एक ओर युक्रेन का विरोध ना करते हुए भी रसिया का साथ दिया वही दूसरी ओर भारत की प्रजा के लिए सस्ता तेल भी प्राप्त कर लिया।
९:- प्रधानमंत्री दुनिया के एक मात्र नेता हैं जिस पर एक ओर अमेरिका तो दूसरी ओर रसिया, एक ओर ईरान तो दूसरी ओर सऊदी अरब, एक ओर इजराइल तो दूसरी ओर फिलिस्तीन इत्यादि एक दुसरे के कट्टर दुश्मन देश समान रूप से भरोसा करते हैं।
१०:- २०१४ से पूर्व एशिया की एक मात्र महाशक्ति के रूप में दादागिरी करने वाला चिन आज घुटनो के बल है। आज प्रधानमंत्री मोदी के कूटनीति और विदेश निति का कोई तोड़ नहीं और कोई जोड़ नहीं।
अब आ जाते हैं, पाकिस्तानी पप्पू बिलावल के देश पर। पाकिस्तान का जलवा इतना है कि, इनके प्रधानमंत्री तक को अमरिका के एअरपोर्ट पर नँगा करके जांच की जाती है। नागरिकों का गुडविल इतना अच्छा है कि बंगलादेश वाले भी उनको अपने एअरपोर्ट पर नँगा करके जांच किये बिना आगे नहीं जाने देते। आज ये बिलावल @ पाकिस्तानी पप्पू जिस फसल को काट रहा है, उसका बीजारोपण उसकी अम्मी ने किया था, ये अपनी अम्मी बेनजीर भुट्टो का दिया खा रहा है, इसीलिए नेता या नेतृत्व कि गरिमा क्या होती है, पप्पू जी को नहीं पता है।
आज पाकिस्तान, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क, पानी, आवास, रोजगार और विकास के मामले में दुनिया के सबसे अयोग्य देशों की श्रेणी में खड़ा है। पाकिस्तान के अर्थशास्त्री चिख-चिख कर कह रहे हैं, उनका देश दिवालियेपन के आखिरी छोर पर खड़ा है, परन्तु यंहा के हुक्मरान अपनी हि ख्याली दूनिया में कभी भारत को तो कभी अमेरिका को टक्कर दे रहे हैं ।
जिन चीनीयों को भारत कि सेना और जनता लाठी डंडे, लात घुसे से पीट पीट कर भगा रही है, वही चीनी पाकिस्तान को डंडा मार कर उनकी भू- बेटियों को उठा ले जा रहे हैं और अपनी हवस का शिकार बनाकर कोठे पर बिठा आमदनी कमा रहे हैं और ये नामुराद पाकिस्तानी बस अपने अब्बू भारत से दुश्मनी निभाने में खुश हैं।
मित्रों एक बात ये नापाक पाकिस्तानी सुतिये नहीं समझते की इनका जो परमाणु बम् है वो हमारे यंहा के सुतली बम् का भी मुकाबला नहीं कर सकता, क्योंकि पाकिस्तान का जो परमाणु बम बनाया गया था वो चोरी के तकनीक थी जो अब्दुल कादिर के साथ हि खत्म हो गई। परमाणु बम फोड़ना दूर कि बात है, उनके पास तो परमाणु बम को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने कि तकनीक भी नहीं होगी।
चार चार युद्ध के अवसरो पर मैदान छोड़कर् भाग खड़ा होने वाला कायरो का देश, अपनी धरती से पूरी दुनिया में आतंकवाद का निर्यात करने वाला देश, दुनिया के लगभग हर देश से भीख मांगने वाला देश, दलाली की रोटियां अपने बच्चों को खिलाने वाला देश और दुनिया के सबसे बेगैरत और बेआबरू वाले लोगों का देश का तगमा हासिल कर चुका पाकिस्तान और उसके हुक्मरान आज अपनी अवाम कि नजरो में हि गिर चुके हैं और इसीलिए वंहा कि अवाम भी अपने हुक्मरानों कि तुलना में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी को पसंद करती है, उनकी तारीफ करती है।
जय हिंद, वंदेमातरम।
लेखन:- नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)