Friday, March 29, 2024
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यूपीआई (UPI)भुगतान प्रणाली का बुद्धिमानी से उपयोग करें

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Nagendra Pratap Singh
Nagendra Pratap Singhhttp://kanoonforall.com
An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.

मित्रों जैसा की आप और हम अच्छी  प्रकार से इस तथ्य से अवगत हैं कि आज का परिवेश यांत्रिक परिवेश में दहल चूका है, हम एक आधुनिक दुनिया में रह रहे हैं, जहां हम अपनी सुविधानुसार विभिन्न प्रकार के गैजेट्स और उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। इंटरनेट का विकास हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक  आविष्कारों में से एक है। इंटरनेट ने दुनिया को हमारी उंगलियों पर ला दिया है। आज हम किसी भी प्रकार की जिज्ञासा को इंटरनेट की सहायता से शांत कर सकते हैं। हम अपने घर में बैठे बैठे विश्व के लगभग हर कोने की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे कई प्रकार के  गैजेट और उपकरण हैं, जिनका हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर रहे हैं जैसे डेस्कटॉप कंप्यूटर सिस्टम, लैपटॉप, आईपोड, मोबाइल फोन आदि, ये सभी यंत्र  हमारे कार्यों  को अत्यधिक तीव्रता, दक्षता और सटीकता के साथ करने में सहायक होते हैं।

आधुनिक गैजेट्स और तकनीकों का उपयोग करके हमारी बैंकिंग प्रणाली भी बहुत विकसित हुई है। इंटरनेट और अन्य उपलब्ध आधुनिक तकनीक  का उपयोग करके बैंकों ने खुद को अपडेट किया है। किसी देश के विकास के लिए एक सामर्थ्यवान और सशक्त बैंकिंग प्रणाली आवश्यक है भारत सरकार ने भी कई आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं सभी प्रकार के नकद लेनदेन को बैंकिंग प्रणाली के तहत लाने के लिए। सरकार ने बैंकिंग प्रणाली का उपयोग करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों और और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने के लिए कई प्रकार के दंडों का प्रावधान किया है और इसके साथ ही काले धन के नकदी प्रणाली को कम करने पर रोक लगाई है।

 बैंकिंग प्रणाली को और सुगम बनाने के लिए “यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (जिसे हम “यूपीआई” के नाम से भी जानते हैं) की शुरूआत एक स्मार्टफोन एप्लिकेशन के जरिये की गयी जो उपयोगकर्ता  को बैंक खातों के बीच धन हस्तांतरित करने की अनुमति देता है| यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित एक सिंगल-विंडो मोबाइल भुगतान प्रणाली है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India) ने UPI की पहल की थी| एनसीपीआई देश के बैंकों और एटीएम के बीच होने वाले ट्रांजेक्शन को मैनेज करने का काम करती है।

यूपीआई सिस्टम तत्काल भुगतान सेवा  Immediate Payment Service (IMPS) पर काम करता है। यह सर्विस नेट बैंकिंग के लिए काम करती है| स्मार्टफोन में आप अपना यूपीआई PIN नंबर जनरेट करते हैं तो यह आपका एक तरह से अकाउंट नंबर बन जाता है| इसकी के माध्यम से बिलों का भुगतान और पैसों का ट्रांजेक्शन होता है।

Unified Payments Interface  से आप कहीं भी कभी भी किसी भी समय अपने बैंक अकाउंट से कोई भी Payment कर सकते हैं। साथ ही आप किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट में भी आसानी से पैसे भेज सकते सकते हैं। UPI Payment का उपयोग करके किए गए ट्रांजैक्शन काफी सिक्योर होता है।

साथ ही ही सरकार द्वारा कैशलैस इकोनामी इकोनामी की स्थापना करने के लिए UPI का उपयोग करने वाले नागरिकों को कैशबैक ऑफर भी प्रदान किया जाता है। समय-समय पर विभिन्न प्रकार के ट्रांजैक्शन में आपको कुछ न कुछ कैशबैक मिल जाता है।UPI Payment का उपयोग करने के लिए यह जरूरी नहीं कि आप UPI एप्प का ही उपयोग करें। आजकल लगभग सभी वॉलेट जैसे – पेटीएम, गूगल तेज, फोन पे और भीम इसके साथ ही सभी प्रकार के बैंकिंग बैंक के ऐप में भी UPI इनबिल्ट है। आप किसी भी एप का उपयोग करके UPI Payment का सेटअप कर सकते हैं।

याद रखें कि अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों, अन्य लोगों की मदद के लिए यूपीआई का अत्यधिक उपयोग  आपको परेशानी में डाल सकता है। इसलिए दूसरों की ओर से भुगतान के लिए UPI और अपने बैंक खातों का उपयोग करने से पहले नीचे दिए गए उदाहरणों को ध्यान में रखें। व्यक्ति आम तौर पर अपने यूपीआई का उपयोग इनाम पिंट या कैश बैक के कुछ लाभों के लिए दूसरों की ओर से भुगतान करने के लिए करता है, लेकिन ये प्रोत्साहन भविष्य में आपके सामने आने वाली समस्या के अनुरूप नहीं हैं, जब आपको करों का भुगतान करने हेतु आयकर और जीएसटी विभागों से नोटिस प्राप्त होता है।

मिस्टर “ए” एक रियल एस्टेट ब्रोकर है और वह बुकिंग के साथ-साथ पंजीकरण सेवाओं के माध्यम से अपने ग्राहकों की सेवा कर रहा है। आम तौर पर अपने ग्राहकों से उनके द्वारा बनाए गए अपने खाते में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क जमा/स्थानांतरित करने के लिए कहता है , जहां से वह सरकार को पंजीकरण और स्टांप शुल्क शुल्क का भुगतान कर रहा है। श्रीमान  मान लीजिए कि किसी मामले में  वित्त वर्ष २०२०-२१  के दौरान मिस्टर “ए” बैंक खाते में उनका कारोबार रु 2.00 करोड़ (लगभग) दिखाई देता है।

अब यंहा पर हम ध्यान से देखे तो पाएंगे की मिस्टर “ए” ने इस मामले में “जीएसटी” के पंजीकरण की सीमा पार कर ली है अत: जीएसटी विभाग जीएसटी भुगतान और पंजीकरण  की आवश्यकताओं के लिए मिस्टर “ए” से पूछ सकता है और आयकर विभाग मिस्टर “ए” के  बैंक खाते में प्राप्त भुगतान का विवरण भी मांग सकता है। अब इस मामले में मिस्टर “ए” को अपने खाते में पैसा जमा करने वाले प्रत्येक जमाकर्ता और प्रत्येक ग्राहक के केवाईसी (KYC) का विवरण तैयार रखना होगा और यह कारोबार उसके खातों की पुस्तकों में दिखाया जाएगा। मिस्टर “ए” को उसके खातों की उचित पुस्तकों का रखरखाव करना होगा।

अब एक दूसरा उदाहरण देख लेते हैं :-

२ . श्रीमान  “बी” एक व्यक्ति हैं और वह अपने यूपीआई (UPI) या विभिन्न लेनदेन के बैंक खातों के माध्यम से भुगतान करके अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों की मदद कर रहे हैं । इस मामले में मान लीजिए कि श्रीमान  “बी” ने  1/2% की प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए अपने बैंक खाते में वित्त वर्ष २०२० -२१  के दौरान ४०.००  लाख या अधिक रुपये तक का लेनदेन किया है। इस मामले में आपने सिर्फ ४0000 / ८0000 रुपये नकद प्रोत्साहन के रूप में प्राप्त किये हैं पर आप जीएसटी के प्रावधानों के लिए उत्तरदायी हैं, क्योंकि आपने रुपये ४0.00 लाख की सीमा सीमा पार कर ली है।

जीएसटी विभाग के साथ-साथ आयकर विभाग आपके टर्नओवर पर विचार करेगा और ४0.00 लाख या उससे अधिक की लेन देन पर आयकर के भुगतान के लिए कहेगा और यदि आप शोध करों का भुगतान नहीं कर रहे हैं तो आपके खातों का अनुमानित कर या लेखा परीक्षा आपको छोटे प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए  किये गए UPI के अत्यधिक प्रयोग के कारण परेशानी में डाल देगा।

३ . अब एक तीसरा उदाहरण भी हम देख लेते हैं,  श्रीमान “सी” एक ट्रैवल एजेंट का व्यवसाय कर रहे हैं और वे एयरलाइंस की वेबसाइट से सीधे एयरलाइंस टिकटों की बुकिंग के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने वित्त वर्ष २०२० -२१ के दौरान ७४.५० लाख रुपये का लेन-देन किया है। श्रीमान “सी” ने इस  मामले में सौ व्यक्तियों की बुकिंग की है, पर उन व्यक्तियों के केवाईसी (KYC) का विवरण नहीं रख पाए हैं।

अब जीएसटी और इनकम टैक्स अथॉरिटी मिस्टर “सी” के वित्त वर्ष २०२० -२१ में हुए टर्नओवर पर विचार करेंगे और इस  दौरान टर्नओवर के रूप में ७४.५० लाख पर नियमानुसार कर भुगतान के लिए कहेंगे। अब यंहा पर मिस्टर “सी”  जीएसटी में पंजीकरण के लिए भी उत्तरदायी है क्योंकि उनका टर्नओवर ४०.०० लाख  रुपये को पार कर गया है। आयकर अधिकारियों को अनुमानित कराधान या आयकर की कम घोषणा के मामले में खातों की पुस्तकों की लेखा परीक्षा के लिए कहा जा सकता है। इसके बाद विभाग मिस्टर “सी” से रसीद और भुगतान का स्रोत पूछ सकता है जो उनको गहरी परेशानी में डाल देगा।

४ . कृपया ध्यान दें कि उपरोक्त मामलों में आपको आय के स्रोतों को साबित करना होगा और आपको भुगतानकर्ताओं के केवाईसी को राजस्व अधिकारियों के सामने पेश करना होगा ताकि यह साबित हो सके कि आप अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों की मदद कर रहे हैं और कोई व्यवसाय नहीं कर रहे हैं।कर अधिकारी आपके रिश्तेदार नहीं हैं और इसलिए वे आप पर कोई पछतावा नहीं दिखाएंगे और कर और जुर्माना लगाएंगे, क्योंकि इसी के लिए उन्हें वेतन दिया जाता है।

५ . बैंकों को आम तौर पर आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत आयकर विभाग को कुछ निर्दिष्ट लेनदेन के बारे में संदिग्ध रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है।

६ . यदि आप वास्तव में इस प्रकार के लेन-देन करना चाहते हैं, तो आपको एक चालू खाता खोलना होगा और इसका उपयोग अपने व्यवसाय और दूसरों की मदद के लिए करना होगा, लेकिन ध्यान दें कि लेन-देन वास्तविक हैं यह साबित करने के लिए कृपया अपने जमाकर्ताओं और भुगतानकर्ताओं का केवाईसी अवश्य रखें।

७ . आपको दूसरों की ओर से UPI भुगतान का उपयोग करने और नकद प्राप्त करने से बचना होगा। यह आपको परेशानी में भी डालेगा। क्योंकि आप नकद लेनदेन में मदद कर रहे हैं, जो सख्त वर्जित है। आम तौर पर कुछ लोगों ने दूसरे व्यक्ति की ओर से किए गए यूपीआई के खिलाफ नकद भुगतान के लिए कहा। ऐसा करने से पहले आपको उस व्यक्ति से आपकी सुरक्षा के लिए उसका केवाईसी मांगना होगा।

निष्कर्ष:- यह सलाह दी जाती है कि “दानी या दयालु” न बनें और अपने बैंक के साथ-साथ अपने यूपीआई भुगतान प्रणाली का बुद्धिमानी से उपयोग करें। हमेशा ध्यान रखें कि राजस्व विभाग आपसे अधिक से अधिक धन निकालने का इच्छुक है, क्योंकि उन्हें इसके लिए भुगतान किया जाता है और आपकी दया या सहानुभूति आपको परेशानी में डाल सकती है। अत्यधिक UPI का उपयोग करने से नकद छूट/छूट/प्रोत्साहन प्राप्त करने का आपका लालच आपको परेशानी में डाल सकता है, जिसकी कीमत आपको भविष्य में बहुत अधिक होगी।

Written By:- Nagendra Pratap Singh (Advocate)

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