Friday, October 4, 2024
HomeHindiमॉल जिहाद.... लखनऊ में लुलु माॅल की सच्चाई

मॉल जिहाद…. लखनऊ में लुलु माॅल की सच्चाई

Also Read

Sampat Saraswat
Sampat Saraswathttp://www.sampatofficial.co.in
Author #JindagiBookLaunch | Panelist @PrasarBharati | Speaker | Columnist @Kreatelymedia @dainikbhaskar | Mythologist | Illustrator | Mountaineer

केरल में मलयाली मेगा मॉल की एक प्रसिद्ध श्रृंखला है, जो केरल में बहुत लोकप्रिय है और कर्नाटक में फैल रही है। इस माॅल का नाम लुलु (Lulu) है। इस माॅल के मालिक का नाम युसुफ है। यह कन्नूर, कासरगोड, कोझीकोड और मलप्पुरम आदि में ऐसे मॉल स्थापित नहीं करना चाहता है, क्योंकि वहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, किन्तु यह एर्नाकुलम, तिरुवनन्तपुरम या किसी अन्य क्षेत्र में माॅल खोलना चाहता है जहाँ काफिर बहुसंख्यक हैं। इसका पहला कारण यह है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में यदि वह अपना माॅल खोलेगा तो मुसलमानों द्वारा चलाई जा रही छोटी छोटी दुकानों को हानि होगी। यह उन क्षेत्रों में अपना मॉल स्थापित करना चाहता है, जहाँ काफिर बहुसंख्यक हैं ताकि काफिरों के छोटे व्यवसाय नष्ट हो जायें।

इसका दूसरा कारण यह है कि वह एक मॉल में 20000 कर्मचारियों की भर्ती करता है। इनमें से 15000 मलप्पुरम के मुस्लिम युवा होते हैं और 5000 काफिर महिलायें होती हैं। इस प्रकार 15000 मुस्लिम पुरुष 5000 युवा काफिर लड़कियों के साथ बातचीत करते हैं। इस तरह से लव जिहाद भी जोरों पर चल रहा है। उनमें से अधिकांश लड़कियाँ और उनके परिवार वाले चुप हैं, क्योंकि विरोध करने पर उपर्युक्त लड़कियों की नौकरी को खतरा है।

इसका तीसरा कारण यह है कि ऐसा करने से 15000 वफादार मुस्लिम युवाओं को एक परिवार के रूप में काफिरों की भूमि पर प्रवास करने का अवसर मिलता है।
कम से कम एक विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार की जीत का निर्धारण करने के लिए 30000 लोग पर्याप्त होते हैं। इसलिए लुलु मेगा मॉल्स सदा काफिर बहुल क्षेत्रों में ही बनाये जाते हैं। इसके लिए इसका मालिक वैश्विक स्तर पर आतंकी फंडिंग के लिए कुख्यात अरब देश कतर से पैसे जुटा रहा है।

उपर्युक्त प्रकार का मूक मॉल जिहाद इस माॅल के बहिष्कार से ही समाप्त होगा। लुलु मॉल का मालिक युसूफ है और इस माॅल के लिए पैसा, तालिबान के लिए सबसे अधिक सहायक देश कतर से आ रहा है। कतर लम्बे समय से जिहादियों का समर्थन भी करता आ रहा है। इसलिए सभी गैर मुस्लिमों के लिए अच्छा होगा कि वे रिलायंस, सेंट्रल, बिग बाजार और मॉल ऑफ जॉय का समर्थन करें और उन्हें प्रोत्साहित करें।

एडापल्ली में लुलु के आगमन के कुछ ही वर्षों के बाद, वहाँ व्यापार करने वाले गैरमुस्लिमों के लगभग 50 छोटे व्यवसाय बन्द हो गये और वहाँ कई नये होटल, जूस सेंटर, बैग की दुकानें और ऑप्टिकल दुकानें खुल गईं थीं, जिनमें से लगभग सभी के मालिक मुस्लिम थे। देखिये कि कैसे किसी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था बदल दी गई। इसका एक उदाहरण, अब एडापल्ली से पुकट्टुपदी तक के क्षेत्र में देखा जा सकता है। त्रिक्काकारा नगर निगम में हुए परिवर्तन को सभी स्पष्ट रूप से देख सकते थे।

यूपी के लखनऊ शहर में भी लुलु माॅल खुल गया है, अत: वहाँ भी सावधानी की आवश्यकता है।

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

Sampat Saraswat
Sampat Saraswathttp://www.sampatofficial.co.in
Author #JindagiBookLaunch | Panelist @PrasarBharati | Speaker | Columnist @Kreatelymedia @dainikbhaskar | Mythologist | Illustrator | Mountaineer
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular