Friday, April 26, 2024
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2022 के नतीजों ने तय किये 2024 के परिणाम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली: मोदी ने गुरुवार को कहा कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी को देश में मिली बहुमत के लिए 2017 में उत्तर प्रदेश में मिली जीत को जिम्मेदार ठहराया गया था। वे मानते हैं कि इस बार भी राजनीतिक पंडित इस बात को स्वीकार करेंगे कि 2022 के नतीजों ने 2024 (लोकसभा चुनाव) के नतीजे तय कर दिए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पांच राज्यों में से चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पार्टी को मिली जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कार्यकर्ताओं और देश के मतदाताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने जीत के कारण को विकास की राजनीति से जुड़ा और परिवारवाद की राजनीति के खात्मे की भविष्यवाणी की।

भारत में परिवारवादी राजनीति का होगा सूर्यास्त:

पीएम मोदी ने कहा कि इन चुनावों में मैंने लगातार हर विषय पर भाजपा का विजन लोगों के सामने रखा। इसके साथ ही जिस बात पर मैंने चिंता जताई थी, वह थी- घोर परिवारवाद। मैं किसी परिवार के खिलाफ नहीं हूं। न ही मेरी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी है। मैं लोकतंत्र की चिंता करता हूं। इसी संदर्भ में आगे उन्होंने कहा कि एक न एक दिन ऐसा आएगा, जब देश के नागरिक भारत में परिवारवादी राजनीति का सूर्यास्त करके रहेंगे। इस चुनाव में देश के मतदाताओं ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए आगे क्या होने वाला है, उसका इशारा कर दिया है।

भाजपा को चारों दिशाओं से मिला आशीर्वाद:

चुनौतियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “इन राज्यों की चुनौतियों भिन्न हैं, सबकी विकास यात्रा का मार्ग भिन्न है, लेकिन सबको जो बात एक सूत्र में पिरो रही है, वह है- भाजपा पर विश्वास, भाजपा की नीति, भाजपा की नियत और भाजपा के निर्णयों पर अपार विश्वास। सीमा से सटा एक पहाड़ी राज्य, एक समुद्र तटीय राज्य, मां गंगा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त एक राज्य और पूर्वोत्तर सीमा पर एक राज्य, भाजपा को चारों दिशाओं से आशीर्वाद मिला है।”

विकास के मॉडल पर एक बार फिर जनता ने जताया भरोसा:

गौरतलब हो, उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व और विकास के मॉडल पर एक बार फिर भरोसा जताया है। वहीं पंजाब में कांग्रेस को हराकर आम आदमी पार्टी (आप) ने बाजी मारी है।

भाजपा की प्रचंड जीत:

उत्तर प्रदेश में 403 सीटों में से भाजपा ने 255 सीटें जीती हैं। उत्तराखंड में 70 सीटों में से भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज कर की तो वहीं गोवा में भाजपा ने 40 में से 20 सीटें जीती हैं। मणिपुर में भी वह कुल 60 सीटों में से 32 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। वहीं आप ने पंजाब में 92 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की है। देखा जाए तो भाजपा ने इस बार राज्य विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है।

यूपी में भाजपा को स्पष्ट बहुमत:

आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 403 में से 255 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं उनके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने 12 सीटें जीती हैं और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल ने छह सीटें जीते हैं। वहीं मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आई। उनके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को 8 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटें मिली। जबकि कांग्रेस के खाते में दो सीटें गई हैं।

लगातार दूसरी बार पद पर बने रहने वाले पहले भाजपा के CM योगी आदित्यनाथ:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में लगातार दूसरी बार पद पर बने रहने वाले पहले भाजपा के मुख्यमंत्री हैं। योगी 37 साल में पहले ऐसे मुख्यमंत्री भी हैं जो लगातार दूसरी बार जीते हैं और अपना पद बरकरार रखा है। नोएडा से भाजपा के पंकज सिंह ने रिकॉर्ड 01 लाख 79 हजार से भी अधिक मतों से जीत हासिल की है। वहीं उत्तर प्रदेश में भाजपा छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट हार गए हैं।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़े नेताओं की भी हुई हार:

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा रसूख रखने वाले कई चेहरों को इस बार हार नसीब हुई है। इसमें पहला नाम प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का आता है। सिराथू से चुनाव लड़ते हुए सपा की पल्लवी पटेल ने उन्हें शिकस्त दी है। वहीं सरदना से भाजपा के संगीत सोम और कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य हार गए हैं। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कुशीनगर स्थित तमकुहीराज सीट से चुनाव हार गए। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर सदर से चुनावी मैदान में ताल ठोकने वाले आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद की जमानत जब्त हो गई। राष्ट्रीय लोकदल के नेता अवतार सिंह भड़ाना भी अपना चुनाव हार गए। जबकि जौनपुर की मल्हनी सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को भी हार नसीब हुई।

पंजाब में आम आदमी पार्टी:

पंजाब में आम आदमी पार्टी बड़े बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। पार्टी ने राज्य में 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस महज 18 सीटें ही हासिल कर पाई है। इसके अलावा अकाली दल को तीन, भारतीय जनता पार्टी को दो, बहुजन समाज पार्टी को एक और एक सीट निर्दलीय को मिली है।

पंजाब में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिली हार:

पंजाब में चुनाव लड़ रहे सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं। इसके अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल अपनी सीट बचाने में विफल रहे। कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी अपनी सीट नहीं बचा पाये। सूबे में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने संगरूर की धूरी सीट से जीत दर्ज की।

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा में भाजपा ने तोड़े सारे मिथक:

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा में भाजपा ने सारे मिथक तोड़ एक बार फिर इतिहास रचने का काम किया है। प्रदेश के 70 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर शानदार जीत के साथ भाजपा ने भगवा परचम लहराकर सत्ता में वापसी की है। वहीं कांग्रेस को इस बार 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा। बहुजन और निर्दलीय ने कुल 4 सीटों पर जीत दर्ज की। हालांकि भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लालकुआं सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। धामी की इस हार के साथ उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों की हार का सिलसिला भी बरकरार रहा। पहले भुवन चंद्र खंडूरी, फिर हरीश रावत और फिर पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी विधानसभा सीट को नहीं बचा पाए।

गोवा में भारतीय जनता पार्टी को 40 में से 20 सीट:

गोवा में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से एक सीट पीछे है। उसने 40 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटें हासिल की हैं। इसके अलावा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी को 2 सीटें और निर्दलीय को 3 सीटें मिली हैं। इनके साथ पार्टी राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही है। गोवा में कांग्रेस को 11 सीटें, आम आदमी पार्टी को दो सीटें, गोवा फॉरवर्ड पार्टी को 01 सीट और रिवॉल्यूशनरी गोअन पार्टी को 1 सीट हासिल हुई है।

मणिपुर की 60 सीटों में से 32 पर भाजपा की जीत:

मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों में से 32 पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज कर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। कांग्रेस को यहां पांच सीटें, जनता दल यूनाइटेड को छह सीटें, नेशनल पीपुल्स पार्टी को सात सीटें, नागा पीपल्स फ्रंट को पांच सीटें, कूकी पीपुल्स अलायंस को दो सीटें और तीन सीटें निर्दलीय के खाते में गई हैं। यहां मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने हिंगांग सीट से जीत दर्ज की है।

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