एक बार फिर से चर्चे में आ गयी है जनसंख्या नियंत्रण कानून बता दे की ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के शुभ अवसर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति का ऐलान किया है। इस कानून के बाद अब उत्तर प्रदेश में 2 से अधिक बच्चों के माता-पिता को आने वाले समय में बहुत से सरकारी सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा।
बता दें उत्तरप्रदेश कोई पहला राज्य नही है जहाँ जनसंख्या नियंत्रण कानून लगा है इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, आंध्रप्रदेश,ओड़िसा, राजस्थान, इन सब राज्यों में ये कानून लागू है। वही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश इन सब राज्यों में भी ये कानून लागू था लेकिन बाद में हटा दिया गया।
इन सब राज्यों में अलग अलग शर्तो के साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है। वही उत्तरप्रदेश में इन शर्तों के साथ जैसे-
- दो से अधिक बच्चे रखने वालों को सरकारी नौकरी नही मिलेगी।
- भत्तों से भी वंचित कर दिया जयेगा।
- स्थानीय निकाय चुनाव नही लड़ सकते।
- सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन नही कर सकते।
- बिल में चार लोगों का ही राशन कार्ड पर एंट्री सीमित करने का प्रावधान है।
- सरकारी सेवकों का प्रमोशन रोक दिया जयेगा।
- 77 तरह की सरकारी योजनाओं और अनुदान से भी वंचित हो जायंगे।
इसके साथ ही जो लोग टू-चाइल्ड पॉलिसी का पालन करेंगे, उन्हें कई तरह के लाभ दिए जाने की सिफारिश की गई है। जैसे-
- जो भी सरकारी कर्मचारी नियम का पालन करेंगे, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिलेगी।
- भूखंड या घर की खरीद पर सब्सिडी, यूटिलिटी बिल पर छूट होगी साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि में तीन फीसदी की वृद्धि होगी।
- यही नही चार अतिरिक्त वेतन वृद्धि और मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा भी मिलेगी।
- 20 साल की उम्र तक बच्चे को मुफ्त शिक्षा भी दी जाएगी।
- वही प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को नियम पालन करने पर पानी और बिजली के बिलों, होम लोन और हाउस टैक्स पर छूट मिलेगा। मेरा मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू इन्ही राज्यों में नही बल्कि हर राज्यों में होना चाहिए। लेकिन इस तरिके से नही की अगर आपको दो से अधिक बच्चे हो जाये तो उनको सरकारी नौकरी नही मिलेगी।
मुझे लगता हैं ये ये कानून है लेकिन इसके लागू करने के तरीके सही नही हैं आप इस तरीके से जनसंख्या नियंत्रण नही कर सकते और न नही कर पायँगे।
जिस तरीके से सरकार इस कानून को ला रही है उससे भविष्य में और भी बेरोजगारी होगी साथ ही लिंग अनुपात पर असर पड़ेगा। दिन प्रतिदिन लड़की का संख्या कम होते जायेगा। क्योकि हमारे समाज में लड़का और लड़की में भेदभाव आज भी है। आज भी लोग लड़का और लड़की में ज्यादातर लोग लड़का पैदा करना पसंद करते हैं।
वही अगर इसके सबसे बड़े दुष्प्रभाव की बात करे तो एक तरफ जहां ये कानून जनसंख्या को नियंत्रण करेगा वही दूसरी तरफ गर्भपात की संख्या बढ़ती जायगी। और ये पहले भी देखने को मिला है।
हाल ही में मैंने अपने सोसाइटी के कुछ महिलाओं से इसपर बात किया , ताकि ये पता लगा सकू आखिर हमारे समाज की औरतें इसपे क्या सोचती हैं तो इसका परिणाम ये सामने आया-
जब मैंने उनसे पूछा
अब आपको 2 ही बच्चे रखने है तो आप दो लड़का, दो लड़की, या एक लड़का और एक लड़की तीनो में से क्या रखेंगे?
उनमे से कुछ महिलाओं का जवाब था की उन्हें 2 लड़का ही चाहिए वही ज्यादतर महिलाओं का कहना था कि लड़का और लड़की में कोई फर्क नही होता एक लड़का और एक लड़की हो जाये तो अच्छा है। लेकिन किसी ने ये नही कहा कि उन्हें दो लड़की चाहिए!
फिर जब मैंने उनसे पूछा की आपको लड़की क्यों नही चाहिए.
फिर उन्होंने ने कहा कि
लड़का इसलिये ठीक हैं क्योकि उसको लेकर ज्यादा टेंशन नही है वो कभी भी कही भी जा सकता है और आ सकता है, उसको कही भी रख सकते हैं लेकिन लड़की को कही भी नही रख सकते , वो कभी भी कही नही जा सकती जिस तरीके का हमारा समाज हैं।
उसको बाहर कही भेज कर पढ़ाने में भी डर है कि कही कोई उसके साथ कुछ कर न दे आये दिन तो रेप होती रहती हैं।
अगर जैसे तैसे पढ़ा दो तो फिर दहेज चाहिए शादी के लिए। इतना टेंशन से तो अच्छा है पैदा ही मत करो।
जरा सोचिए कैसा समाज है हमारा जहां एक माँ बेटी को पैदा करने से डर रही हैं।
मुझे लगता है इन सब का एक ही समाधान है पहले अपने समाज को इस लायक बनाया जाए की लड़की पैदा करने से एक माँ को डर न लगे। जिस दिन लड़किया बिना डरे अपनी ज़िंदगी जीने लगी उस दिन सही मायनों में लड़का और लड़की में कोई फर्क नही रहेगा। और लोग लड़की पैदा करने लगेंगे।
उसी दिन गर्वपात वाली समस्या भी ख़त्म हो जायँगी।साथ ही लड़का और लड़की का जनसँख्या अनुपात भी बराबर हो जयेगा। इसलिये मुझे लगता हैं पहले सरकार को इनसब मुद्दों पर जागरूक होने चाहिए और साथ ही लोगो के बीच जागरूकता लाना चाहिए। फिर बिना किसी दुष्प्रभाव के सरकार का लाया जनसंख्या नियंत्रण कानून सफल हो जयेगा।
इन सब से जरूरी है शिक्षा क्योकि जब तक लोग अशिक्षित रहंगे तब तक समाज आगे नही बढ़ सकता चाहे कोई भी कानून लाले कोई फर्क नही पड़ेगा। आबादी का ताल्लुक शिक्षा से है जैसे-जैसे शिक्षा बढ़ती है आथिर्क तररकी आती है और साथ ही आबादी कम होती हैं।
क्योकि जिन राज्यों में ज्यादा शिक्षिक लोग हैं वहाँ की आबादी अपने आप ही कम है वही जो ग्रामीण क्षेत्र जहाँ शिक्षा कम है वहाँ आबादी ज्यादा है।