Thursday, November 14, 2024
HomeHindiएमएसएमई कारोबारियों की खेवनहार मुद्रा लोन योजना

एमएसएमई कारोबारियों की खेवनहार मुद्रा लोन योजना

Also Read

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना (PMMY) भारत जैसे देश के लिए एक क्रांतिकारी योजना साबित हुई है। 2015 से पहले तक जहां सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों के लिए एक भी कल्याणकारी योजना नहीं थी।; वहीं 2015 में श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एमएसएमई सेक्टर के लिए कई कल्याणकारी योजनओं का संचालन किया जा रहा है। मुद्रा लोन योजना उन्हीं योजनाओं में से एक सरकारी योजना है। 

पीएम मुद्रा योजना में एमएसएमई सेक्टर के कारोबारियों को तीन कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन, बिना कुछ गिरवी रखे प्रदान किया जाता है। इस योजना की खास बात यह है कि मुद्रा लोन पुराने कारोबारियों के साथ – साथ नया बिजनेस शुरु करने के लिए भी प्रदान किया जाता है। कारोबारियों की सहुलियत के लिए देश के सभी सरकारी बैंको को इस योजना से जोड़ा गया है। 

मुद्रा योजना की पृष्ठभूमि 

छोटे एवं मध्यम कारोबार को किसी भी देश अर्थव्यवस्था का बैक बोन कहा जाता है। भारत के संदर्भ में देखें तो एमएसएमई कारोबार जीडीपी को सुधारने में बहुत हद तक मदद कर रहें है। लेकिन, पहले जब एमएसएमई कारोबारियों को फंड की आवश्यकता होती थी तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना होता था। बैंक कर्ज देने में आना – कानी करते थे। जिसके वजह से कारोबारीयों की हालत खराब होती जाती थी और बहुत से बिजनेस धन की कमी के चलते बंद हो जाते थे। 2015 से पहले ऐसा माहौल था। 

2015 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें। पीएम मोदी एमएसएमई उद्यमियों का समस्या का समाधान करते हुए, प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना की संकल्पना की। इस तरह मुद्रा योजना अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी। मुद्रा योजना को तीन कैटेगरी में विभाजित किया गया हैः 

क्रम संख्या मुद्रा लोन कैटेगरी योजना की रकम 
1. शिशु लोन योजना 50 हजार रुपये तक का लोन 
2. किशोर लोन योजना 50 हजार से 5 लाख रुपये तक का लोन 
3. तरुण लोन योजना 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का लोन 

मोदी सरकार द्वारा पीएम मुद्रा योजना का दो उद्देश्य तय किया गया हैः 

क्या है मुद्रा योजना (PMMY) का मकसद? 

  1. स्वरोजगार को बढ़ावा देना 
  1. स्वरोजगार को बढ़ावा देना 

स्वरोजगार को बढ़ावा देना 

स्वरोजगार को बढ़ावा देने के पीछे सरकार की मंशा है कि लोन नौकरी मांगने वाले न बनें बल्कि नौकरी देने वाले बनें। स्वरोजगार को अपनाएं और खुद सक्षम बनने के साथ ही दूसरो को भी सक्षम बनाने का काम करें।  

केंद्र सरकार अपने मकसद में कामयाब होती दिख भी रही है। क्योंकि केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने अपने एक बयान में कहा था कि मुद्रा योजना से 13 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। इस तरह देखें तो मुद्रा लोन योजना के बदौलत एक बड़ी संख्या में लोन रोजगार से जुड़े हैं। 

कारोबार करने के लिए आसानी से लोन देना 

2015 से पहले का समय ऐसा था कि छोटे कारोबारी को लोन मिलना तो दूर, लोन का आवेदन पत्र भरने में कड़ी मसक्कत करना होता था। बैंक वाले हर रोज कागज कमी का हवाला देकर लौटा देते थे। कोई बेहतर विकल्प नहीं था। इसलिए छोटे कारोबारी सूदखोरों से पैसा लेकर सूदखोरी के चंगुल में फंस जाते थे। 

लेकिन, मुद्रा लोन योजना को शुरुआत करने का प्रथम सोच ही छोटे कारोबारियों को लोन सहज तरीके से उपलब्ध कराना है। सरकार ने ऐसा प्रावधान कर रखा है कि बेहद जरुरी कागजातों पर मुद्रा लोन के लिए आसानी से आवेदन किया जा सकता है।  

इसके अतिरिक्त सरकार नें मुद्रा लोन आवेदनकर्ताओं की सुविधा के लिए टोलफ्री नंबर भी जारी किया है। ताकि किसी भी कठिनाई के समय कारोबारी शिकायत दर्ज करा सकें। इस प्रकार से देखते हैं कि केंद्रा सरकार मुद्रा योजना के दोनों उद्देश्य में कामयाब होती दिख रही है। 

कितने लोगों को मुद्रा लोन का लाभ मिला? 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने एक बयान में बताया कि मुद्रा लोन स्कीम के तहत अबतक 1.62 करोड़ रुपये का लोन बाटा जा चुका है। वहीं अगर फाइनेंशियल ईयर के अनुसार मुद्रा लोन का वितरण देखें तो वित्त वर्ष 2020-21 का आंकड़ा कुछ इस प्रकार हैः 

फाइनेंशियल ईयर 2020-21 
स्वीकृत पीएमएमवाई लोन की संख्या 22572599* 
स्वीकृत धन 321722.79 करोड़ 
डिस्बर्स धन 311811.38 करोड़ 

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि मोदी सरकार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से छोटे कारोबारियों को उबारने के लिए मुद्रा लोन के तहत दिये गये शिशु लोन की ब्याज दर में भी छूट देने की एलान किया है। शिशु लोन की ब्याज दर पर 2 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान किया गाया है। ब्याज पर छूट का लाभ 3 करोड़ लोगों को मिला है। उनके करीब 1500 करोड़ रुपयों की बचत होगी। 

इस प्रकार देखा जाए तो केंद्र सरकार की तरफ से हर वह मुमकिन प्रयास किया जा रहा है, जिससे देश के किसान, मजदूर, कारोबारी वर्ग को लाभ प्राप्त हो सके। एमएसएमई के लिए चलाई जा रही पीएम मुद्रा लोन योजना पूरी तरह से खेवनहार की मुद्रा है और कारोबारियों की बिजनेस रुपी नैया को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। 

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular