हे कृष्णा तुम कब आओगे
हे कृष्णा तुम कब आओगे
दैत्य कर रहा दंभी अट्टहास, हे कृष्णा अर्जुन को कब जगाओगे
दासता ने भरी मानसिक सुन्नता, हे कृष्णा सनातनी में चेतना कब लौटाओगे
संस्कृति पर घात हुआ है भारी, अब हुई असहनीय पीड़ हमारी,
हे कृष्णा तुम कब आओगे
रण का है शंख फूंकना, सनातनी को सज है करना,
हे कृष्णा तुम अब आ जाओ
वंशजो को अपने कर्तव्य बोध कराने आ जाओ
उठो पार्थ गांडीव सम्भालो कहने को आ जाओ
एक बार हमे गीता स्मरण करने आ जाओ
हे कृष्णा तुम अब आजाओ
हे कृष्णा तुम अब आजाओ
।। चैतन्य हिन्दू ।।