जो कल तक कहा करते थे,राम मंदिर बनाएंगे लेकिन डेट नहीं बताएंगे उनके लिए आज काफी बुरी खबर है क्योंकि राम भक्तों के द्वारा भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया है। और तारीख भी नोट करा दिया गया है। जिससे कि कामपंथी, नकली नास्तिकों और तथाकथित सेक्युलर जमात वालों के पिछवाड़े में से आग निकलना चालू हो गया है। इन्हीं जिहादियों ने भारतीय इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके बाबर को महान बताने से लेकर हिंदुओं के महान संरक्षक बताया था। आज जब राम मंदिर निर्माण के समय भूमि समतलीकरण के दौरान जो पुरातन समय के हिंदू मंदिर के अवशेष मिल रहे हैं तो फिर से वामपंथी जिहादी और नकली नास्तिकों के गैंग रोना-धोना चालू कर दिया है।
अब वे यह सिद्ध करना चाहते हैं की भूमि समतलीकरण के दौरान जो हिंदू मंदिर के अवशेष मिल रहे हैं वह बुद्ध मंदिर के हैं। इन वामपंथी लम्पटों को को समझाए कि भगवान बुद्ध भी राम के अवतार थे। पहले यही तथाकथित दलित चिंतक दिलीप मंडल जैसे लोग बाबरी मस्जिद के पक्ष में खड़े थे। उनको उस समय बुद्ध मंदिर नहीं दिखाई दे रहे थे। इनका कभी भी दलितों से बौद्ध मंदिरों से मतलब नहीं है यह तो बस चाहते हैं कि किसी तरह से भव्य राम मंदिर का निर्माण रुक जाए। जैसे-जैसे मंदिर का निर्माण आगे बढ़ेगा वैसे वैसे इन वामपंथियों का प्रपंच भी बढ़ेगा। हमें इन वामपंथियों को फिर से इतिहास पढ़ाना पड़ेगा।
ये वामपंथी हिंदू नाम रखे हुए कट्टर मुस्लिम है जो हमेशा हिंदू विरोध में खड़े रहते हैं। क्योंकि वामपंथ में तो धर्म का कांसेप्ट ही नहीं है। फिर क्यों यह हमेशा राम मंदिर के विरोध में खड़े रहे क्योंकि यह वामपंथी और मुस्लिम गठजोड़ है। जो भारत के सनातन संस्कृति को तहस-नहस करने के लिए इकट्ठे हुए हैं।