पिछली बार इसी कालम से मैंने कैपिटल गेन्स की समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु विस्तार से लिखा था।
चूंकि बजट प्रक्रिया चालू हो गयी है और पिछले समय से ही रेल सम्बन्धित राजस्व भी बजट का ही हिस्सा हो गया है। इसलिये आवश्यक है कि हम वरिष्ठ रेल किराया समबन्धित समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित इसी समय करें।
वरिष्ठों से सम्बन्धित समस्याओं का निदान आवश्यक है इसलिये यहाँ उल्लेखित समस्या पर सरकार ध्यान दें लें तो हम सभी के लिये अच्छा रहेगा।
मैं यहाँ जिस मुद्दे के विषय पर सरकार से आग्रह कर रहा हूँ उस पर सरकार को राजस्व नुकसान उस क्षेत्र के टोटल खर्चे का 0.1% ही होगा ऐसा मेरा विश्वास है। साथ ही मेरा मानना है कि सरकार इस कालम में सुझाये गये अनुसार समस्या का निदान करे तबतो राजस्व नुकसान नहीं होगा।
मैं अपेक्षा करता हूँ कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों की परेशानियों को ध्यान में रख, सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित कदम उठा, राहत दे देगी।
रेल सुविधा सम्बन्धित:-
आज कल सरकार ने AC में यात्रा करने वालों को Telescopic fare वाला टिकट जारी करना बन्द कर दिया है जिसके कारण सबसे ज़्यादा मुसीबत वरिष्ठ नागरिकों को उठानी पड रही है। चूंकि उम्र के इस पडाव में स्लीपर में यात्रा करना बिल्कुल भी सुविधाजनक नहीं यानि अनेक तकलीफों से भरा है इसलिये ही सभी वरिष्ठ नागरिक AC में ही यात्रा करते हैं भले ही सरकार ने Telescopic fare वाला टिकट देना बन्द किया हुआ है।
जो वरिष्ठ नागरिकोंं को पेंशन सुविधा नहीं उन पर यह एक अतिरिक्त भार पड रहा है जिसके चलते उनको या तो अपनी यात्रा समय में कटौती करनी पडती है या अतिरिक्त खर्चे को वहन हेतू कछ अन्य सुविधाओं में कटौती – कुल मिलाकर मन मसोसना पड़ता ही है भले किसी रुप में हो।
दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है कि उम्र के इस पडाव में तीर्थ यात्रा का विचार करें या विभिन्न जगहों पर रहने वाले मित्र हों या रिश्तेदार से मिलने का विचार तो टिकट की समस्या Telescopic fare वाले में नहीं होती है जबकि बिना Telescopic fare में हो ही जाती है।
यदि जैसा पहले मिलता वैसा उपलब्ध हो तो हम जैसे वरिष्ठों को निम्न लाभ वापस मिलने लगेंगे-
1) टूर टिकट जारी करवा कर कम खर्चे में यात्रा सम्भव थी जबकि अभी सम्भावना ही नहीं है।
2) हर बीच में ठहरने वास्ते स्टेशन में समय सीमा से बंधे होने के कारण समयबन्ध कार्यक्रम में यात्रा अनेकों उद्धेश्य को पूरा कर सकना आसान था चाहे रिश्तेदार हो या मित्र ज्यादा ठहरने का आग्रह करते ही नहीं थे।
3) यदि सीधी रेल सेवा नहीं है तो खर्चा भी ज्यादा, परेशानी भी अधिक और रिश्तेदार हो या मित्र उनकी नाराजगी भी सहनी पड़ रही है।
4) यदि प्रारम्भ स्टेशन से गन्तब्य स्टेशन तक का टिकट न जारी हो सकने की अवस्था में वरिष्ठों को जो कष्ट होता है उसकी तरफ नियम लागू करने वालों ने क्यों ध्यान नहीं दिया यह भी वास्तव में आश्चर्य का विषय है।
आखिर में यही लिखना है कि सरकार यदि वरिष्ठों को किराये में जो भी छूट देती है उसमें कमी भी करना चाहे तो मन्जूर है परन्तु वरिष्ठों को कम से कम AC में Telescopic fare वाला लाभ तो वापस लागू कर दे ताकि जो कष्ट है उससे राहत तो मिले।
आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि सरकार आवश्यक सुधारात्मक कदम उठा हम वरिष्ठ नागरिकों को उपरोक्त विषय में राहत दे देगी।
अन्त में मैं आप सभी से भी आग्रह करता हूँ कि आप भी इस मुहिम में अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें यानि आप भी सोशल मीडिया के माध्यम से हो या किसी भी मंच के माध्यम से हो या फिर सीधे सीधे पत्र भेज कर निवेदन करना चाहें तो उस तरीके से योगदान अवश्य दें। सामूहिक प्रयास काफी असरदार होता है।
आशा ही नहीं विश्वास है आप पाठकगण उपरोक्त आग्रह पर अवश्य विचार कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
गोवर्धन दास बिन्नाणी
जय नारायण ब्यास कालोनी
बीकानेर
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