मैंने अच्छे अच्छों का मुखोटा उतरते देखा।
बहुत से ईमानदारों को बेईमान होते देखा।
या यूँ कहूं कि बेईमानों को ईमानदार होते देखा।
सीने से लगा कर रखते थे जो,
उन्ही को 500 के नोट्स जलाते देखा।
100,100चक्कर लगवाते थे जो,
उधारी नही चुकाते थे जो,
उनको 500 के नोट्स के साथ,
ले लो ,ले लो का शोर मचाते देखा।
छिपा छिपा के रखते थे जो 500 के नोट्स,
उन्हें नोट्स को उड़ाते देखा।
छोटी बड़ी रकम को लेकर,
लोगों को इधर उधर भागते देखा।
वाह रे मोदी जी की महिमा
मैंने विपक्ष को पहली बार ,
घबराते देखा।
लख लख धन्यवाद मोदी जी,
आज ईमानदारी को बेईमानी को मात देते देखा।
-डिम्पल