Bollywood is so obsessed with nepotism and it has been shrunk to a limited banners like Dharma, YRF, T-series, Balaji to name a few. If someone messes with any of them or with their dear ones he will get thrown out of the industry.
So-called loving family Bollywood claims to be is in actuality an oligarchy ruled by tyrannical bigots- India’s dirtiest industry is one of the very places in the world where adopting neutrality and turning your back to scathing evidence is what ensures your safety.
क्यों कभी हम दूसरों की सहायता के लिए अपना हाथ नहीं बढ़ाते हैं? क्यों हम दूसरों का इंतज़ार करते हैं? क्यों हम दूसरों के दुःख को कम करने की कोशिश नहीं करते हैं?
Sushant, remember one thing, there are a lot of people in this world who are crying every day for your death and praying and also fighting for justice to be served.
आज के पूंजीवादी समाज में केवल सराहना कर देना मात्र उपाय नहीं है, वित्तीय तौर पर सहयोग अति आवश्यक है।अलग-अलग किस्म के विज्ञापन, प्रचार या समीक्षाओं से सम्मोहित न होकर अपने दिमाग एवं दिल का इस्तेमाल करते हुए किसी भी कला को पहचानना और उसके आधार पर ही उसे सराहना या आर्थिक सहयोग प्रदान करना ही हमारी शैली होनी चाहिए।
In 2016, Dr Syedna Mufaddal Saifuddin came out in support of continuing Female Genital Mutilation within his community and upheld the practice as something that is beneficial for the body and soul.
जब एक तरफ सुशांत सिंह राजपूत जैसी बड़ी हस्ती के लिए आम लोग इंसाफ की गुहार करते थक नहीं रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ सरकार और बॉलीवुड दिगज्जों की तरफ से कोई भी आवाज़ नहीं आ रही है, ऐसा क्यों?