Wednesday, November 13, 2024

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Nitish Kumar and Bihar Politics

Nitish ‘The सुशासन Babu’

Hope the Hindus and especially those who have suffered the most, see the current political scenario and judge for themselves if they are a friend of the Dalits and Mahadalits as they claim to be.

गब्बर सिंह- “जो डर गया समझो मर गया”: माननीय मुख्यमंत्री- “पियोगे तो मरोगे”

बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री स्वय को मुख्यमंत्री बनाये रखने के लिए किसी भी पार्टी की गोद में जाकर बैठ जाने से परहेज नहीं करते। इनका भी अपना ब्रांड वैल्यू है। पिछले १५ वर्षो से लगातार वो बिहार के मुख्यमंत्री है।

State of Bihar in pitiable state

The political leaders of Bihar and their murky leadership is getting immensely heavy and harsh to their innocent natives with no sign of relief or empathy.

बिहार का अतिदुर्भाग्य भाग-२

प्रथम अंक में हमने विवेचना की बिहार राज्य में सत्ता का सुख भोग रहे कुछ सत्ताविरो के मानसिक स्थिति और जनता के प्रति उनकी सोच और अवधारणा की। इस अंक में हम माननीय शिक्षा मंत्री के विषवमन का शिकार बने रामचरितमानस के दूसरे चौपाई के बारे में सूक्ष्म अवलोकन करेंगे।

राजनितिक चरित्र के लुच्चापन का परिचायक

यंहा पर हम केवल बिहारी बाबू की ही चर्चा करेंगे।

Nitish should resign: Writes a Nitish supporter

Shouldn't Nitish Kumar upgrade his strategy for staying relevant?

What do the Bihar elections 2020 exit polls say?

The exit polls are out and it looks pretty clear that Bihar is going to see Tejaswi Yadav become its youngest-ever chief minister at the age of 31. Looking at the way the NDA media representatives reacted to the poll is a clear indication that they knew the results long back. Unlike the left ecosystem, the people who oppose the politics of the Congress or the RJD will not go out crying that the EVMs were hacked or 'the death of democracy' because of this result. Everyone will accept the verdict and will actually work towards getting ahead of it and winning the next election. And that is how a democracy should work.

बिहार चुनाव फैसला किसके पक्ष में?

नीतीश कुमार जो कि वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं और सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते हैं उन्होंने जेडीयू की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा जो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं उन्हें टिकट देकर अपने सुशाशन की पोल खोल दी है।

बिहार में का बा

ये एक ऐसा सवाल है जो चुनाव ख़त्म होने के बाद अगले पांच साल हम जरुर पूछते है पर जब वोट डालने का समय आता है तब हम बिहार को भूल कर जातिवाद जैसे विभाजनकारी मानसिकता को चुन लेते है। इस मानसिकता को बदले बिना हम बिहार के विकास की कल्पना भी नहीं कर सकते।

The off track Sushashan: Tracing the straying governance in Bihar

The track of Sushashan seems to be lost in the battle for chair. Analyzing the aftermath complexities of the Nitish regime possibly indicates whether Mr. Kumar stood out in justifying his title, “sushashan babu” or not.

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