ज़रा सोचिए जिन लोगों ने हम सनातन धर्मियों को इतना सब कुछ दिया तो क्या हम उनको अपने राष्ट्रहित में वोट नहीं दे सकते। हम सनातन धर्मी ना तो बटेंगे और ना हटेंगे बल्कि जिन्होंने हम इतना दिया है उनके सम्मान में मैदान में डटेंगे।
Next time when a liberal, or Islamist or any type of anti Hindu shames you for Ram mandir, remind them of Al-Aqsa mosque and the history of wars and violence for 2 milleniums and ask them what is their stance on it
यदि मंदिर नहीं बनता अस्पताल बनता तब यह लोग ताली बजाते और कहते कि देखा तुम हार गए फिजूल में समय बर्बाद किया और बलिदान दिए लेकिन मंदिर नहीं बना पाए। पहचानिए इनको और याद कीजिए यह वही लोग हैं जो अतीत में मंदिर निर्माण की तारीख भी पूछा करते थे।
August 5 will remain the darkest day for a few months until the government does something new say announce NRC or something related to Uniform Civil Code or anything other from its manifesto for that matter.
हिन्दू धर्म में तुलसीदास और सूरदास जैसे कई कवियों ने भगवान कृष्ण और राम के लिये वात्सल्य भाव का प्रयोग किया है। आज भी वैष्णव सम्प्रदाय में भगवान की वात्सल्य भाव से पूजा की जाती है तथा उन्हें परिवार के एक बालक की तरह ही देखा जाता है।
Youth tends to lean left slowly, and start hating such things without understanding a word. When these people say that they don’t want to involve in politics, they are actually doing it by directing youth to hate politics.
In a world which has already plunged into such an abysmal condition, remembering and celebrating Ram becomes the only cure. Because nothing in his life went according to his plan and he always found himself in situations which were nothing short of a nightmare.
लिबरल शब्द से तो ऐसा लगता है कि ये उदारवादी प्रवृत्ति के होंगे पर ऐसा नहीं है। ये अव्वल दर्जे के पाखंडी हैं जिनका एक मात्र काम है हिन्दू धर्म के खिलाफ टिप्पणी या कार्य करना। ये हर वो चीज़ का उपहास करेंगे जो हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ी हुई हैं।