हमारी गिरावट और अंग्रेजों का उत्थान एक दुसरे के पूरक रहे क्योंकि जैसे जैसे हमारी सामाजिक व्यवस्थाओं से छेडछाड़ हुई और हमें तोड़ा गया हम आर्थिक मोर्चों पर कमजोर हुए, राजनीतिक क्षेत्र में परतंत्र हुए और हमारी मौलिक आजादी भी छीन ली गयी।
इस लेख में मैं लालू यादव जी के 15 वर्षों के शासन का तुलनात्मक अध्ययन एनडीए के 15 वर्षों के शासन से भी करना चाहता हूँ, ताकि यह तथ्य स्थापित हो सके की भाजपा अपने घोषणापत्रों में जो कहती है उसे पूरा करती है.
आज कोरोना जैसी महामारी के वक्त तबलीगी जमात जो कर रहा है और अनुयायियों को जो कोरोना फैलाने कि सलाह दे रहा है यह तो होना ही था। यह एक फतवा ही है। फलों, नोटों पर थूक लगाने के जो विडियो हम देख रहे हैं, और बैकग्राउंड से जो आवाजें आ रही हैं इसी दम पर तो सरकारों कि सेजें सजती आयी हैं।
विरह के गीत कोरोना संकट के बाद फिर से गाये जायंगे फिर भी गाये जायेंगे क्यूंकि ये ऐसा रस है जो बिहार के कणों में सदियों से विराजित है, शायद तब से जब हम पहली बार गिरमिटिया कहे गए थे.