Instead go on entertainment fast till 2040 to introspect on reasons for the killing of Kanhaiya Lal and countless other Hindus in the past couple of years
समय आ गया है बॉलीवुड को बदला जाये, अब "चलता है, छोड़ो क्या करना है" से काम नहीं चलेगा इस पे सभी को सोचना पड़ेगा इन खान, भट्ट, कपूर, जोहर गैंग के एकाधिकार ख़त्म करना पड़ेगा।
हिंदुओं के लिए बॉलीवुड में एक ही प्रिय चरित्र है और वह है विलेन। विलेन भी ऐसा-वैसा नहीं, सदैव ब्राह्मण (आर्टिकल 15, केदारनाथ, मदर इंडिया) अथवा ठाकुर/ऊंची जाति क्षत्रिय (अनगिनत फिल्में जैसे कलंक) और ब्राह्मण/ठाकुर केवल विलेन ही नहीं दिखाए जाते बल्कि विशुद्ध धार्मिक प्रतीकों के साथ दिखाए जाते हैं।
हालिया दिनों में लोकसभा चुनाव के कारन बहुत सारे लोगों ने अपना वक्तव्य व्यक्त किया जिसमे कई अभिनेता भी हैं। स्वरा भास्कर, जावेद अख्तर का कन्हैया कुमार को समर्थन करना, कमल हसन का हिन्दू आतंकवाद को लेकर नाथूराम गोडसे को आतंकवादी कहना, अनुराग कश्यप का सरकार के खिलाफ अपने विचार रखना, रणवीर शोरी का सरकार के साथ खड़े होना ऐसे कई उदाहरण हैं।
Padmavati is another movie promoting false secularism. Bhansali's effort will be similar to a filmmaker trying to show the obsession of ISIS terrorists for Yazidi girls.