Tuesday, November 5, 2024

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Diwali Celebration

दीपावली पर प्रदूषण रोकने का पाखंड

देश में एक नेरैटिव बना दिया गया है और बडे जोर शोर से प्रसार प्रचार किया जाता रहा है कि दीपावाली के अवसर पर पटाखों और आतिशबाजी के प्रयोग से प्रदूषण फैलता है, जिसके कारण हर साल दीपावली से पहले प्रतिबंध लगाने की होड मच जाती हैं।

दीपावली, तुम्हारा आना सबको शुभ हो!

भारतीय परंपरा के प्रत्येक पर्व के पीछे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक हेतु होते हैं। पांच पर्वों के समुच्च्य वाली दीपावली तो अपने आप में भारतीय जीवन मूल्यों का सम्पूर्ण ग्रन्थ है।

How ‘they’ make ‘us’ feel guilty for celebrating ‘our’ festivals

It is rather painful to see the illogical and shrill campaign gathering momentum against all Hindu festivals. Particularly in the case of Deepavali (or Diwali), it has taken off like a Diwali aerial shot.

What happens if we don’t celebrate Deepavali with crackers?

To hide his failure in managing air pollution, Felhi CM Arvind Kejriwal is putting full ban on fire crackers since from so many years. That is the most easiest thing all the governments can do to show case themselves as big environmentalists.

कोरोना काल में त्यौहार पर आपका दायित्व

जैसा सभी को मालूम ही है कि दशहरा फिर दीपावली त्यौहार आ रहे हैं और हम सब इन त्यौहारों पर पटाखे वगैरह फोड़ते हैं और पटाखों से निकलने वाली जहरीली गैस एक स्वस्थ आदमी तक के लिये नुकसानदायक होती है तो कोरोना संक्रमितों के लिये तो बहुत ज्यादा ही नुकसानदायक रहेगी ही।

Here is why Delhi-NCR’s air pollution has worsen this year

A better air quality was expected this Diwali following the SC Order. What followed was quite the opposite. Read why.

Leftist agenda on firecrakers: Eco-friendly or anti Hindu?

This entire lobby who is fussing relentlessly seems to be selective on issues they want to raise voice for, in this issue they are not concerned about the environment but about their anti-Hindu agenda.

जनहित में सूचना जारी की जाती है: फेसबुक, वाट्सैप अथवा ट्विटर पर बढ़ेगा वायु प्रदूषण

आप सभी को सचेत किया जाता है कि आने वाले कुछ दिनों में आपके फेसबुक, वाट्सैप अथवा ट्विटर पर वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को लेकर यूएन के आंकड़े आदि देखने को मिल सकते हैं।

क्यों न दिवाली कुछ ऐसे मनायें

इस बार दीवाली पर हम किसी रूठे हुए अपने को मनाकर या फिर किसी अपने से अपनी नाराजगी खुद ही भुलाकर खुशियाँ के साथ मनाएँ।

पटाखें सिर्फ दिवाली पर ही प्रदूषण क्यों फैलाते हैं?

पटाखे सिर्फ दीपावली जैसे त्योहारों पर ही प्रदूषण क्यों फैलाते हैं? क्रिसमस या अंग्रेजी नए साल के मौके पर जलाये जाने वाले पटाखें क्या किसी और तकनीक से बनाये जाते हैं?

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