ये मेरे दोस्त जो यूपी में हैं जो ना नेता है, ना पॉलिटिकल analyst है, उनका कहना है और उनके ही शब्दों को मैंने इसमें लिखा है। जात की राजनीति और हिंदुत्व, देखते हैं जीत किसको हांसिल होती है।
In recent period an amalgam of anti-democratic forces and sections of media have been found trying to manipulate the election process in various manners and at various stages to influence the polls results.
अब ज़रा देखते हैं कि मुलायम सिंह यादव और उनके सपूत श्री अखिलेश यादव जी ने किस प्रकार डा राममनोहर लोहिया जी के सामाजवाद का चिरहरण करते हुए किस प्रकार समाजवाद को परिवारवाद में बदलकर उसे पूर्णतया परिवारवादी सामाजवाद बना दिया।
बीजेपी की लहर में रालोद को दो लोकसभा चुनाव और एक विधानसभा चुनाव में मिली पराजय से जयंत चौधरी के सामने अपनी पार्टी के अस्तित्व को बचाने की बडी चुनौती है। पिछले तीनो चुनावों मे रालोद शून्य पर सिमट गया था।
बड़ी मुश्किल से और कोरोना की कृपा से उत्तर प्रदेश के लोग भाजपा सरकार से दूसरे मुद्दों पे सवाल कर रहे थे, जिससे चकोरों को फयदा हो सकता था, मंदिर को बीच में ला के इन्होने फिर से वही मोह पैदा कर दिया, जो डैमेज कंट्रोल बीजेपी २ महीने में नहीं कर पाती या शायद चुनाव तक, उसको इन्होने रामलला को बीच में ला के कर दिया।
Varanasi has witnessed a tremendous transformation with Modi govt and that's why tomorrow, on 19th May, Varanasi is going to re-elect Mr. Modi for a visionary and honest leadership.
Many lives, futures of Biharis, UPites have been changed due to the apathy of successive congress governments, exploitation by ruffians, street goons like Lalu Yadav, Mulayam Singh Yadav. Yet Rahul Gandhi stands in public, denigrating Biharis, people from UP.