Saturday, April 27, 2024

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भारत में रार, दुश्मन से प्यार

राजनीतिक मतभेद एक जगह हैं, लेकिन विरोध इतना ही रखा जाए कि देश का शान में कोई कमी न आने पाए, उससे समझौता नहीं होगा आमिर चिचा।

महेंद्र सिंह धोनी: A natural leader

यूपी, बिहार, झारखंड के वो खिलाड़ी जो बड़ी बड़ी अकादमी के दम पर नहीं अपनी मेहनत और लगन के दम पर आए और छा गए, वो एक संदेश देते हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है, मेहनत की जाए तो सफलता मिलनी ही है।

अटल स्मृतियाँ: दैनन्दिनी 16.08.2018

देह धर्म तो सिमटना ही है लेकिन अटल जी द्वारा जीवन भर सींची गयी अमर आग और जीवन पर्यंत तपने का प्रकाश, .......इस धरा को सदा आलोकित करेगा।

रेप और अश्लील वीडियो

दुर्भाग्यवश आज मॉरल वेल्यू की किताब ने रामायाण, गीता की जगह ले ली हैं। हालात ऐसे हैं कि यदि कोई गलती से भी ये कह दे कि स्कूली पाठ्यक्रम में इन ग्रन्थों को शामिल किया जाए तो चारों ओर से सब राजनीति चमकाने में लग जायेंगे।

भारतीय धर्म निरपेक्षता का सच

बेंगलुरु के हिन्दू विरोधी दंगों ने एक बार फिर तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के ध्वज वाहकों को नग्न कर दिया है। भारत में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ हिन्दू घृणा हो चुका है।

शांतिप्रियों की भीड़ आ रही आपके घर के नजदीक

वो अपनी इच्छानुसार बेंगलुरु, पूर्णिया, मालदा में भीड़ जुटाते हैं, मजहबी नारे लगाते हैं और अपने धर्म पर टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए आगजनी, दंगे करते हैं।

शिक्षा की भारतीय पद्धति

भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। क्यों? क्यों कि भारत समृद्ध सुखी सुशिक्षित और सुसंस्कारी था। यहाँ की शिक्षा पद्धति व्यवहार और कौशल से परिपूर्ण थी, साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक कार्य नैतिकता और धार्मिकता से सम्पन्न करना सिखाया जाता था।

अयोध्या के बाद मथुरा मेंं भी मंदिर बनाने के मांग के बीच आया HeTA के नये कैंपेन का बिलबोर्ड, कहा इस जन्माष्टमी चमड़ा मुक्त...

रक्षाबंधन की तरह ही जन्माष्टमी पर भी HeTA के नये कैंपेन का बिलबोर्ड सामने आया, कहा कृष्ण का अनुसरण करते हुए गाय को अपना दोस्त मानें और इस जन्माष्टमी चमड़ा मुक्त बनें।

राम मंदिर और भारतीय संस्कृति

राम मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं उत्थान की ओर बड़ी छलांग है, सदियों से विदेशी आक्रांताओं ने न केवल भारत को लूटा अपितु उसकी संस्कृति को नष्ट भ्रष्ट करने का यथासम्भव प्रयास किया।

सांस्कृतिक सूत्र, जिनमें पिरोयी हैं विविधता की मनकाएं

क्या श्री राम जन्मभूमि पर भव्य राष्ट्र मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन के उजास से आलोकित इस स्वाधीनता दिवस पर उन सांस्कृतिक सूत्रों पर बल देना समीचीन नहीं होगा जिन्होंने हमें बहुविध होने पर भी एकात्मता प्रदान की है?

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