यूरेशिया (यूरोप और एशिया) में बुल्गारिया और जॉर्जिया के बीच लगभग 8.3 करोड़ जनसंख्या वाला एक इस्लामिक देश स्थित है तुर्की, जहां के बारे में प्रचलित किया जाता रहा है कि ये एकमात्र इस्लामिक देश है जो धर्मनिरपेक्ष है, जो आजकल के प्रसंगों के हिसाब से देखा जाए तो एक मज़ाक भर है।
हां अंदरूनी इस्लामिक धर्मनिरपेक्षता रही होगी तो हौवा उड़ा दिया गया कि इस देश की सरकार धर्म के आधार पर किसी से कोई भेदभाव नहीं करती, तुर्की की 99.8 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है।
यहां के राष्ट्रपति हैं रजब तैयब इरदुगान। इसके पहले वो तुर्की के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं, अपने सम्पूर्ण राजनीतिक करियर में एक कोशिश रही इनकी कि सभी इस्लामिक देशों का नेता कैसे बना जाए।
इसी सिलसिले में एक और इस्लामिक देश से बड़ी घनिष्टता है इनकी, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान।
इस साल की शुरुआत में इरदुगान ने पाकिस्तान की संसद को संबोधित किया था और भारत के मुकुट काश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही। इनका कहना है कि भारत मे लगातार नरसंहार हो रहा है, मुस्लिमों का किसके द्वारा, हिंदुओं के द्वारा। कहने का मतलब है दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं, एक हमारा पड़ोसी है तो उसकी रग रग से वाकिफ हैं हम।
अब आते हैं मुद्दे पे, हमारे एक बहुत ही बड़े सुपरस्टार इन दिनों तुर्की यात्रा पे हैं। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान!!
जब 15 अगस्त को यहां देश में स्वाधीनता दिवस की खुशियां मनाई जा रही थी, आमिर खान तुर्की में वहां के राष्ट्रपति की पत्नी एमीन इरदुगान से मुलाकात कर रहे थे। ये मुलाक़ात किस सिलसिले में थी ये तो वही दोनों बता सकते हैं लेकिन भाई ये बात खटक गयी है, भारत का पुरजोर विरोध करने वालों के साथ हंसी ठिठोली करते मिलोगे तो सुनना तो पड़ेगा चचा।
4,5 साल पहले आमिर खान ने तथाकथित असहिष्णुता के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए कहा कि कई घटनाओं ने उन्हें चिंतित किया है उनकी पत्नी ने सुझाव दिया उन्हें सम्भवतः ये देश छोड़ देना चाहिए।
ये वही आमिर खान हैं जिनकी एक फ़िल्म में स्टोरी की डिमांड बताते हुए हिन्दू देवी देवताओं का बहुत ही भद्दे तरीके से मज़ाक बनाया गया, फिर भी वो फ़िल्म बॉक्स आफिस पर सुपरहिट हुई।
एक घटना याद आती है पेरिस में 2 इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा एक कार्टूनिस्ट शार्ली एब्दो सहित 12 लोगों को मौत के घाट उतार दिया, कारण क्या था, शार्ली ने पैगम्बर मुहम्मद पर कोई कार्टून प्रकाशित किया था।
पिछले हफ्ते की ही बात है कर्नाटक के बैंगलोर में शहर को जला दिया गया 3 की जान गई, 60 घायल। कारण??
पैगम्बर मुहहमद पे फेसबुक पोस्ट।
तो भाईसाहब सहिष्णु और असहिष्णु पे ज्ञान ज्ञान देने लायक तो बिल्कुल भी नहीं हो आप।
2018 की भारत यात्रा में इसरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक कार्यक्रम में बॉलीवुड के समस्त बड़े नामों को बुलाया गया, उस कार्यक्रम में जाने से तो तीनों सुपरहिट खानों ने परहेज किया। कारण बताने की आवश्यकता नहीं है।
असहिष्णुता का ढोल पीटते रहो, ऐसा था नहीं लेकिन अब होता दिख रहा है, सहिष्णु बन के रहे तो जीना दुश्वार हो जाएगा। राजनीतिक मतभेद एक जगह हैं, लेकिन विरोध इतना ही रखा जाए कि देश का शान में कोई कमी न आने पाए, उससे समझौता नहीं होगा आमिर चिचा।
पिछले दिनों बॉलीवुड में नेपोटिस्म और सुशांत सिंह प्रकरण में महेश भट्ट का नाम आने से उनकी एक आने वाली फ़िल्म सड़क 2 तो सड़क पे आ गयी है ,उसके ट्रेलर को 1 करोड़ से ज्यादा बार डिस लाइक किया गया यू ट्यूब पे।
दोस्त ने बताया कोई लाल सिंह चड्ढा नाम की फ़िल्म आ रही है, जिसकी शूटिंग के लिए गए हैं आमिर तुर्की, दोस्त तो ये भी बोल रहा था इसको डिस लाइक के साथ रिपोर्ट भी करने वाले हैं लोग यू ट्यूब पे। ऐसे कौन करता है भाई?? ग़ज़ब असहिष्णुता।