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“अवमानना (Contempt), न्यायालय की अवमानना व सर्वोच्च न्यायालय”
अदालत के लिए केवल एक आवश्यकता यह है कि उसके द्वारा ऐसी प्रक्रिया का पालन किया जाए, जो न्यायसंगत है, न्यायपूर्ण है और न्यायालय द्वारा तय किए गए नियमों और उस पर व्यक्त किये गये जनता के भरोसे के अनुसार है।
6 दिसंबर 1992 के बिना भव्य राम मंदिर निर्माण की कल्पना क्या संभव थी
6 दिसंबर 1992 की वो शुभ तारीख... जिसने बदल कर रख दिया इतिहास, हर धुरी बदल गयी यानी उस दिन हर तरफ जय श्री...
06/12/92 : हिंदुत्व की प्रबल पराकाष्ठा
आयुष जैन -
उस दिन इस देश ने देखा कि अब कांग्रेस जैसे मुस्लिम सेक्युलर दल के सामने एक हिंदूवादी दल भाजपा का उदय हो चुका है। उस दिन देश ने वास्तव में महसूस की संघ और विहिप की मजबूत उपस्थिति और शक्ति।
विविधता या विभाजन
pointman -
आज देश को बोस के विचारों को और गम्भीरता से पढ़ने और समझने की ज़रूरत है, भगत सिंह के सारे लेखों को पढ़ने समझने की ज़रूरत है, ज़रूरत है कि सावरकर और अम्बेडकर के विचारों को भी खुले दिमाग़ से समझा जाए और विभाजनकारी सोच को पूरी तरह ख़त्म किया जाए।
किसान बिल 2020: विरोध या जश्न?
यह जश्न मनाने का समय हैं ना कि विरोध करने का समय है, क्योंकि शोषण करनेवाले कभी भी इन सुधारो का साथ नही देंगे, हमे मजबूती से सरकार और किसानों के साथ रहना हैं और साथ ही साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से हमारे प्यारे किसानों के सशक्त और संवर्धित मूल्य में और वृद्धि करनी है।
मानवता के लिए मानव होना…
मनुष्य जीवन सभी जीवित प्राणियों मे सौभाग्यशाली है क्योकीं प्रकृति ने हमें विशाल मन, विशाल बुद्धि, स्मृति नामक असीमित भंडारण दिया है जिसे हम उद्देश्य जानने के बाद भी अनदेखा कर देते हैं और इसे गंभीरता से नही लेते हैं।
भगवद गीता: कठिन समय की आवश्यकता
हम भारतीय सामान्य रूप में, आमतौर पर हमारे प्राचीन ज्ञान को अधिक महत्व नहीं देते हैं, जो पश्चिमी देशों और कई अन्य देशों में गहराई से अंतर्दृष्टि प्राप्त करने और इस महान ज्ञान को ग्रहण करने के लिए प्रयास करते हैं, जो हमें हमारे प्राचीन ऋषियों ने आसानी से विरासत में दिया है।
१५ दिनों के अंदर चल बसे दो पूर्व महिला मोर्चा अध्यक्षा: ओड़िशा महिला मोर्चा ने दी श्रद्धांजलि
भाजपा के दो पूर्व महिला मोर्चा अध्यक्षों की १५ दिनों में मौत हो गई है। उनमें से एक मृदला सिन्हा हैं, और एक पूर्व महिला मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्षा किरण माहेश्वरी है।
प्राण व दैहिक स्वतंत्रता अनुच्छेद 21
हमारे सनातन धर्म की मूल भावना "जीयो और जीने दो" तथा "सभी जीवो को अपना जीवन अपनी ईच्छा से जीने का अधिकार है" में निहित है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने भी अपने संपूर्ण जीवन काल मे प्रत्येक जीव के प्राण व दैहिक स्वतंत्रता को अमुल्य व सर्वोपरि मानकर प्रतिष्ठित किया
गुपकार गैंग द्वारा रोशनी एक्ट की आड़ में किया गया 25000 करोड़ रुपए का घोटाला!
व्यवस्था का लाभ उठाकर 2001 से 2007 के बीच गुपकार गैंग वालों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर को जहाँ से मौका मिला वहाँ से लूटा, खसोटा, बेचा व नीलाम किया और बेचारी जनता मायूसी के अंधकार में मूकदर्शक बनी देखती रही।