Wednesday, April 24, 2024

Hindi

दंगाईयों की सरकारी पैरवी असंवैधानिक

गणतंत्रता दिवस को ट्रैक्टर मार्च के नाम पर कथित किसानों ने दिल्ली में न केवल उत्पात मचाया बल्कि लाल किले पर तिरंगे झंडे का अपमान किया और 394 पुलिस वालों को जख्मी कर दिया था, जिनको बचाने के लिए पंजाब सरकार ने 70 वकीलों का पैनल बनाया है!

श्रीकृष्‍ण-द्रौपदी संवाद से न‍िकली राह पर बीएचयू का ‘मूल्य प्रवाह’

बीएचयू ने मानवीय मूल्यों पर आधार‍ित एक व‍िजन डॉक्यूमेंट ‘मूल्य प्रवाह’ यूजीसी को सौंपा है ज‍िसका उद्देश्य छात्रों के शैक्ष‍िक ही नहीं, चार‍ित्र‍िक न‍िर्माण और इसके माध्यम से राष्ट्र न‍िर्माण के महत्व को जन जन तक पहुंचाना है।

पत्रकार मनदीप पूनिया के प्रति मेरी घोर संवेदनाएं है!

मनदीप पूनिया एक पात्र है और ऐसे हजारों छात्र देश के हर विश्वविद्यालय में ट्रैप में फंसते हैं। व्यवस्था विरोध में फेक न्यूज की फैक्ट्री ही नहीं नक्सली भी बनते हैं। वो वैचारिक जोम्बी बनकर अपने आला का हुक्म बजाते हैं। फिर जोम्बिज का श्रृंखला बनता ही रहता है।

षड्यंत्र (सत्ता के लिये)

इस षड्यंत्र की शुरुआत हुई 2014 से। जब देश को अपने बापों की जागीर समझने वाले राजनीतिक घरानों और सबसे महत्वपूर्ण उन राजनीतिक घरानों पर अपनी वोट की एकता का दबाव डालने वाले तथाकथित अल्पसंख्यक समुदाय और उन अल्पसंख्यकों को राजनीति संरक्षण देने के लिये सत्ताधारी राजनीतिक घरानों को धन देने वाली विदेशी ताक़तों को एक अप्रत्याशित (unexpected) झटका लगा।

दिल्ली में किसानों के वेश में गुंडों-दंगाइयों-आतंकियों का हिंसक प्रदर्शन

गणतंत्र-दिवस के दिन इन्होंने अपनी काली करतूतों से समस्त देशवासियों का सिर पूरी दुनिया में झुका दिया है। इतिहास इन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा।

दूध पिलाना बंद करो अब आस्तीन के साँपों को!

यदि सरकार ने अब भी इन गुंडों-दंगाइयों-आतंकियों के साथ नरमी बरती तो अगले चुनाव में उसे भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। इन गुंडों-दंगाइयों-आतंकियों से निपटने के लिए अब देशभक्त नागरिकों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।

लोकतंत्र में हिंसा एवं अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं

लोकतंत्र में हिंसा एवं अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं- लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति गहन आस्था, विकास एवं सुधार को राजनीति की केंद्रीय धुरी...

कब तक विरोध प्रदर्शन के नाम वतन के साथ गद्दारी को बर्दाश्त करते रहेंगे हम

लोकतंत्र और असंतोष साथ साथ चलते है, लेकिन असंतोष व्यक्त करने वाले प्रदर्शनों को अकेले निर्दिष्ट स्थानों पर होना चाहिए।

बिखरी हुई सामाजिक संरचना और तिनके सिलता वात्सल्यग्राम: आज की जरुरत

समाज की इस एक अनदेखी पहेली की ओर सरकारों ने ध्यान देते हुए एक राष्ट्रीय वृद्धजन नीति का गठन किया है जिसमें वृद्धजनों को तमाम तरह की सुविधाओं के साथ साथ उनकी उचित देखभाल और सामाजिक सम्मान का ध्यान रखे जाने योग्य प्रावधान किये गए हैं किन्तु ये सभी जानते हैं कि सरकारी नीतियों से किसका कितना ही ध्येय पूर्ण होता है।

११वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस आज, अब ई-मतदाता पहचान पत्र कर सकेंगे डाऊनलोड

आज राष्ट्र ग्यारहवाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है, यह दिवस वर्ष १९५० में आज ही के दिन, चुनाव आयोग की स्थापना के उपलक्ष्य में वर्ष २०११ से मनाया जा रहा है।

Latest News

Recently Popular