"तना देहमु, तना गेहमु,तना कालमु तना धनम्भु तना विद्याजगज्जनुलके विनियोगिंचिनाघनुडी वीरेशलिंगकवि जनुलारा!"
अर्थात् "अपना तन, मन, धन, निवास, समय और विद्या सब कुछ जनता के...
16 अप्रैल को ही भारत में इस प्रकल्प की शुरुआत हुई थी। रेल तबसे आज तक देश की धड़कन बन चुकी है। जो जिम्मेदारी मानव शरीर में खून की है, वही जिम्मेदारी देश के विकास में रेल निभाती है।
डोकलाम विवाद के समय, देश का एक प्रमुख राजनेता चीनी राजदूत से मिलने जाता है, रात के स्याह अंधेरों में मुलाकात होती है, और गौर कीजिये उसके बाद से ही वो राफेल डील के बेसुरे नगमे चिंघाड़ने लगता है। यहाँ सवाल ये है, कि क्यूँ इसमें आपको देशद्रोह नहीं दिखता? क्यूँ उसका हर दौरा विशेष रुप से गुप्त रखा जाता है?
छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम योद्धा, कुशल रणनीतिकार और सामाजिक रूप से वसुधैव कुटुंबकम के प्रणेता थे। उनकी महान सोच और उनकी दूरदृष्टि ने मराठा साम्राज्य की नींव डाली जिसने संख्या में कम होने के बाद भी दक्कन में निज़ाम और उत्तर में मुगलों को लालकिले ही हद तक सीमित कर दिया था।
आपको इस बौद्धिक पिछड़े के लिए कहीं बेवकूफी मिले, तो इसको इत्तला करें, वैसे उसके दरबारी पत्तलकार और चाटुकार इसे सदी की महानतम लव स्टोरी बता वैलेंटाइन वीक का मजा ले रहे हैं।
एक समाज, एक व्यवस्था एक देश के नाते हमें अब ये तय करना होगा कि ऐसे कोई भी मुँह उठा कर दिल्ली न घेरने लगे, किसान गरीब मजदूर जैसे जार्गन्स से ऊपर उठ कर देश को ध्यान में रखना होगा तभी इन विदेशी नाचने वाली पॉप और पोर्न स्टार्स से लड़ और जीत पाएंगे।
समाज की इस एक अनदेखी पहेली की ओर सरकारों ने ध्यान देते हुए एक राष्ट्रीय वृद्धजन नीति का गठन किया है जिसमें वृद्धजनों को तमाम तरह की सुविधाओं के साथ साथ उनकी उचित देखभाल और सामाजिक सम्मान का ध्यान रखे जाने योग्य प्रावधान किये गए हैं किन्तु ये सभी जानते हैं कि सरकारी नीतियों से किसका कितना ही ध्येय पूर्ण होता है।
Shri Maharaj Ji is a renowned name in the international and national circuits. He is the core founder of the VatsalyaGram, the well-known concept of its kind.
प्रशासकों को जवाबदेह होना होगा जिनकी असफलता देश की शर्मिंदगी का सबब बन जाती है, जिनके लिए हवाई यात्रा और तमाम सुविधाए मुफ्त हैं और जो अपने आप को बिना ताज का महाराज समझ आम जनता को हिकारत की नजर से देख भ्रष्टाचार में भी हाथ आजमा लेता है।
पेंटर हुसैन हो या ताजातरीन केस ऑफ़ मुनव्वर फारुकी, ये सेलेक्टिवली सेक्युलर लोग हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करने में खुद को कूल डूड समझ पैसा कमाते हैं।