Thursday, April 25, 2024

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नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती विशेष: हर भारतीयों के लिए पराक्रम के प्रतीक

भारत माता के सपूत के स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को केंद्र सरकार ने हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।

पराक्रम दिवस, कुछ ऐतिहासिक तथ्य और नेताजी से प्रेरणा पाता आत्मनिर्भर भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर अग्रसर हो रहा देश बार बार नेताजी से प्रेरणा पाता है। उन्होंने कहा कि आज हम स्त्रियों के सशक्तिकरण की बात करते हैं नेताजी ने उस समय ही आज़ाद हिन्द फौज में ‘रानी झाँसी रेजिमेंट’ बनाकर देश की बेटियों को भी सेना में शामिल होकर देश के लिए बलिदान देने के लिए प्रेरित किया।

महापुरुषों के जीवन-निकष पर हम कितना खरा उतर पाए हैं?

संपूर्ण विश्व में न्याय, समानता एवं स्वतंत्रता के पैरोकार एवं प्रशंसक नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रेरणा ग्रहण करते हैं और करते रहेंगें। उनकी प्रतिभा एवं देशभक्ति, जीवटता एवं संघर्षशीलता, साहस एवं स्वाभिमान, स्वानुशासन एवं आत्मविश्वास, संगठन एवं नेतृत्व-कौशल, ध्येय एवं समर्पण सहसा विस्मित करने वाला है।

खालसा पंथ की सिरजना के पीछे का ध्येय और गुरु गोबिंद सिंह जी

गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा स्थापित खालसा पंथ और उनकी बलिदानी परंपरा के महात्म्य को समझने के लिए हमें तत्कालीन धार्मिक-सामाजिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि और परिस्थितियों पर विचार करना होगा।

कश्मीरी हिन्दूओ का नरसंहार और 31 साल का इंतजार

19 जनवरी 1990 का वो दिन कोई भी कश्मीरी हिन्दू कभी नहीं भूल सकता। 19 जनवरी 1990 का वो दिन न सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक काला दिन है।

धार्मिक आतंकवाद

समाज का एक धड़ा है जो कि शकुनि और मंथरा से भी लाखों गुना कपटी और क्रूर है, जो धर्मनिपेक्षता, उदारवादिता और बुद्धिजीविता का नक़ली मुखौटा लगाये आपकी मानकिसकता पर क़ब्ज़ा कर आपके आत्मसम्मान और पहचान को अपंग बनाये बैठा है।

पराजय नहीं, गौरवपूर्ण इतिहास है हमारा…

महाराणा का जीवन वर्तमान का निकष है, उनका व्यक्तित्व स्वयं के मूल्यांकन-विश्लेषण का दर्पण है। क्या हम अपने गौरव, अपनी धरोहर, अपने अतीत को सहेज-सँभालकर रख पाए? क्या हम अपने महापुरुषों, उनके द्वारा स्थापित मानबिन्दुओं, जीवन-मूल्यों की रक्षा कर सके?

तां ड व !

OTT पर वेब सीरीज के नाम पर सेक्स, गालिया और नग्नता परोसी जाती ये तो हम सब जानते है। पर शायद पहली बार समाज...

लोकतंत्र, अमेरिका और सत्ता परिवर्तन

प्रशासकों को जवाबदेह होना होगा जिनकी असफलता देश की शर्मिंदगी का सबब बन जाती है, जिनके लिए हवाई यात्रा और तमाम सुविधाए मुफ्त हैं और जो अपने आप को बिना ताज का महाराज समझ आम जनता को हिकारत की नजर से देख भ्रष्टाचार में भी हाथ आजमा लेता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस और प्रधानमंत्री मोदी की अपील

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है, लेकिन बात युवाओं की हो रही थी इसलिए मोदीजी सिर्फ स्वामीजी तक ही नहीं रुके। उन्होंने खुदीराम बोस की बात की, भगत सिंह की बात की, भगवान बिरसा मुंडा की बात की। उन युवाओं की बात की जिन्होंने हमारे सामने उदाहरण पेश किये।

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