Thursday, March 28, 2024

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आयुर्वेद की पहचान की लडाई

ये IMA वालों की चाल आज से नहीं है आयुर्वेद, योग ख़त्म करने की ये बहुत बरसों से चला आ रहा है क्यूंकि आयुर्वेद, योग बिना खर्च के बीमारी ठीक करता है ऐसे में तो इनका एकाधिकार ख़त्म हो जायेगाl

बेलगाम इंटरनेट मीडिया पर नकेल कितनी जरूरी?

यह वक्त की माँग हैं कि बेलगाम इंटरनेट मीडिया पर लगाम जरूरी हैं। भारत जैसे विशाल उपभोक्ताओं वाले नेटवर्क से भारी भरकम मुनाफा कमाने वाली इन दिग्गज विदेशी कम्पनियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिये।

क्या ‘पश्चिम केन्द्रित’ सोशल मीडिया तय करेगा सही-गलत की परिभाषा?

सोशल मिडिया, ऊपर से भारत जैसा युवा वाला देश सोशल मिडिया उपयोग कर्ता की भरमार, सस्ता इन्टरनेट, खूब मनोरंजन और ऊपर से राजनैतिक चर्चाये आज बात सोशल मिडिया की खूबियों की नही बात होगी इस पर पश्चिम के अधिपत्य की।

ब्रह्माण्ड के प्रथम विवेकशील यशस्वी पत्रकार देवर्षि नारद

देवर्षि नारद को ब्रह्माण्ड का प्रथम पत्रकार कहा जाता है क्योंकि इन्हें तीनों लोकों में वायु मार्ग द्वारा विचरण करने का वरदान तो प्राप्त था ही, इसलिये ये तीनों लोकों में वीणा बजाते, नारायण नारायण करते, बिना किसी भेद भाव के सूचना पहुंचा देते थे।

नारदा स्टिंग ऑपरेशन और तहलका

क्या आपको कुछ नाम याद हैं जैसे तरुण तेजपाल या तहलका आदि? नहीं, शायद याद रखना मुश्किल है लेकिन अब हम एक शर्ट के धागे को उधेड़ने जा रहे हैं जो पुरानी है लेकिन फिर भी सार्थक और फायदेमंद है।

भारतीय सुरक्षा बल कैसे बदल गए हैं

पिछले छह वर्षों में मोदी सरकार द्वारा विभिन्न देशों से खरीदे गए और स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित हथियारों और गोला-बारूद की एक बड़ी सूची है। इसलिए सशस्त्र बलों पर खर्च पहले की सरकार के खर्च की तुलना में बहुत अधिक है।

जागते रहो! स्लीपर सेल पूरी तरह मजबूत और सक्रिय है

स्लीपर सेल की लॉबी इतनी सक्रिय और मजबूत है कि देश के प्रमुख वैचारिक केंद्रों में अभी तक इन लोगों का कब्जा जमा हुआ है और देश में देशविरोधी नरैटिव को चलाने में इन्हें महारत हासिल है

पत्रकार राजकुमार केसवानी का निधन: वो पत्रकार जिसकी बात तब सरकार मानती तो नहीं होती भोपाल गैस त्रासदी

केसवानी की रिपोर्टें वहां के आलाकमानों को पसंद नहीं आ रही थीं। सो नौकरी से हाथ धो बैठे। मगर जो मौत का साया कंपनी से निकलने वाले वेस्ट और वहां के कामगारों को आने वाले कल में चिताओं पर लेटे देख चुका हो, वह चुप कैसे बैठ सकता था।

कोरोना: सीखने के लिए सबक

बेहतर पर्यावरण के लिए, कुछ सबक, सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार और आत्मानिर्भर भारत।

सरकार ने Whatsapp को चेतावनी दी, नई गोपनीयता नीति वापस ले, या कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा

WhatsApp ने भारत समेत कई देशों में अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू कर दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने व्हाट्सएप पॉलिसी पर केंद्र सरकार और व्हाट्सएप से भी जवाब मांगा।

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