पाखंड पर टिकी राजनीति!:- 2019 से पहले के चुनावों के दौरान मंदिरों में जाने, ललाट पर टीका लगाने एवं दतात्रेय गोत्र का पाखंड करने के बावजूद राहुल कहीं भी कांग्रेस को विजय नहीं दिला पाए। इन तथ्यों को जानते हुए भी केरल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बीच सड़क पर आम जनता के सामने गाय के बछड़े की हत्या कर उसका मांस पकाकर खाया गया। ऐसी 2017 की निकृष्टतम/बर्बरतम घटना पर मौन धारण करने वाली प्रियंका वाड्रा 2022 में उ.प्र.के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही गाय की लाशों की तस्वीर देख कर उ.प्र. के मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि मृत गायों की यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के ललितपुर की है।
वाड्राईन ने आगे लिखा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि गायों की मृत्यु कैसे हुई। फिर भी वह इस निष्कर्ष पर पहुँची हैं कि संभवत: गायों कि मृत्यु भुखमरी से हुई है। कुछ समय बाद पता चला कि ख़बर फ़र्ज़ी (फ़ेक) है, और ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। इसके बाद उ.प्र.के आधिकारिक फैक्ट चेकिंग हैंडल आई.पी.आर.डी ने ललितपुर गोशाला के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के हवाले से ट्विटर हैंडल पर बताया कि ललितपुर गोशाला के आस-पास गाय की कोई लाश नहीं मिली है।
उ.प्र.विधानसभा चुनाव को ज्यादा समय नहीं बचा है। इसलिए कांग्रेस का गाय के प्रति स्नेह और समर्पण बढ़ना स्वाभाविक हैं। क्योंकि उ.प्र.में कांग्रेस के पास वाड्राईन के अलावा मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी नहीं है।
ऐसी स्थिति में गौ- प्रेम का पाखंड करती वाड्राईन फ़ेक न्यूज़ के फेर में उलझ कर रह गई!