Friday, April 26, 2024
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देश के आठ “चिट्ठी बादशाहों” की चिट्ठी

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Nagendra Pratap Singh
Nagendra Pratap Singhhttp://kanoonforall.com
An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.

मित्रों जब से तथाकथित महान शिक्षामंत्री श्री मनीष सिसोदिया जी की CBI के द्वारा पूछताछ के पश्चात गिरफ्तारी की गयी है, तब से चिटठियों का दौर शुरु हो गया है। श्री मनीष सिसोदिया जी तुरूंगवास से चिट्ठी लिख र20 हैँ और तुरूंगवास में जाने से बचने के लिए उनके जैसे कार्लमार्क्स सरीखे बादशाह विश्व के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी को चिट्ठी लिख रहे हैँ।

आइये देश के कार्लमार्क्स सरीखे जिन आठ बादशाहों ने प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखी है, उनके बारे में अल्प विश्लेषण कर लेते हैँ:-

चिट्ठी का सार है, “ED, CBI, EOW या पुलिस जैसी सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग हो रहा है। ये केवल विपक्षियों की आवाज को दबाने के लिए कार्य कर रही हैँ।

हे मित्रों उपर्युक्त चिट्ठी को लिखने वाले जो बादशाह हैँ उनकी कथनी और करनी में जो स्पष्ट अंतर है, उसे देखने के पश्चात हि हम उचित और समुचित रूप से समझ पाएंगे कि आखिर इन बादशाहों को जो दर्द हो रहा है उसमें वास्तविकता कितनी है!

प्रथम चिट्ठीवीर बादशाह:-

के चंद्रशेखर राव:- हे मित्रों ये हमारे देश के तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री हैँ। तेलंगाना में इनकी बादशाहत कायम है। कलवकुंतला कविता, इनकी सुपुत्री हैँ। इन पर मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ED ) इसी संदर्भ में जांच कर रही है। आपको बता दे कि “आम आदमी पार्टी के मीडिया (संचार) प्रभारी श्रीमान विजय नायर ने मनीष सिसोदिया तथा पार्टी के अन्य बड़े नेताओं की ओर से काम करते हुए दिल्ली में हुए शराब घोटाले के अंतर्गत भारत के दक्षिणी क्षेत्र के शराब व्यवसायियों से १०० करोड़ रुपये कि रिश्वत प्राप्त की। इन व्यवसायियों में के चंद्रशेखर राव जी की सुपुत्री कलवकुंतला कविता भी सम्मिलित हैँ।

ED के अनुसार कलवकुंतला कविता के साथ आंध्र प्रदेश के ओंगोल से वाईएसआरसीपी के लोकसभा सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुन्टा और हैदराबाद स्थित अरबिंदो फार्मा के संस्थापक पीवी रामप्रसाद रेड्डी के बेटे पी सरथ चंद्र रेड्डी भी सम्मिलित हैँ। 

आपको ये भी बता दे कि कलवकुंतला कविता और् उनके सथियोन कि ओर से अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण पिल्लई और बुचिबाबू गोरंटला ने इस सम्पूर्ण सौदे को अंजाम दिया था। ED के अनुसार कलवकुंतला कविता के पास शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स में ६५ फीसदी हिस्सेदारी है!हैदराबाद के काराबोरी अरुण रामचंद्रन पिल्लई (कलवकुंतला कविता और उनके साथियों के प्रतिनिधि) को पहले हि गिरफ्तार किया जा चुका है। अब कलवकुंतला कविता  से ED द्वारा पूछताछ की जा रही है। मित्रों आप स्वयं इनके दर्द को महसूस कर सकते हैँ और समझ सकते हैँ कि “चिट्ठी के पीछे क्या है”!

दूसरे चिट्ठीवीर बादशाह:-

तेजस्वी यादव:- श्री तेजस्वी यादव जी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, देश के पुर्व रेलमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव जी के सुपुत्र हैँ। इनकी माताजी श्रीमती राबड़ी देवी जी भी मुख्यमंत्री थी। तेजस्वी यादव जी के शिक्षा पर तो बात करना हि व्यर्थ है। इनके पिता श्री लालू प्रसाद यादव जी “चारा घोटाले” में मुख्य अभियुक्त थे और तुरंगवास भोग कर तुरुंग से बाहर आ चुके हैँ। मित्रों “लैंड फॉर जॉब” नामक घोटाले में ED ने तेजस्वी यादव जी (जो स्वयं बिहार के उप मुख्यमंत्री हैँ) तथा उनके परिवार और सगे संबंधियों के कई ठिकानों पर छापे की कार्यवाही की और १ करोड़ रुपये नकद, १९०० अमेरिकी डालर, कई किलो सोने चांदी के आभूषण और अत्यंत गोपनीय दस्तावेज जब्त किये। इस “लैंड फॉर जॉब” घोटाले में तेजस्वी सहित उनके परिवार का लगभग हर सदस्य जाँच के घेरे में है। अब उनकी पेशी आदरणीय न्यायालय में भी शुरु होने वाली है। ED के अनुसार ये करीब ६०० करोड़ का घोटाला है। इसे “लारा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड” नामक कम्पनी की आड़ में किया गया है। इस कंपनी के अधिकांश शेयर लालू, राबड़ी, तेजस्वी, तेज प्रताप, और उनकी कुछ बहनो के नाम पर है। सरकारी एजेंसी ने तेजस्वी जी को तिन बार सम्मन भेजा है पर एक बार भी वे उपस्थित नहीं हुए हैँ। मित्रों आप समझ गये होंगे की आखिर तेजस्वी जी के द्वारा लिखी गयी “चिट्ठी के पीछे क्या है”!

तीसरे चिट्ठीवीर बादशाह:- अखिलेश यादव जी

हे मित्रों जैसा की आपको पता हि है कि श्री अखिलेश यादव जी स्व श्री मुलायम सिंह यादव जी के सुपुत्र हैँ। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की तरह राजनीति भी इन्हें विरासत में मिली है। इनके पिता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे। अखिलेश यादव जी भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। आजकल मुख्य विपक्षी दल के नेता के रूप में जिंदा हैँ। हे मित्रों गोमती रिवर फ्रंट घोटाला का नाम तो आपने अवश्य सुना होगा। यह घोटाला श्री अखिलेश यादव जी के शाशनकाल में हि हुआ था। सीबीआई ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में  लखनऊ, नोएडा ,देहरादून से लेकर आगरा में एक साथ ४०  अलग -अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कार्रवाई की थी। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन विंग की तरफ से यह बड़ी कार्रवाई हुई थी। इस गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में करीब १९० लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। माननीय अखिलेश यादव जी को यह घोटाला सोने नहीं देता, क्योंकि जाँच अभी भी जिंदा है।

मित्रों देश की सबसे बड़ी ऑडिट एजेंसी CAG (The Comptroller and Auditor General of India) ने दिनाक ३१ मार्च, २०१७-१८ तक (जब अखिलेश यादव जी का शाशन था) उत्तर प्रदेश में खर्च किये गये बजट की जांच की तो उत्तर प्रदेश में सरकारी धन के दुरूपयोग और भारी घपले का खुलासा हुआ जो कि लगभग ९७ हजार करोड़ की भारी-भरकम धनराशि वाला है। अब ये धनराशि कहां-कहां और कैसे कैसे खर्च हुई, इसका कोई हिसाब-किताब ही नहींहै। कैग ने अपनी रिपोर्ट में  उजागर किया कि, अखिलेश सरकार में सरकारी धन की जमकर लूट हुई है। सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर ९७ हजार करोड़ रुपए के सरकारी धन का बंदरबांट हुआ!  सबसे ज्यादा घोटाला समाज कल्याण, शिक्षा और पंचायतीराज विभाग में हुआ है। इन तीन विभागों में हि केवल् २५ से २६ हजार करोड़ रुपये कहां खर्च हुए कुछ पता नहीं है, विभागीय अफसरों ने हिसाब-किताब की रिपोर्ट ही नहीं दी है। ये जाँच भी चल रही है। मित्रों ऐसे कई घोटालों की फ़ाइल अभी क्रियाशील है अत: अखिलेश जी के दर्द को महसूस किया जा सकता है। आप समझ गये होंगे कि “चिट्ठी के पीछे क्या है”!

चौथे  चिट्ठीवीर बादशाह :- फारुख अब्दुल्ला

मित्रों इस व्यक्ति को हमारा देश कैसे भूल सकता है जिस समय खून पिने वाले मानव रूपी भेड़िये कश्मीरी हिन्दुओं का खून पी रहे थे, उनकी महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे थे बलपूर्वक कश्मीर से भागने को विवश कर रहे थे, उस समय ये जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री लन्दन जाकर वंहा की रंगीन दुनिया के आनंद में लोट रहा था। इन्ही महाशय ने धमकी दी थी कि “कश्मीर से अनुच्छेद ३७० को किसी का बाप भी नहीं हटा सकता”। खैर इन सबके अतिरिक्त आपको बताते चलें की ये स्वयं भी घोटाले में आरोपी हैं। JKCA से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला का भी इसमें नाम है।  यह घोटाला जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) से जुड़ा है। इसमें 21.55 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति पहले ही अटैच की जा चुकी है, जिसमे फारूक अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा, मीर मंजू की सम्पत्तियाँ शामिल हैं। अब आप स्वयं सोच सकते हैं कि “चिट्ठी के पीछे क्या है।”

पांचवे चिट्ठीवीर (महिला) बादशाह: ममता बनर्जी

मित्रों इन्हें कौन नहीं जानता। ये भारत की राजनीति की सर्वमान्य दीदी हैं। वर्ष २०११ में बंगाल की सत्ता पाने वाली ममता बनर्जी आज तक पुरे तामधाम से शाशन कर रही हैं। इनकी पार्टी  के करीब २५ विधायक ED-CBI के रडार पर हैं। इनमें TMC के मोस्ट सीनियर लीडर भी शामिल हैं। CBI ने अनुब्रत मंडल को बोलापुर में उनके घर से गिरफ्तार किया था। अनुब्रत ममता के सबसे खास लोगों में से हैं। वे बीरभूम जिले में पार्टी के चीफ भी हैं। गिरफ्तारी के पहले CBI ने उन्हें 10 बार नोटिस दिए, लेकिन वे जांच में शामिल नहीं हुए। इसके बाद उन्हें अरेस्ट किया गया। अनुब्रत को गौ-तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनसे जुड़ी ४९ प्रॉपर्टी डीड भी CBI ने कोर्ट में दी हैं।

इसी तरह शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता की गिरफ्तारी हो चुकी है। पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के पास से ५० करोड़ रुपए और ५ किलो सोना बरामद किया गया था। ममता बनर्जी के भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी कोयला घोटाले में ED की जांच का सामना कर रहे हैं। अभिषेक और उनकी पत्नी रुजिरा को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया जा चुका है। शारदा चिटफंड घोटाला, पश्चिम  बंगाल का सबसे बड़ा आर्थिक घोटाला कहा जाता है। शारदा नाम की कंपनी के जरिए करीब 10 लाख लोगों को ठगा गया। 40 हजार करोड़ रुपए के हेरफेर का अनुमान है। यह घोटाला वर्ष २०१३ में उजागर हुआ और जांच अभी तक चल रही है। इस घोटाले का पता रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच के दौरान चला था। रोज वैली कंपनी ने ४६४ करोड़ रुपए का चिटफंड घोटाला किया। लोगों को निवेश पर ज्यादा रिटर्न का लालच दिया गया। घोटाले में आरोपी गौतम कुंडु वर्ष २०१५ से जेल में है। नारदा स्टिंग ऑपरेशन:- वर्ष २०१६ में विधानसभा चुनाव के पहले इस स्टिंग के टेप वायरल किए गए थे। इसमें TMC के मंत्री, सांसद और विधायक को कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपए लेते दिखाया गया था। यह ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। मित्रों आपको पता चल ही गया होगा कि आखिर ममता दीदी को चिट्ठी लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ी। “चिट्ठी के पीछे क्या है “स्पष्ट है।

अब मित्रों छठे चिट्ठी बादशाह तो स्वयं केजरीवाल ही हैं, जी हाँ, अब इनके सामने समस्या ये है कि “क्या निचोड़े और क्या नहाएं”। सत्येंद्र जैन जी मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में अंदर, मनीष सिशोदिया जी शराब घोटाले के अपराध में अंदर, ताहिर हुसैन, दिल्ली में हुए दंगो को मास्टर माइंड इसीलिए जेल में, अमानतुल्लाह खान, जेल से अभी अभी वापस आये हैं, सोमनाथ भारती, अपनी पत्नी के साथ घरेलु हिंसा के अपराध में सजा भोग कर वापस आये, एक अन्य नेता राशन कार्ड बनवाने के नाम पर महिलाओ के साथ हमबिस्तरी करते पकड़े गए, एक अन्य नेता फर्जी डिग्री के मामले में अपराधी घोषित किये जा चुके हैं, दो पंजाब के आम आदमी पार्टी के मंत्री रिश्वत लेने के अपराध में बर्खास्त किये जा चुके हैं तथा हरियाणा की एक परिषद निशा सिंह पुलिस के विरुद्ध दंगे भड़काने के अपराध में सात वर्ष की सजा भुगत रही हैं। अब अरविन्द केजरीवाल स्वयं ED और CBI के रडार पर हैं। तो मित्रों निसंदेह इनकी “चिट्ठी के पीछे का दर्द तो आपको पता चल ही गया होगा।

अन्य दो चिट्ठीबाजो के बारे में चर्चा और परिचर्चा करने का कोई लाभ नहीं होने वाला, क्योंकि वो इन छह चिट्ठीबाजो के समकक्ष नहीं तो उनसे कम भी नहीं होंगे। आप स्वयं अनुमान लगा सकते हैं कि क्या सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है या इन नेताओ के कुकर्म लौट कर इनके पास आ रहे हैं और इनके पास इनसे बचने का कोई मार्ग नहीं दिखाई पड़ रहा है।

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