Friday, April 26, 2024
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NDTV के बिकने का सच

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Nagendra Pratap Singh
Nagendra Pratap Singhhttp://kanoonforall.com
An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.

जी हाँ मित्रों आजकल एक शोर चारों ओर मचाया जा रहा है कि NDTV को अडानी समूह असंवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर खरीद रहा है।आइये देखते हैं इसके पीछे का सच क्या है।

मित्रों NDTV के जीवन में दो व्यक्तियों का प्रमुख स्थान है। एक है श्रीमती राधिका राय और दूसरे हैं श्री प्रणव राय। श्री प्रणव राय के पिताजी का नाम श्री पी एल हरिकेन राय था ये कलकत्ता में रहा करते थे। इनके दादाजी श्री परेश लाल जी कलकत्ता में यातायात अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे। वे एक मुक्केबाज भी थे और उन्हें भारत मे मुक्केबाजी के जनक के रूप में देखा जाता है। प्रणव राय दिनांक १५ अक्टुबर १९४९ को हुआ था।राधिका दास जी के पिताजी का नाम श्री सूरज लाल दास था जो विभाजन के दौरान भारत आए और कलकत्ता में बस गए। राधिका का जन्म ७ मई १९४९ को हुआ था। 

प्रणव राय और राधिका दास की प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के देहरादून नामक स्थान पर हुई थी, वहीँ पर किशोरावास्था में उन दोनों की मुलाकात हुई। उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु वे लन्दन चलें गए। वही उन्होंने विवाह कर लिया और शिक्षा प्राप्त कर लेने के पश्चात दिल्ली में आकर बस गए।राधिका दास जो अब राधिका राव बन चुकी थी, ने The Indian Express में एक पत्रकार के रूप में कैरी किया और इसे छोड़ने के पश्चात “इंडिया टुडे” पत्रिका के लिए “News Coordinator” के रूप में भी कार्य किया।

उस दौरान समाचार चैनल के नाम पर अपने दुरदर्शन का बोलबाला था, कोई भारतीय प्राइवेट न्यूज़ चैनल मैदान में नहीं था। ये दुरदर्शन का कार्यभार सम्हालने वाले व्यक्तियों को नागवार गुजर रहा था।

वर्ष १९८४ ई में राधिका ने अपने इकोनॉमिस्ट पति प्रणव के साथ मिलकर NDTV अर्थात न्यू दिल्ली टेली विजन के नाम से एक कम्पनी बनाई। यह सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन और अंतरराष्ट्रीय उपग्रह चैनलों द्वारा अनुबंधित समाचार खंडों के लिए एक प्रोडक्शन हाउस के रूप में शुरू हुआ और भारत में पहले स्वतंत्र समाचार नेटवर्क में परिवर्तित हो गया। इसे दुरदर्शन के भविष्य की कीमत पर आगे बढ़ाया गया और इसकी शुरुवात ” The World This Week” नामक एक आधे घंटे के समाचार कार्यक्रम के साथ हुई, जिसे दुरदर्शन पर आधे घंटे के लिए दिखाया जाता था।यह कर्यक्रम बहुत लोकप्रिय हुआ।

हिस्सेदारी:-

इस न्यू दिल्ली टेलीविजन (NDTV) कम्पनी के १६.३२℅ शेयर राधिका राय के पास हैं तथा १५.९५℅ शेयर प्रणव राय के पास हैं। इस कम्पनी पर अपनी पकड़ बनाये रखने के लिए राधिका और प्रणव ने एक होल्डिंग कम्पनी का निर्माण राधिका राय प्रणव राय (RRPR)” के नाम से किया और इस कम्पनी को २९.१८% शेयर का आवंटन कर दिया गया। इस प्रकार राधिका  और प्रणव ६१.४५℅ शेयर के साथ  अधिकतम शेयर धारक बन गए। 

चुंकि प्रणव, पी चिदम्बरम और मनमोहन सिंह जैसे उच्चकोटि के अर्थशास्त्री थे, अत: उन्होंने धनवान और रसूखदार लोगों को अपने साथ जोड़ना शुरू किया, इसी क्रम में उन्होंने मशहूर क्रिकेटर दिलीप सरदेसाई के पुत्र राजदीप सरदेसाई, असम के प्रसिद्ध विधिवेत्ता परिवार के अर्णव गोस्वामी तथा निधि राज़दान जो महाराज कृष्ण राज़दान की बेटी हैं, जों कि प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया समाचार एजेंसी के मुख्य संपादक हैं, इत्यादि को NDTV से समय समय पर जोड़ा, जिसका अभूतपूर्व लाभ उन्हें प्राप्त हुआ।१९९८ और २००३ के बीच, NDTV ने स्टार इंडिया के साथ अपने सभी समाचार खंडों का निर्माण करने के लिए एक विशेष समझौता किया था।

२००३ में, यह एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी 24×7 के नाम से जाने जाने वाले हिंदी और अंग्रेजी भाषा के समाचार चैनलों के एक साथ लॉन्च के साथ एक स्वतंत्र प्रसारण नेटवर्क बन गया। यह भारत का प्रथम न्यूज़ चैनल था, जो प्राइवेट सेक्टर से अस्तित्व में आया था।

बिकने की  पृष्ठभूमि:-

मित्रों NDTV के परेशानियों की पृष्ठभूमि वर्ष २००७ में शुरू हुई, जब प्रणव और राधिका ने NDTV को विस्तार देने का निर्णय लिया।जनवरी २००८ में, NDTV ने भारत में सामान्य मनोरंजन उद्योग में विस्तार करने के प्रयास में अमेरिकी मास मीडिया समूह NBCUniversal के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की। NBCUniversal ने NDTV कंपनी के लिए US$600 मिलियन के शुद्ध मूल्यांकन के साथ 26% हिस्सेदारी खरीदी और NDTV को संयुक्त राज्य अमेरिका में NBC द्वारा उपयोग किए जाने वाले टेलीविजन प्रारूप प्राप्त हुई।

समाचार एकत्र करने के खर्चों को सब्सिडी देने के लिए सामान्य मनोरंजन चैनलों का उपयोग करने वाले नेटवर्क के मॉडल को दोहराने के प्रयास में, नेटवर्क ने अपना पहला सामान्य मनोरंजन चैनल NDTV इमेजिन २१  जनवरी २००८ को लॉन्च किया। चैनल की लॉन्चिंग में अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट के सीईओ समीर नायर का भी सहयोग था, जो एनडीटीवी के साथ साझेदारी में थे। ऑपरेटिंग कंपनी NDTV इमेजिन लिमिटेड ने एक प्रोडक्शन स्टूडियो NDTV इमेजिन पिक्चर का आयोजन किया और संगीत और मनोरंजन चैनल NDTV इमेजिन शोबिज़ और बहुभाषी वर्ल्ड मूवीज़ चैनल NDTV Lumiere को लॉन्च करने के लिए दो साझेदारियों में प्रवेश किया।

 प्रणव और राधिका के द्वारा किया जाने वाला विस्तार का  प्रयास २००८  की वित्तीय दुर्घटना (आर्थिक मंदी)  के साथ हुए शुरू हुई और साझेदारी और बॉन्ड के माध्यम से विस्तार के लिए जुटाई गई धनराशि थोड़े समय के भीतर समाप्त हो गई। हुआ ऐसा की buy back वाली स्कीम के साथ शेयर की कीमत करीब ४२९ रुपये प्रत्येक शेयर थी जो आर्थिक मंदी के कारण करीब रुपये १००/- के स्तर पर गिर गया और इससे NDTV को बहुत घाटा हुआ। और अक्टूबर 2009 में, NBCUniversal ने साझेदारी से बाहर निकलने का फैसला किया और अपना हिस्सा वापस NDTV को बेच दिया।

 इस स्थिति से उबरने के लिए  उन्होंने बाजार से पैसा उठाने की कवायद शुरू की और विश्व प्रधान कामर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) नामक कम्पनी से इनकी होल्डिंग कम्पनी RRPR का एक जबरदस्त समझौता हुआ, जिसे कभी उजागर नहीं किया गया। इस कम्पनी ने करीब ४०१  करोड़ रुपये का ऋण उपल्ब्ध कराया परन्तु इस कम्पनी ने एक रुपया ब्याज के रूप में नहीं लिया, अपितु ये प्रावधान किया गया कि VCPL जब भी चाहे RRPR के २९.१८℅ शेयर को बेच सकेगा। अब यंहा पर यह ध्यान रखना होगा कि विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) कंपनी के मालिक Shinano Retail और एक और कम्पनी थी तथा ये दोनों कम्पनियां Reliance Industries Limited की subsidiary कम्पनियां थी। इसी Shinano Retail के माध्यम से Reliance Industry ने VCPL के द्वारा  प्रणव और राधिका को करीब ४०१ करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया था

इसके अलावा NDTV ने जिस प्रकार २००२ में गोधरा में हुए दंगो लेकर एकतरफा गंदगी और झूठ परोसा था, वो कुकर्म भी उनके सामने आ गया। NDTV को पूरा भरोसा था की नरेंद्र मोदी जी कभी प्रधान मंत्री बन ही नहीं सकते इसीलिए जानबूझकर बहुत सारा झूठ और फरेब परोस रहे थे। वर्ष २०१५ में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के कथित उल्लंघन पर एक नोटिस दिया। वर्ष  २०१६  में, हिंदी भाषा के समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया को सरकार द्वारा इस आरोप पर प्रतिबंधित कर दिया गया था कि चैनल ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहा था। उसी वर्ष, आयकर विभाग (आईटीडी) ने एक कर पुनर्मूल्यांकन नोटिस दिया जिसमें आरोप लगाया गया कि कंपनी ने वित्तीय वर्ष २००९-१०  में कर चोरी की थी।

कानून मंत्रालय के तहत काम करने वाले आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की दिल्ली पीठ ने विभाग के निष्कर्षों को बरकरार रखा और कंपनी को दंड के साथ कराधान के पुनर्मूल्यांकन के लिए उत्तरदायी ठहराया। निष्कर्षों के अनुसार, कंपनी ने कथित तौर पर टैक्स से बचने के लिए जनरल इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी NBC यूनिवर्सल के साथ एक जटिल मनी लॉन्ड्रिंग योजना में मिलीभगत की थी।

आपको बताते चले की इसके अतिरिक्त भी NDTV की पत्रकार बरखा दत्त ने कई बार देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हुए पत्रकारिता के नियमो की धज्जियां उड़ा कर रख दी थी। खैर जैसा की ऊपर मैं पहले ही बता चूका हूँ की VCPL ने ४०१ रुपये के दिए गए ऋण के बदले RRPR के २९. १८  शेयर को बेचने का अधिकार प्राप्त कर लिया था, अत: अगस्त २०२२ में अडानी समूह ने NDTV को क्रय करने की बोली लगाई |बोली 23 अगस्त 2022 को शुरू हुई, जब अडानी मीडिया ने ₹११३.७४  करोड़ (US$14 मिलियन) के मूल्य पर विश्वप्रधान कमर्शियल (VCPL) का अधिग्रहण किया।

VCPL का अधिग्रहण करते ही अदानी समूह ने उसी दिन एक घोषणा जारी की कि वह वीसीपीएल के पास मौजूद वारंटों के अधिकारों का प्रयोग कर रहा है और आरआरपीआर का ९९ .९५% प्राप्त कर रहा है, जिससे अडानी समूह को एनडीटीवी में लगभग पूरे २९ .१८ % की हिस्सेदारी मिल गई है। अब चूँकि NDTV के २९. १८% शेयर अडानी समूह के पास आ चुके हैं तो प्रणव और राधिका के पास केवल लगभग ३२%शेयर ही बचे।

आइये देखते हैं की VCPL के अधिग्रहण के पश्चात किसके पास कितने शेयर हैं।

प्रणव राय १५.९५℅

राधिका राय १६.३२℅

अडानी समूह २९.१८ %

मारिसस की कंपनी एल टी एस इन्वेस्टमेंट फण्ड ९.७५ %

और विकास इंडिया इ आई एफ आई फण्ड ४.४२%

अब आपको यंहा बताते चले की एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड का विशेष रूप से १३ भारतीय कंपनियों में कुल ₹१९३२८ करोड़ (२.४  बिलियन अमेरिकी डॉलर) का निवेश है, जिनमें से ४ कम्पनिया अडानी समूह से संबंधित हैं और इन ४ में एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड का निवेश उनके कुल निवेश का लगभग ९८% है, जिसकी कीमत ₹१८९१६.७ करोड़ है। बिलियन)। अत: इस प्रकार देखा जाये तो केवल २४.३८ % शेयर ही बाजार में उपलब्ध हैं, जिसे खरीदने का खुला निमत्रण अडानी ग्रुप ने दे रखा है और उम्मीद है की अच्छी कीमत मिलने पर शेयर धारको द्वारा अपने शेयर अडानी समूह को बेचे जा सकते हैं, अत: उपर्युक्त तथ्यों पर यदि सूक्ष्मता से अध्ययन किया जाये तो प्रणव और राधिका आज भी अधिकतम शेयर धारक होने के नाते NDTV के मालिक है, अत: ये कहना की NDTV बिक गया ये थोड़ा झूठ होगा।

और साथ में ये कहना तो सबसे बड़ा झूठ और फरेब होगा की प्रणव राय और राधिका राय को उपर्युक्त तथ्यों के बारे में मालूम नहीं था। प्रणव और राधिका अच्छे तरिके से जानते थे की VCPL को ये अधिकार है की RRRR के २९.१८% शेयर को बेच देने का अधिकार है। प्रणव और राधिका को ये भी पता था की मारिषस की कंपनी एल टी एस इन्वेस्टमेंट फण्ड जिसे ९.७५ % शेयर प्रणव और राधिका ने बेचे थे उसका समबन्ध भी अडानी समूह से था। अत: ये तथ्य है अकाट्य जिसे कोई झुठला नहीं सकता।

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