जी हाँ मित्रों ज़रा सोचिए जो कांग्रेस
१:-केरल में मोपला दरिंदो द्वारा मासूम हिन्दुओ कि गई सामूहिक और हैवानियत भरी हत्या, लूट और बलात्कार का समर्थन करती है;
२:- गद्दार और हैवान कन्वर्ट मुसलिम मोहम्मद अली जिन्ना और उसके शागिर्द सोहराबवर्दि के “Direct Action Day” कि घोषणा और उस दिन मुसलिम लीग के खुनी दरिंदो द्वारा गर्भवति हिन्द महिलाओ के गर्भ को फाड़कर निकाली गई बच्चीयो के साथ किये जाने वाले बलात्कार का मौनपूर्वक आनंद लेती रही और हिन्दुओ के बहते खून का स्वाद लेती रही;
३:- नौवखालि में म्लेच्छ दरिंदो के द्वारा हिन्दुओ के कत्लेआम को आनंद और चटकारे से देखती रहती है;
४:- जिस का नाकारा नेता अपने गुरु के रहमोकरम पर अंग्रेजो के राजा के नाम पर शपथ लेते हुए प्रधानमंत्री बन जाता है और कहता है कि वो दुर्भाग्य से हिन्दू है,जिसका नेता सुरक्षा परिषद मे मिलने वाली सीट को दुश्मन देश चिन को सौप देता है;
५:- एंडर्सन नामक ईसाई दैत्य (जिसने भोपाल यूनियन कार्बाइड मे जमा कि गई MIC अर्थात मिथाइल आइसो साइनाइड का उपयोग करके एक हि रात में ३५०० से ज्यादा भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी और अगले एक हफ्ते मै १५ हजार से ज्यादा नागरिकों को दर्दनाक मौत दे दी) को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और उसे बचा भी लिया;
६:- जिसके सबसे बड़े नेता ने स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे को अपना भाई बताकर अंग्रेजो से उसे बचा लिया;
जिन्होंने गाँधी के वध के पश्चात् एक रात में हि महाराष्ट्र में करीब ५ हजार ब्राह्मणों का कत्ल किया क्योंकि गाँधी से भारत को छुटकारा दिलाने वाला महाविर उन्हीं की जाती का था;जिन्होंने वर्ष १९८४ में हजारों सिक्खों का कत्लेआम किया और इस कत्लेआम का समर्थन किया;जिन्होंने भारत से शांति सेना भेजकर हजारों तमिल हिन्दुओ का कत्ल करवाया;
७:- जिसके नेता खुले मंच से एलान करते हैं की वो बाबरी मस्जिद फिर से बनाएंगे;
८:- जिसके नेता कहते हैं की प्रभु श्रीराम काल्पनिक हैं;
९:- जिसके नेता कहते हैं की मंदिरो में लोग लड़कियां छेड़ने जाते हैं;
१०:- जिसके नेता राम सेतु को धोखे से बेचने की तैयारी कर लेते हैं;
११:- जिसके नेता कहते हैं कि देश के संसाधनों को पहला हक मुसलमानो का है;जिनके नेता देश के साथ गद्दारी करते हुए देश की सुरक्षा एजेंसी RAW के officers की खुफिया जानकारी ईरान को दे देते हैं;
१२:- जिसके नेता कहते हैं की कांग्रेस मुसलमानो की पार्टी है;
१३:- जिसके आधे दरजन से अधिक शीर्ष नेता जमानत पर हैं;
१४:- जिसके नेता कहते हैं की हम चिन से लगी सीमाओं पर सड़क और अन्य सुविधाएं नहीं बना सकते क्योंकि चिन नाराज हो जाएगा;
१५:- जिसके नेता जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद ३७० और ३५ अ के हटाए जाने का विरोध करते हैं;
१६:- जिनके नेता आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान का मजाक उड़ाते हैं;
१७:- जिनके शीर्ष नेता (गाँधी परिवार) अकेले चिन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी से देश के विरोध में गुप्त समझौता कर लेते हैं;
१८:-जिसके नेता सेना के पराक्रम पर सवाल उठाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी बताने लगते हैं;
१९:- जिसके नेताओं को हिन्दुओ कि समस्याओ को छोड़कर अन्य सभी की समस्याये नजर आती हैं;
२०:-जिसके नेता तिरंगा यात्रा को दंगा यात्रा बताने की होड़ में लग जाते हैं;
२१:- जिनके नेता जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी मे पल रहे सांपो के भारत तेरे टुकड़े होंगे वाले मंसूबों का समर्थन करते हैं;
२२:- जिनके नेता जम्मू कश्मीर से ४ लाख हिन्दुओ के पलायन और कई हजार हिन्दुओ के कत्लेआम का आनंद लेते हैं;
२३:- जिनके नेता दिल्ली में हुए दंगो में हैवानियत की सीमा पार कर जाने इस्लामिक आतंकियों के समर्थन में आ जाते हैं;
२४:- आतंकियों के मारे जाने पर जिनके नेताओं के आँखों में आँसू आ जाते हैं;
२५:- जो याकुब मेनन जैसे इस्लामिक आतंकवादी को बचाने के लिए आधी रात को सर्वोच्च न्यायालय को सुनवाई करने के लिए विवश कर देते हैं और
२६:- जो संसद पर आतंकी हमला करने वाले इस्लामिक आतंकी अफजल गुरु के समर्थन में आ जाते हैं;
२७:-जिनके नेता मुंबई में हुए २६/११ के आतंकी हमले को जानबूझकर भगवा से जोड़ने की कोशिश कर इसे भगवा आतंकवाद का रूप देने की कोशिश करते हैं;
२८:-जिनके नेता भारत के नोट छापने वाली मशीन को पाकिस्तान की एक कम्पनी को बेच देते हैं;
२९:- जिनके नेता एनरॉन कम्पनी कि ओर से अपने देश के विरुद्ध अंतराष्ट्रीय न्यायालय में पैरवी करते हैं और भारत के लिए पाकिस्तान का वकील नियुक्त करते हैं;
३०:- जिनके नेता सेना प्रमुख को सड़क का गुंडा कहते हैं;
३१:- जिनके नेता पुलवामा आतंकी हमले को भारत के हि लोगों द्वारा किया गया हमला बताकर पाकिस्तान की सहायता करते हैं;
३२:- जिनके नेता समझौता एक्सप्रेस में हुए हमले में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी को छोडकर स्वामी असीमानंद और अन्य मासूम हिन्दुओ को झूठे आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लेते हैं;
३३:- जिनके नेता केवल वोट बैंक की राजनीती के लिए मुसलिम तुष्टिकरण कि निति अपनाकर देश के नागरिकों को बांटकर राज करते आए हैं
भला ऐसे लोग भारत को जोड़ कैसे सकते हैं। कांग्रेस का तो इतिहास हि बताने के लिए पर्याप्त है कि इसके जिस नेता ने भी सम्पूर्ण भारत के विकास की पहल की उसे कांग्रेस दरकिनार कर दिया गया या फिर उसकी हत्या करवा दी गई हमारे स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
इस कांग्रेस ने हमेशा अपने आकाओ अर्थात अंग्रेजो द्वारा स्थापित फुट डालो और राज करो वाली निति अपनाई और अपनी सत्ता बनाये रखने के लिए मुसलिम तुष्टिकरण की निति अपनाई। आज भी ये कांग्रेस चाल, चरित्र और व्यवहार से अंग्रेजो की प्रतिलिपि है। याद रखिये मित्रों वैदिक सभ्यता के समकालीन जितनी भी सभ्यताएं थी (जैसे मिश्र की सभ्यता, मेसोपोटामिया की सभ्यता या फिर यूनानी सभ्यता) सभी को ईसाइयत और इस्लामियत ने नष्ट कर डाला, परन्तु आज तक वैदिक सभ्यता अपना वजूद कायम किये हुए है और इन ईसाइयत और इस्लामिक ताकतों के मध्य एक प्रकार का होड़ लगा हुआ है कि ये किस प्रकार वैदिकता को खत्म करके अपना वर्चस्व कायम करें। कांग्रेस और कुछ नहीं अपितु इन्ही का गठजोड़ है।
मित्रों याद रखिये “प्रामाण्यबुद्धिर्वेदेषु साधनानामनेकता।
उपास्यानामनियमः एतद् धर्मस्य लक्षणम्।।”
अर्थात:- वेदों में प्रमाणीकरण बुद्धि, साधना के रूप में विविधता, और पूजा के संबंध में नियमन का, यह केवल नियम ही नहीं बल्कि हमारे धर्म की विशेषताएं हैं।
मित्रों बहुत पहले एक किताब मैंने पढ़ी थी जिसका शीर्षक था ” The War of Civilisation ” इसके लेखक विदेशी मूल के हैं! इस किताब में इन्होने स्पष्ट रूप से लिखा है कि जब तक सनातन धर्म को मानने वाले हिन्दू जिंदा हैं, तभी तक ये पृथ्वी सुरक्षित है,क्योंकि ये हिन्दू हि है जिन्होंने कभी भी किसी भी युद्ध कि पहल नहीं की है। ये हिन्दू ही हैं जो जियो और जीने दो में विश्वास रखते हैं। ये सनातन धर्म ही है जो ” वसुधैव कुतुम्बकम” में विश्वास रखता है। विश्व का एकमात्र धर्म सनातन धर्म ही है जो सबको समान अधिकार देने की वकालत करता है।
मित्रों आगे इसी किताब में प्रथम और दूसरे युद्ध सहित अरब और यूरोप के सभी युद्धों का उदाहरण लेते हुए यह बताने की कोशिश की गई कि किस प्रकार ईसाइयत ने यूरोप में और इस्लाम ने अरब में और फिर इन दोनों ने अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अन्य भू भागो में अपना अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए कई सभ्यताओं को नष्ट कर डाला, इस धरा को ना जाने कितने करोड़ मासूमों के खून से रंग डाला। ईसाइयत और इस्लामिक विचारधारा केवल और केवल स्वार्थ से भरी हुई दो अलग अलग परिपाटीया है, जो एक दूसरे की जानी दुश्मन है, परन्तु जब सनातनी हिन्दू धर्म को मिटाने की बात आती है तो ये दोनों एक हो जाती हैं और एक दूसरे की सहायता करती हैं।
मित्रों ये सच है केवल सच की जब तक सनातन धर्म अपना वजूद कायम रखने सक्षम रहेगा तब तक ये संसार फलता फूलता रहेगा और यदि दानवी विचारधाराएं हमें मिटाने में कामयाब हो गई तो समझ लीजिये पृथ्वी का अंत सुनिश्चित है।
इसीलिए हमारे महापुरुषो ने समाज का उचित मार्गदर्शन हेतु देववाणी प्रस्तुत कि जो निम्नवत है:-
।।ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
भावार्थ:-हम भगवान की महिमा का ध्यान करते हैं, जिन्होंने इस दुनिया को बनाया है, जो पूजनीय हैं, जो ज्ञान के भंडार हैं, जो पापों और अज्ञान को दूर करने वाले हैं – वे हमें प्रकाश दिखाएँ और हमें सत्य के मार्ग पर ले जाएँ।
मित्रों हमारी वैदिक सभ्यता इस धरा कि सबसे प्राचीन वैदिक सभ्यता है जो आज भी अपना अस्तित्व बचाये हुए है, क्योंकि हमारे पूर्वजो ने हमें ज्ञान देते हुए बताया कि “धर्मस्य दुर्लभो ज्ञाता सम्यक् वक्ता ततोऽपि च। श्रोता ततोऽपि श्रद्धावान् कर्ता कोऽपि ततः सुधीः।। अर्थात:- जो धर्म को जानता है वह बहुत ही विशेष और अद्भुत गुणों से भरा है और जो धर्म को अच्छी तरह से समझाता है वह और भी अद्भुत और गुणों से भरा है और जो धर्म को पूरे मन से सुनता है वह उससे भी दुर्लभ और गुणी है और जो धर्म का अनुयायी है, वह सब से अधिक अद्भुत, दुर्लभ, गुणी और बुद्धिमान है। और विश्वास मानिये की हम जाने अनजाने में आज भी इस मूलमंत्र को आत्मसात कर रहे हैं पीढ़ी दर पीढ़ी।
अत: मित्रों कांग्रेस ईसाइयत और इस्लामिक विचारधारा को अपनाने वाली उनसे भी बड़ी समस्या है, हम सनातनीयो के लिए अत: इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। हमें अपनी एकता को बनाये रखना है और चुपचाप इनकी छटपटाहट को देखते रहना है।
लेखक:-नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)
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