भारत के मैदानी व पठारी भागों में भीषण गर्मी (अधिकतम तापमान राजस्थान का जैसलमेर: 52 डिग्री सेल्सियस) पड़ रही है। वहीं दूसरी तरफ मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों में बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में 90 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल सकती हैं। फिलहाल तूफान अभी पुरी के करीब 590 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम और गोपालपुर, ओडिशा से लगभग 510 किमी दक्षिण-पश्चिम में है। मौसम विज्ञान केंद्र भुवनेश्वर के मुताबिक 11 से 13 मई तक बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में बारिश होगी, साथ ही तेज हवाएं भी चलेंगी।
चक्रवात असानी श्रीलंका द्वारा दिया गया एक नाम है जिसका अर्थ सिंहली में ‘क्रोध’ होता है। असानी के बाद बनने वाले चक्रवात को सितारंग कहा जाएगा, जो थाईलैंड द्वारा दिया गया नाम है। असानी को लेकर सभी तटीय व समीपवर्ती राज्य अलर्ट पर हैं। पश्चिम बंगाल में तटीय क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है।
‘साइक्लोन असानी’ को लेकर राज्यों में अलर्ट –
पश्चिम बंगाल – बंगाल के विभिन्न जिलों में बारिश शुरू हो गई है। अगले शुक्रवार तक तूफान व बारिश की आशंका है। राज्य प्रशासन हाई अलर्ट पर है। चक्रवात के असर से बुधवार व गुरुवार को पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। चक्रवात के मद्देनजर मछुआरों के समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है।
ओडिशा – समुद्री तूफान सोमवार को विशाखापत्तनम से 550 किमी दक्षिण- पूर्व में पुरी से 680 किलोमीटर दक्षिण में था. उत्तर-पश्चिम दिशा में 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। चक्रवात के कारण ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में बारिश होने की आशंका है। ओडिशा सरकार ने चार तटीय जिलों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि चक्रवात पूर्वी तट के समानांतर चलेगा और बारिश का कारण बनेगा।
आंध्र प्रदेश- प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवात की वजह से उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर मंगलवार से तेज हवाएं चलने और बारिश होने की आशंका है।IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि तूफान अब उत्तर-पश्चिम दिशा में तट की ओर बढ़ रहा है। यह 10 मई की शाम तक उस दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा।
साल 2019, 3 मई को पूर्वी घाट के तटों पर कुछ इसी तरह का चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ आया था। उष्ण कटिबंधीय चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित ओडिसा रहा। बंगाल की खाड़ी में मौसमी दशाओं के कारण अक्सर चक्रवात आते रहते हैं। 1891 से 2002 के बीच ओडिशा में ही 98 तूफान आए। ‘फोनीएसेसमेंट आफ वल्नरैबिलिटी टु साइक्लोन एंड फ्लड्स’ नाम की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी भारत में आने वाले तूफान का 48 फीसदी अकेले ओडिशा को झेलना पड़ता है. साल 2018 में भी तूफान गाजा ने तमिलनाडु के तटों पर तबाही मचाई थी। 20 लोगों ने जान गवां दी थी और काफी नुकसान भी हुआ था।
भारत के पूर्वी घाट पर चक्रवाती तूफान आने के कारण
भारत के पूर्वी घाट उत्तर में पश्चिम बंगाल राज्य से शुरू होता है और दक्षिण में तमिलनाडु में समाप्त होता है। गर्म इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से मिलकर संघनन से बादल बनाती है। इस वजह से बने खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है, जब हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तो घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश होती है और तटीय क्षेत्रों में चक्रवात आ जाते हैं। चक्रवाती तूफानों के मामले में अमेरिका, फिलीपींस और चीन के बाद भारत चौथे स्थान पर है।