प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी लगातार भारत वासियों को आत्मनिर्भर बनकर अलग पहचान बनाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। सरकार की सोच अच्छी हो तो देखा जा सकता है सभी चीजें स्वतः ही अच्छी होने लगती है। सरकार,प्रशासन और स्वंय सहायता समूहों का आपसी समन्वय कितना सार्थक, प्रेरणादायी और फलदायी हो सकता है, ये फिरोजाबाद में स्थित कंपनी ‘आर्क चिप्स’ इसका एक बेहतर उदाहरण है, जिसने ना केवल महिलाओं को सिर्फ बढने का मार्ग दिखाया है बल्कि उनमें आत्मविश्वास का संचार भी किया है। इस कंपनी मे फिलहाल 650 महिलाएं है और ये ही अपने व्यवसाय की नियंता भी है।महिलाओं का पांच सदस्यीय निर्देशक मंडल है, हर महिला ने महज तीन हजार का अंशदान किया है, लेकिन उनकी इस कंपनी के पास आज इतनी पूंजी है कि वे इस साल 2.34 करोड रूपये की बिक्री का लक्ष्य तय करके सोलह लाख से अधिक मुनाफे के बारे सोच सकें, ये बडी बडी कारपोरेट कंपनियों को आईना सा दिखाता प्रतीत होता है। महिलाओं द्वारा गठित ये कंपनी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के चिप्स बाजार में मजबूती से खडी होने के लिए तैयार है।
अमेजन, फ्लिपकार्ट और जेम पोर्टल पर भी इसकी बिक्री का माध्यम बनेगा। वस्तुतः इस कंपनी के जरिये महिलाओं ने यह संदेश दिया है कि यदि वो संगठित है,उनकी सोच सकारात्मक है तो निश्चित रूप से उन्हें अलग पहचान बनाने से कोई नहीं रोक सकता हैं।प्रदेश में बडी संख्या में स्वंय सहायता समूह सक्रिय है। इनमें संगठित होकर लोग छोटे-बडे व्यवसाय में जुटे हुए हैं और स्वंय व परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सफल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में ऐसे चार लाख स्वंय सहायता समूह ग्रामीण अर्थव्यवस्था का संबल बनते जा रहे हैं, लेकिन फिरोजाबाद की महिलाओं ने ‘सुहागनगरी महिला प्रेरणा कृषक उत्पादक कंपनी’ का गठन करके अपने काम को जिस कारपोरेट अंदाज में आगे बढाया है, वह स्वंय सहायता समूह से जुडे लोगों को नई दिशा और दृष्टि देगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से महिलाओं की यह नई सोच है, स्वंय आत्मनिर्भर बनना है और नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरकर अन्य महिलाओं को अपने पैरों पर खडा करना है।
फिरोजबाद और आसपास के क्षेत्र में आलू मुख्य फसल है, लेकिन आलू आधारित कोई उद्योग नहीं था।महिलाओं ने यहां उद्योग लगाकर आलू किसानों को नया बाजार भी दिया हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में ‘ओडीओपी’ यानि एक जिला एक उत्पाद योजना को बढावा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार लोगों को अपने क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए बढावा दे रहे हैं।जिस प्रकार से देश में जनसंख्या वृद्धि हो रही है उससे सरकार के लिए संभव नही है कि वो हर किसी को सरकारी नौकरी दे सकें। दुनिया के सभी विकसित देशों में वहां के नागरिक सरकारी नौकरियों पर निर्भर नहीं रहते है वो अपने व्यवसाय से अपने देश की अर्थव्यवस्था में बडा योगदान देते हैं। भारत में भी इस विचार के बारे में लोगो को सोचना चाहिए तभी भारत विश्वपटल पर फिर से सोने की चिडिया बन सकेगा।