आज हिंदी फिल्म राज़ी देखकर दिमाग में कई बड़े सवाल खड़े हो गए। एक आम कश्मीरी मुस्लिम व्यापारी (हर हिंदुस्तानी एक है पर यहाँ की जरुरत की वजह से मुस्लिम शब्द काम ले रहा हूँ) भारत के लिए जासूसी करता था। उसने अपने देश से प्यार के लिए अपनी बेटी की शादी अपने दोस्त (पाक आर्मी के बड़े अधिकारी) के बेटे से सिर्फ इसलिए कर दी की वो भी अपने देश के लिए जासूसी करे। बेटी ने भी पिता की इच्छा के अनुसार अपना वैवाहिक जीवन, पति एवं सब को दाव पर लगा कर पूरी शिद्दत से सिर्फ देश के लिए जासूसी करती रही। यह बात ज्यादा पुरानी नहीं बस 1971 की है (आजादी के कई साल बाद)।
पर पाकिस्तान, कश्मीर एवं देश के राजनेताओ, कुछ देश द्रोहियो की वजह से आज कश्मीर की हालत यह है की बच्चे सैनिको के पत्थर मारते है, कश्मीर आतंक की की आग में जल रहा है एवं बाकि हम सब जानते है। आम कश्मीरी के दिल से वह प्यार, मोहब्बत, देशभक्ति, भारत से प्यार न जाने कहा चला गया और वो अब, कैसे लोट कर आएगा।
मैं हर उस देश प्रेमी को इस बारे में सोचने एवं काम करने के लिए आमंत्रित करता हूँ।
जय हिन्द