दाऊद इब्राहिम ने एक पत्र लिखकर भारत सरकार से अपने भारत आने के फैसले के बारे में संज्ञान करवाया है। दाऊद इब्राहिम का मानना है कि कागजी कार्यवाही पूरी होते – होते वो पैंसठ साल का हो जाएगा और केंद्र के साथ – साथ राज्यों के नियमों में भी वो वरिष्ठ नागरिक की मान्यता प्राप्त कर लेगा। दाऊद का मानना है कि पिछले कुछ दिनों से उन्होंने कई लोगों को कहता हुआ सुना है कि एक कवि वरावर राव को जेल में नहीं रखना चाहिए क्योंकि वो उम्र दराज हैं। इसलिए दाऊद को लगता है कि पैंसठ की उम्र और वरिष्ठ नागिरक बनने के बाद भारत के NGO और लिबरल्स उसके लिए सरकार से लड़ेंगे और उसे जेल में एक दिन भी नहीं रहना पड़ेगा।
दाऊद कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे यात्रा का सफर भी करेंगे क्योंकि वरिष्ठ नागरिक को रेलवे टिकट पर भारी छूट देती है। दाऊद ने अपने पिछले एक साल के ब्लड प्रेशर, डायबटीज और बाकि के टेस्ट रिजल्ट भी सरकार को भिजवाएं हैं। दाऊद ने सभी रिपोर्ट्स की कॉपीस NGO और लिबरल्स को भी भिजवाई है और साथ में कहा है कि यदि उन्हें रिपोर्ट पर विश्वास ना होतो वो स्वयं कराची आकर टेस्ट प्रॉसेस लाइव देख सकतें हैं।
दाऊद ने कहा कि वो मुंबई आकर अपना पुराना क्राइम व्यापार फिर से शुरू करेंगे और चूँकि वो पैंसठ साल के हो जायेंगे तो भारत सरकार को उनकी रक्षा के लिए ज़ेड प्लस सिक्योरिटी देनी चाहिए, जिससे वो लूटपाट, हत्या, अपहरण और उगाही का अपना काला साम्रज्य फिर से खड़ा कर सके। दाऊद ने अपने आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन की अपॉइंटमेंट डेट लेते हुए कहा कि उसे विश्वास नहीं हो रहा कि आम आदमी का अधिकार “आधार” उसके पास भी होगा।
दाऊद ने कहा कि यदि उसे पहले पता होता की पैंसठ साल का होनेपर उसे क्राइम में इतनी छूट मिलेगी तो वो पैदा होते ही पैंसठ साल होने का सर्टिफिकेट बनवा लेता। साथ ही दाऊद ने यह भी कहा कि अब उसकी गैंग में भर्ती के लिए कम से कम पैंसठ साल की उम्र का होना जरुरी है।
भारत सरकार ने दाऊद के सभी तर्कों को ख़ारिज करते हुए कहा कि उसे कवि वरावर राव की बगल वाली सेल में रखा जाएगा।