PETA यानी एक ऐसी संस्था जिसे साधारण आदमी पहली बार फॉलो करना शुरू करता है तो वह दिमाग पर इतना प्रभाव डालते हैं कि कई बार आदमी पशु क्रूरता त्याग कर शाकाहार अपना लेता है। जानवरों जानवरों के साथ अच्छा व्यवहार जो PETA का मुख्य एजेंडा है वह बहुत ही अच्छा व प्रभावशाली है।
Peta से प्रभावित होकर मैंने भी हाल ही में मांसाहार का त्याग कर दिया था। मुझे पशुओं के प्रति क्रूरता रोकने वाले इस बेटा के अभियान में जुड़ कर खुशी हो रही थी। मैंने इंस्टाग्राम पर पेटा के कई वीडियो शेयर किए थे। हालांकि जैसा कि मुझे शुरु से ही दिख रहा था Peta का रवैया भेदभाव पूर्ण था। अभी हाल ही में Peta के एक सहयोगी संस्था PETA India ने रक्षाबंधन को पशु क्रूरता से जोड़ते हुए कुछ वाहियात पोस्टर लगाए थे। बकरीद पर भी PETA की चुप्पी अपने आप में सवाल खड़े कर रही थी।
मुझे कहीं से एक तस्वीर मिली जो पेटा की वेबसाइट से थी जो यह बता रही थी की एनिमल्स इन इस्लाम नामक एक वेबसाइट जानवरों के साथ अच्छा व्यवहार कैसे करें यह सीखने के लिए बहुत अच्छा स्रोत है। एनिमल्स इन इस्लाम की साइट पर जाकर मैंने देखा तो वहां पर पशुओं के प्रति दया के नाम पर उनके गले को एक झटके में काटने की बात कही गई थी। बस यही बात पूछते हुए कि “गला काटने किसी भी तरह से दयालुता कैसे है?” “एक झटके में काटने से मांसाहार वेगन हो जाता है क्या” मैंने PETA के इंस्टाग्राम पेज पर कल रात कमेंट कर दी।
जैसे कि मेरी आदत बन चुकी थी मैं रोज इंस्टाग्राम पर PETA के पोस्ट शेयर करता था। हालांकि आज मुझे अपनी फील्ड में पेटा के पोस्ट नहीं दिखे तो मैंने चेक किया और मुझे पता चला कि पेटा ने मेरा आईडी ब्लॉक कर दिया है। शुरू में मुझे लगा कि यह कुछ एरर होगा क्योंकि PETA कब से एक कमेंट को इतना सीरियसली रहने लगेगी, लेकिन दूसरे अकाउंट से चेक करने पर PETA का पेज दिखा रहा था। इसका मैंने वीडियो भी बनाया है जो आप खुद देख सकते हैं।
मैने कई लोगों से बात की और मुझे कई लोगो ने बताया (हां भाई, मुझे भी रवीश की तरह ही फैक्ट्स के भंडार वाले फ़ोन और मैसेज आते रहते हैं) कि PETA है लगातार ऐसा कर रही है। अपने दोहरे रवैए के प्रति उठते सवालों को वह दबाने का काम कर रही है। PETA की वास्तविकता उसके एजेंडे से काफी हटकर है। वह PETA जो गाय का दूध पीने तक को पशु क्रूरता से जोड़कर देखता है, उसके लिए किसी जानवर का एक झटके में गला काटना दया का काम है। इस तरह गला काटना जिससे जानवर के गले की एक भी नस जुड़ी ना रहे, वह PETA की नजरों में एक दयालुता भरा काम है।
दयालुता से गला कैसे काटे यह पेटा के लोगों द्वारा चलाई जा रही है एक और संस्था एनिमल्स इन इस्लाम animalsinislam.com जिसका जिक्र बार-बार पेटा करता रहता है, बताती है। दूध पीना क्रूरता और गला काटना दयालुता यह अपने आप में ही कई सवाल उठाता है। यह सवाल भी उठता है कि मर्सी किलिंग के नाम पर अमेरिका में हजारों जानवरों को मौत के घाट उतार देना किस तरह की दयालुता है। इन सब सवालों के जवाब PETA देने की बजाय सवालों का ही गला घोंट रही है।