Friday, October 4, 2024
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बिना सेंसर का भारत

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नमस्कार दोस्तों।

विषय है बिना सेंसर के भारत। हो सकता है विचारो में मतभेद हो पर जो मेरे विचार है आप तक पहुचा रहा हूँ। दोस्तो इंटरनेट के दुनिया में किसी को सेंसर करना कदाचित उचित नहीं है और व्यक्तिगत तौर पे मैं इसके पक्ष में हूँ भी नहीं। पर आजकल जिस तरह के कंटेंट को परोसा जा रहा है क्या वह उचित है? क्या आप इस लोकडॉन के माहौल में अपने घर वालो के साथ इंटरनेट कंटेंट देख सकते हैं? बड़े खिलाड़ी बड़े एक्टर इस माहौल में जिस तरह प्रचार कर रहे हैं चाहे प्रोड्यूसर के तौर पे चाहे एक्टर के तौर पर खास तौर पर उनको भी अपने समाज के बारे में भी सोचने की आवश्यकता है? क्या उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि अभी भी बहुत सारे लोग अपने सम्पूर्ण परिवार के साथ रहते हैं। वो लिमिटेड संसाधनों का प्रयोग करते हैं। अभी भी बहुत सारे घरों में एक ही टेलीविजन है ऐसे में अगर वो गलती से भी नवनीत सिकेरा की जीवनी समझ के देख ले तो गालियो का भरमार पूरे परिवार को झेंपा देगा या और भी इंटरनेट कंटेंट है जिन्हें इस समय जब सब देखा हुआ टेलीविजन पर आ रहा हो, कंटेंट बदलने के लिए देखना चाहे नहीं देख सकता।

टिक टोक हो likee हो हेलो हो यूट्यूब हो कहीं न कहीं समाज के निर्धारित ही कंटेंट डाला जाए; शायद समाज को मजबूती मिल सके। इस समय लोगों के पास करने को कुछ नही है तो वो शायद यहाँ मनोरंजन के लिए जाए जहाँ पर भी धार्मिक एसिड रेप गालिया मिले; शायद सज्जन लोग ही हो जो सह जाए पर एक टीनएजर शायद भटक भी सकता है। आज जरूरत है समाज के हिसाब से समाज को लेकर ही कंटेंट डाले जाए। अगर आपको लगता हैं कि नहीं? आप कर सकते हैं तो मैसेज जरूर डाले की 18+ही देखें और इसमें कुछ ऐसे कंटेंट भी हैं जो आप घरवालो के साथ नही देख सकते।

अब हमें भी एक जिम्मेदारी लेनी होगी किस चीज का कितना प्रयोग किया जाए। किसी चीज को आदत बनने से पहले उसपे रोक लगाई जाए। आसपास के लोगो को भी थोड़ा समझाया जाए। समय का सदुपयोग भी बहुत जरूरी है। घंटो ऑनलाइन बिताने से अच्छा है आप किसी गरीब बच्चे को थोड़ा पढ़ा ही दे शायद आपके मार्गदर्शन से कुछ अलग कर जाए। वैसे करने को बहुत कुछ है बस सोचने और करने का मन होना चाहिए।

समय को व्यतीत करेंगे एक दिन समय आपको व्यतीत कर देगा। कहीं ऐसा न हो आप एक दिन सोचे और अपने पे लज्जित होना पड़े। कुछ लोग घण्टो सोशल नेटवर्किंग साइटस पे व्यर्थ ही समय लगा देते हैं बिना बात बहस करने में। सकारात्मक चीजो को छोड़ नकारात्मक और बहस इन सब चीजों से ऊपर उठे चीजो का सही प्रयोग करे। सोशल नेटवर्किंग साइट्स भी कारगर है आपके ज्ञान को दुसरो तक पहुचाने में।

सकारात्मक बने चीजो का सही सदुपयोग करे।

जय हिंद

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