Tuesday, October 8, 2024
HomeReportsभारतीय सभ्यता को आघात पहुँचाती वेब सीरीज

भारतीय सभ्यता को आघात पहुँचाती वेब सीरीज

Also Read

वैसे तो भारतीय सभ्यता को आघात पहुंचाने में बॉलीवुड तो पहले से ही था लेकिन इस मामले में वेब सीरीज ने बॉलीवुड को भी पिछे छोड़ दिया है। सिनेमा वाले जो असभ्यता और अश्लीलता थियेटरो में नहीं दिखा सकते उन्हें वेब सीरीज के माध्यम से आज के युवा तक उनके मोबाइल के माध्यम से पहुंचा देते हैं। आज आप जितने भी वेब सीरीज देख लो अधिकतर या कहे एक दो को छोड़कर बाकि सभी वामपंथ विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले ही मिलेंगे जो या तो राष्ट्रविरोधी होती हैं या हिन्दूफोबीक वैसे राष्ट्रविरोधी और हिन्दूफोबीक में कुछ खास अंतर नहीं हैं।

वेब सीरीज के माध्यम से हमे सनी लियोनी जैसो की जीवनी दिखाया जाता हैं क्या वो छत्रपति संभाजी महाराज, गुरू तेग़ बहादूर या भगवान बिरसा मुंडा जी या उनके जैसे महान महापुरूषो का जीवनी नहीं दिखा सकते?

आप अभी एकता कपूर की XXX सीरीज को ही देख ले ये एक सेमी पोर्न सीरीज तो है ही लेकिन इसके दूसरे सीजन मे तो भारतीय सेना का, उनकी पत्नी की और उनके वर्दी का अपमान किया गया जो कोई नया बात नहीं हैं अब घुल को ही देख लिजिए जिसमे एक ऐसी भविष्य की कल्पना की गई हैं जहाँ के शासन राष्ट्रवादी लोगो के हाथो में हैं और जिसके सेना का हर एक सैनिक बहुत कूर्र हैं और निर्दोष अल्पसंख्यको पर अत्याचार करते हैं या द फैमिली मैन की बात करे जिसमें आतंकवाद को सही साबित करने कि कोशिश यह दिखाकर की गई की उस आतंकवादी का परिवार गुजरात दंगो में मारा गया इसीलिए वो ISIS में शामिल हुआ अब इस तर्क पर आए तो कोई भी कश्मीरी पंडीत आतंकवादी क्यो नहीं बना?

एक वेब सीरीज आई थी बैताल जिसमें ये बताने की कोशिश की गई की भारतीय आर्धसैनिक बल निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बता कर उनकी हत्या करके पूरे गाँव को जला देते हैं जबकि सच्चाई सबको पता हैं कि कैसे नक्सली देश के सुदूरवर्ती ईलाको मे विकास को पहुँचने नहीं देते और कैसे हमारे पुलिस और आर्धसैनिक बल के जवानो पर हमला करते रहते हैं इस वेब सीरीज में ये भी बताया गया की आर्धसैनिक बल ये कार्रवाई वहाँ के पुलिस को बिना बताए आधुनिक हथियार के साथ करती हैं जबकि असलियत में ये कार्रवाई हमेशा पुलिस के सहयोग की साथ होती हैं और नाइट वीजन कैमरा जैसे आधुनिक हथियार सिर्फ सेना के पास होती हैं आर्धसैनिक बलो के पास नहीं।

अब बात करते हैं पताल लोक के बारे में ये सीरिज पूरी तरह से हिन्दूफोबीया से भरा पड़ा हो चाहे पंडित जी को मंदीर में मांस खाते हुए दिखाना हो या गौ मांस के ऊपर होने वाली लिंचिंग को दिखाना। अब आप ही बताए पंडीत जी को मांस खाते हुए दिखाना क्या जरूरी था? और लिंचिंग की जैसी घटना दिखाई गई वैसी घटना असली में रेलगाडी की सीट के लिए हुई थी न की गौ मांस के लिए। ऐसी हिन्दूफोबीक सीन तो पुरी वेब सीरीज में एक के बाद एक मिलती जाएगी।

सेकरेड गेम्स जो की भारत की पहली वेब सीरीज थी वो भी हिन्दूफोबीया से भरी हुई थी उसके पहले सीजन के शुरूआती एपीसोड में ही ये डायलोग है की भगवान को L फर्क नहीं पड़ता जो कि काफी अपमानजनक हैं इसमे ये भी बताया गया की रामायण के कारण ही सबसे ज्यादा दंगे हुए हैं इस सीरिज में एक जवान मुस्लिम लड़के का फेक एनकाउंटर भी दिखाया गया हैं। इस सीरिज के दुसरे सीजन में तो हद ही हो गई जिसमें ये बताया गया की भारत ही नहीं पूरे विश्व में जहा भी आतंकवादी संगठन हैं उनकी वत्त पोषण एक हिन्दू संत की आश्रम से की जाती हैं जी हाँ आपने सही सुना इससे एक तरह से जिहादियो को क्लीन चिट दे दिया और तो और उन्होने ये भी बताया की उसी आश्रम ने ISI को परमाणु हमला करने का विचार दिया और यही आश्रम के लोग ISI के साथ मिलकर बम भी बनाते हैं इसमे यह भी दिखाया गया है कि एक आतंकी के भाई की मोब लिंचिंग हुई थी जिसकारण वो आतंकी बना मतलब कुछ भी।

लिला भी एक और हिन्दूफोबीक वेब सीरीज का उदाहरण हैं जिसमे एक काल्पनिक हिन्दू राष्ट्र आर्यवर्त के भविष्य की कल्पना की गई हैं और जिसमे अल्पसंख्यको और दलितो के ऊपर बहुत अत्याचार होते दिखाया गया है यहाँ तक उनके रहने के स्थान भी एक दीवार के उसपार हैं जहाँ किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं और दलितो को स्वर्ण के साथ पानी पीने तक का अधिकार नहीं है इस सीरिज में देशभक्त लोगो को कूर्र और खलनायक के तौर पर दिखाया गया है जबकि ऐसा इस्लामीक देश में होता हैं जहां सरिया कानून चलता हो।
मस्तराम एक ऐसा सीरीज हैं जिसको पोर्न सीरीज कहना भी गलत नहीं होगा और जिसका हर एक ऐपिसोड अश्लीलता फैलाती हैं मगर सोचने वाली बात यह हैं की इसमे भी भगवान श्री राम के नाम का उपयोग क्यो किया गया वो दुसरा नाम भी रख सकते थे लेकिन उन्हें हिन्दूओ के भावना को आहात जो करनी थी। गंदी बात भी एक ऐसा सीरीज हैं जो अश्लीलता फैलाती हैं।

उपरोक्त उदाहरणो से हम समझ सकते हैं कि किस तरह ये वेब सीरीज हमारे समाज के लिए घातक हैं और हमारे युवा पीढ़ी को किस दिशा के ओर ले जा रही हैं सेंसर नही होने का पूरा लाभ ये वेब सीरीज वाले उठा रहे हैं।

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular