भुबनेस्वर: ओड़िशा के मालकनगिरी जिल्ले में कथित तौर पर दुष्कर्म पीड़िता एक आदिवासी महिला की मौत हो गयी। कथित तौर पर दुष्कर्म पीड़िता, जो अस्पताल में भर्ती होने के बाद से बेहोश थी, आज एक एम्बुलेंस में रायगडा में दम तोड़ दिया। जबकि उसे कोरापुट जिल्ला मुख्यालय के अस्पताल से ब्रह्मपुर एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज स्थानांतरित किया जा रहा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता जो मालकानगिरी पुलिस कैंटीन में काम करती थी, उसके साथ 6 या 7 मई को कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था। 7 मई को पीड़िता के पति बुदूरा गौड़ा को कैंटीन के मालिक द्वारा सूचित किया गया था कि उनकी (बुदुरा की) पत्नी बीमार है और उन्हें अस्पताल ले जाने की आवश्यकता है। पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया। “मां’ घर” नामक ओड़िशा के एक अग्रणी महिला संगठन सदस्यों कें सहयोग से बुदुरा गौड़ (पति) ने 9 मई को पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी, और आरोप लगाया था कि उसके पत्नी के साथ दुष्कर्म हुआ था। भारतीय दंड संहिता की धारा 323/34 के तहत मालकानगिरी पुलिस थाने में 192/20 में एक मामला दर्ज किया गया था। लेकिन इस घटना में पुलिस और डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ‘मां घर’ संगठन के अधक्षया ऋतुपर्णा महांती नें कहा था के पुलिस और डॉक्टर झूट बोल रहे हैं। घटना को दबाए जाने की कोशिश हो रही है। महिला के साथ दुष्कर्म हुआ है। इस बारे में उनके पास काफी सबूत है। कुछ दिन पहले ओड़िशा में घटी चर्चित कुंदुली घटना के यह दोहराव है, अभियोग करते हुए महिला के साथ न्याय करने केलिए हर तरह की कोशिश करने की बात ऋतुपर्णा मोहंती ने कहि है। इधर इस घटना के बारे में संज्ञान लेते हुए ओड़िशा भाजपा के बरिष्ठ नेत्री प्रभाती परिड़ा ने भी पुलिस प्रशासन के ऊपर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि एक तरफ करोना योद्धा और दूसरी तरफ यह घटना। कुंदुली की तरह मर गयी या मार दिया गया? बीजेपी नेत्री ड. लेखाश्री सामंतसिंहार नें भी एक भिडियो जारी करके इस मामले में पुलिस के लापरबाही के ऊपर सवाल खड़ा किया है।
हालांकि, मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच कमिटी (SIT) का गठन किया गया है। मालकानगिरी के अतिरिक्त एसपी जांच की कमान संभालेंगे। स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की भरोसा दिया गया है।