Sunday, October 6, 2024
HomeHindiअंगूर खट्टे कह कर पत्रकारिता में फिर से लौटे आशुतोष जमकर चला रहे हैं...

अंगूर खट्टे कह कर पत्रकारिता में फिर से लौटे आशुतोष जमकर चला रहे हैं एजेंडा

Also Read

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता आशुतोष और उनके पार्टी द्वारा राज्यसभा की सीट घोषित हो जाने के बाद फिर से पत्रकारिता में लौटे आशुतोष कर रहे हैं बीजेपी के खिलाफ दोहरे मापदंड की पत्रकारिता। हालांकि दोबारा पत्रकारिता में लौटने पर उनके पत्रकारिता को अधिकांश लोग सीरियस नहीं ले रहे हैं और आशुतोष भी अपने बचाव में एक तर्क प्रस्तुत करते हैं कि राजनीति में ट्वेंटी ट्वेंटी खेल कर पत्रकारिता में वापस लौटे हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि उन्होंने गली क्रिकेट में जैसे होता है अंतिम समय तक लगे रहे लेकिन अब तक बैटिंग करने का मौका ना मिल पाने के कारण नाराज होकर कहा जाओ मैं नहीं खेलूंगा।

हालांकि आशुतोष अभी हाल तक उस पार्टी के सदस्य थे जिस के मुखिया केजरीवाल ने सबके सामने बच्चों की झूठी कसम खाई थी। इसके अलावा केजरीवाल को सर्वाधिक तेजी से बदलते हुए राजनीतिज्ञ के तौर पर भी देखा जाता है। यह वही केजरीवाल थे जो अन्ना आंदोलन के समय मंच से मेरा रंग दे बसंती गाना गाते थे और मुख्यमंत्री बनने के बाद जेएनयू में जाकर टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन कर रहे थे। इसलिए नैतिकता बाद की बात अगर आशुतोष करते हैं तो यह तो पूर्ण बेईमानी लगती है।

खैर मूल मुद्दे पर आते हैं। यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश के दादरी में एक रैली थी। ऐसी बात है की रैली में किसी को बुलाया तो जाता नहीं है सभी जाते हैं। उसी में एक लाख कांड के एक आरोपी भी गये हुए थे फिर क्या था महाशय ने सोचा कि लगे हाथ द वायर के सर का बोझ थोड़ा कम किया जाए। बीजेपी के खिलाफ थोड़ा हम भी एजेंडा चलाएं। तो इधर का ईट उधर का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा जबरदस्ती घटना के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया और दोहरे मापदंड की पत्रकारिता की अपने रिपोर्ट में:।

मीठा-मीठा गप गप कड़वा कड़वा थू थू:

लगे हाथ इन्होंने एक लाख कांड पर फिर से पुराना झूठ परोसना शुरू कर दिया। वहां पर गाय का मांस नहीं बल्कि बकरे का मांस था। बल्कि अभी 2 महीने पहले ही वामपंथियों का चहता कोबरापोस्ट ने खुद स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें कहा था कि तत्कालीन अखिलेश सरकार ने दबाव डालकर गोमांस होने की रिपोर्ट बदलवा दी थी। लेकिन आशुतोष ने उस बात का जिक्र नहीं किया अपने पोस्ट में।

ऐसी बात नहीं है कि आशुतोष अपने तथाकथित वेबसाइट पर कोबरापोस्ट की जानकारी शेयर नहीं करते। अभी कुछ दिन पहले बॉलीवुड के कलाकारों पर एक स्टिंग हुआ तो उसको आशुतोष ने बढ़ चढ़कर शेयर किया था क्योंकि वह उनके एजेंडे को सूट करता है। लेकिन यह वाला कोबरापोस्ट का स्टिंग जिसमें बताया गया कि तत्कालीन सरकार ने जानबूझकर गौ मांस के जगह पर लैब रिपोर्ट बदलवा दी थी उसको आशुतोष ने मेंशन नहीं किया

पहली बार नहीं

यह पहली बार नहीं है जब से आशुतोष फिर से पत्रकार अपने को घोषित किए हैं, लगातार भाजपा के खिलाफ एजेंडा चलाए जा रहे हैं। और लोगों को आश्चर्य भी होता है कि राज्यसभा सीट केजरीवाल ने नहीं दी और उसका भड़ास भाजपा के खिलाफ क्यों निकाल रहे है।

बस कविता के साथ अपनी बात खत्म करना चाहते हैं

क्यों छुप छुप के लड़कियों के क्रीम लगाए उनकी त्वचा है कोमल कोमल
क्यों छुप छुप कर पत्रकारिता के नाम पर एजेंडा चलाएं सबके पास है इंटरनेट और डाटा

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular