कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम कोई नया नहीं हैं। अक्सर कांग्रेस के नेता पाकिस्तान प्रेम को लेकर बयान देते रहते हैं। पुलवामा हमले के बाद जिस तरह कांग्रेस नेताओं के बयान सामने आए थे वे किसी से छिपे नहीं हैं। अब कांग्रेस ने पाकिस्तान प्रेम को शिक्षण संस्थानों में भी शामिल करना शुरु कर दिया है। दरअसल माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी “पाकिस्तान मीडिया स्कैन” नाम से एक पत्रिका का प्रकाशन करती थी।
पाकिस्तान की मीडिया में भारत को किस तरह प्रस्तुत किया जाता है, उन सब समाचारों को और उसकी वास्तविकता को इस “पाकिस्तान मीडिया स्कैन” में प्रकाशित किया जाता था। ताकि भारत के पत्रकार एवं मीडिया शोधार्थी जान सकें कि पाकिस्तान का मीडिया किस तरह भारत के विरुद्ध गलत रिपोर्टिंग करता है और लोगों को गुमराह करने की कोशिश करता हैं। प्रकाशन के कार्य में मुस्लिम नौजवान उर्दू के समाचारों का अनुवाद करने में अपनी भूमिका निभाते थे। लेकिन अब कांग्रेस सरकार के इशारे पर विश्वविद्यालय के इस महत्वपूर्ण प्रकाशन को बंद कर दिया गया है। सवाल है कि पाकिस्तानी मीडिया और पाकिस्तान की असलियत को कांग्रेस सरकार छिपाना क्यों चाह रही है? आखिर इस पत्रिका को बंद करने का क्या मतलब है। इस पत्रिका में किसी बीजेपी या संघ जैसे संगठनों के विचार तो परोसे नहीं जाते थे, फिर इस प्रकाशन को क्यों बंद कर दिया गया?
यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वर्तमान समय में पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। पाकिस्तान भारत पर लगातार छिप कर वार कर रहा है। हाल ही में पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हो गए। लगातार सीमापार से पाकिस्तान घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। हर दिन हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम देश के लिए खतरा है। कम से कम कांग्रेस को विश्वविद्याल को तो पाकिस्तान प्रेम से दूर रखना चाहिए।