कल के उपचुनाव के परिणाम ने यह तो दिखा दिया क़ि 2019 की राह बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आसान नहीं होने वाली।अगर विपक्षी दल एक साथ मिल कर चुनाव लड़े तो बीजेपी को 2019 में पटखनी दे सकते है।
अगर ऐसे ही परिणाम अगले लोकसभा चुनाव में भी आते है तो बीजेपी के लिए 2019 में अपने दम पर बहुमत प्राप्त करना दूर की कौड़ी साबित होगा। और अगर बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े से पीछे रह कर सबसे बड़ा दल बनकर भी उभरती है तो शायद इसके लिए कर्नाटक चुनाव की तरह से बहुमत के करीब पहुँच पाना अत्यंत कठिन हो जाएगा।
जैसे क़ि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान दिया था कि बीजेपी अगर बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रह कर भी सबसे बड़े दल के रूप में उभरती भी है तो नरेंद्र मोदी से नफरत के कारण NDA के सहयोगी दल भी अपने बीजेपी को सहयोग के बदले मोदी की जगह राजनाथ सिंह को प्रधानमंत्री बनाना चाहंगे।
पिछले कुछ समयः से राजनीति के नए शाह बनकर उभरे और बीजेपी के अपने चाणक्य अमित शाह भी इस बात से भली भांति अवगत होंगे। और इससे मोदी के लिए दोहरी खतरे की घंटी बज चुकी है। तो आखिर कहाँ पर बीजेपी गलती कर रही है।इसका जवाब बीजेपी के ही एक और नेता सुब्रमनियन स्वामी ने दिया,
“उनके हिसाब से बीजेपी का कोर हिन्दू वोटर जिसने 2014 के चुनाव में इसकी जीत में अहम् भूमिका निभाई थी वो इससे नाराज हो गया है, क्योंकि उसे लग रहा है क़ि शायद बीजेपी अपने हिन्दुत्त्व के एजेंडे से भटक चुकी है और कांग्रेस की तरह सेकुलरिज्म के एजेंडे पर चल पड़ी है।”
और स्वामी के अनुसार अगर बीजेपी यही गलती दोहराती रही तो इसका हाल भी वाजपेयी की सरकार की तरह ही होगा। जब सारे एग्जिट पोल को झुठलाते हुए इसे हार का मुंह देखना पड़ा था।स्वामी के मुताबिक तब बीजेपी “Shining India” की वजह से हारी थी और अबकी बार विकास और अच्छे दिन की वजह से यह हारने के करीब पहुँच चुकी है।
असल में बीजेपी यह भूल चुकी है कि चुनाव में उसे वोट राम मंदिर बनाने, धारा 370 ख़तम करने और यूनिफार्म सिविल कॉर्ड लाने के लिए हिन्दू वोटर्स ने इसे वोट दिए थे। लेकिन यह अभी तक इस में से किसी भी वादे को पूरा नहीं कर पाई है। दूसरा इसने महंगाई कम करने का भी दावा किया था किंतु अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद भी भारत देश में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही है।
स्वामी जी के अनुसार बीजेपी को अपने कोर वोटर को साथ में बनाएं रखने और जनता को वापिस बीजेपी की तरफ करने के लिए राम मंदिर पर जल्द से जल्द संसद में बिल लाना होगा, और हिंदुत्व के मुद्दे पर किए गए वादे पूरे करने होंगे। क्योंकि बीजेपी को अगर 2019 का चुनाव जीतना है तो इसको चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ना होगा तभी यह फिर से पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ पाएगी। और तभी इसके अहम सहयोगी दल जैसे शिवसेना और बाकि हिन्दू वोटर्स भी खुद को ठगा हुआ महसूस नहीं करेंगे। और अगर बीजेपी वापिस विकास और मुस्लिम तुष्टिकरण की सियासत करेगी तो फिर इसका हाल “शाइनिंग इंडिया” वाला ही होगा।