वाराणसी से लगभग 22 किलोमीटर दूर रोहनियां विधानसभा का ककरहिया गांव में इन दिनों खूब हलचल दिखाई पड़ रही है। तीन साल के इंतजार के बाद कुश्ती और जुडोका के गांव ककरहिया को वो खुशियां मिल गईं जिसके लिए उन्हें बार-बार मायूस होना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ककरहिया गांव पहुंच कर गांव को पीएम नरेंद्र मोदी के सांसद आदर्श गांव के रूप में चुने जाने की घोषणा की। सीएम की इस घोषणा के बाद गांववासियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
- साल 2011 की जनगणना के अनुसार इस गांव में कुल 2615 लोग है।
- यहां की अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है, उसके अलावा गरीब तबका मजदूरी या फिर बड़े शहरों में काम करते है।
- पेयजल के लिए नलकूप की बोरिंग हुई, घर-घर कनेक्शन बाकी है।
- 97 परिवारों को बिजली का कनेक्शन मिल चुका है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ककरहिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा सांसद आदर्श गांव घोषित किया। घोषणा की कि केंद्र के सहयोग से सूबे के गांवों को विकास के लिए स्पेशल बजट दिया जाएगा।
इस क्रम में 2 हजार आबादी वाले गांव को 20 लाख, 4 हजार की आबादी वाले गांव को 40 लाख, 6 हजार पर 60 लाख और 8 हजार की आबादी वाले गांव को 80 लाख की मदद दी जाएगी।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम सभा ककरहिया में सोलर चरखे प्रदान किए, जिससे 350 लोग लाभान्वित हुए।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ककरहिया गांव, वाराणसी में महिलाओं के खादी करघे का निरीक्षण किया।
वैसे ककरहिया के इतिहास पर गौर करें, तो यह गांव मूल रूप से पहलवानों का गांव माना जाता है। गांव के एक अखाड़े से निकलकर यहां के पहलवानों ने विदेशों तक अपना परचम लहराया है। मगर उपेक्षा के शिकार इस गांव में आज न तो पहलवानों के लिए कोई सुविधा है, न ही आम बुनियादी सुविधाएं। गांव में चिकित्सा से लेकर उच्च शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। इस गांव को अब प्रधानमंत्री से ही आस है।
- ककरहिया गांव का सेना में युवाओं को भेजने के मामले में शानदार रिकार्ड रहा है। सुरक्षा बलों के साथ सेना में ककरहिया गांव के युवा बड़ी संख्या में शामिल होते रहे हैं।
- कारगिल युद्ध के दौरान ककरहिया के किसान रूपचंद पटेल के बेटे गोपाल पटेल ने गोलियों की परवाह न करते हुए दुश्मनों को पसीने छ़ुड़ा दिए थे। जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने अद्भुत वीरता और शौर्य का प्रदर्शन करते हुये कारगिल युद्ध में पाक घुसपैठियों को मार भगाया था। इस जंग में भारतीय सेना के 500 से अधिक जवान और अधिकारी शहीद हो गए थे।
- यह गांव मूल रूप से पहलवानों का गांव माना जाता है। गांव के एक अखाड़े से निकलकर यहां के पहलवानों ने विदेशों तक अपना परचम लहराया है। यश भारती से सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय पहलवान रामाश्रय यादव की जन्म भूमि ककरहिया गांव है।
ककरहिया गांव जूडो और कुश्ती के लिए मशहूर है। यहां के दो दर्जन से ज्यादा जुडोका राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना दमखम दिखा चुके हैं। ऐसे ही कुश्ती में यहां के पहलवानों का दबदबा है। यह सब है राष्ट्रीय जु़डोका और जू़डो कोच लाल साहब के चलते जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इस गांव के लड़कों के नाम पर कुर्बान कर दी। फिलहाल व डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में जूडो के अस्थाई कोच हैं।
गांव के पश्चिमी छोर पर बने भोथू सिंह का अखाड़ा दो मंजिला बनेगा। इसमें नीचे जिम और ऊपर गद्दे वाला अखाड़ा बनेगा। दोनों की नाप लेकर इस्टीमेट बनाकर संबंधित विभाग ने सरकार को भेज दिया है।
- दो हजार की आबादी वाले ककरहिया गांव को 2014-15 में लोहिया ग्राम घोषित किया गया। यहां के प्रधान हैं रंजीत पटेल।
- यह गांव दो तरफ से मुख्य मार्ग से जुड़ा गांव है। एक लहरतारा तो दूसरा कोरौता। गांव की 800 मीटर सीसी रोड बन चुकी है। गांव में प्रवेश के लिए तीन तरफ से पिच रोड है।
- योजना के मुताबिक गांव में 150 शौचालय बन चुके हैं। पूरे गांव का विद्युतीकरण हो चुका है। गांव में सीवर लाइन भी है।
- बच्चों के पढ़ने के लिए प्राथमिक स्कूल, मिडिल स्कूल है। आंगनबाड़ी केंद्र है। नवीन नंद भवन का भी शुभारम्भ हुआ।
- विजय किरण आनंद ने डीएम का कार्यभार ग्रहण करने के बाद जुलाई में पहली चौपाल इसी गांव में लगाई थी। कुछ अधिकारियों को दंडित किया था। उसके बाद से विकास कार्य में तेजी आई।
- वन विभाग ने जहां पौधरोपण के लिए गड्ढ़ों की खोदाई शुरू कराई तो उद्यान विभाग ने कुछ सब्जियों के बीज का वितरण किया।
- मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व लोक निर्माण विभाग लखनीपुर-ककरहिया पिच मार्ग की मरम्मत करने में जुटा रहा। वहीं प्राइमरी और मिडिल स्कूलो में वाल राइटिंग की गई तो शौचालयों का रंग रोगन हुआ।
- गांव में महिलाओं को रोजगार देने के लिए एक सोलर चरखा सेंटर पहले से ही चल रहा है। इसमें दो पालियों में सौ महिलाएं प्रशिक्षण लेती हैं। बुधवार को आसपास के गांवों की 35 महिलाओं को सोलर चरखा बांटा गया।
- पशु चिकित्सालय और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन जाने से आसपास के लगभग 20 गांवों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
आदर्श ग्राम जयापुर एवं नागेपुर के बाद, प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ग्राम ककरहिया भी विकास पथ पर अग्रसर है।