देवियों एवं सज्जनों,
उत्तर प्रदेश के बारे में बहुत सारी बाते कही और सुनी गयी है। अब चुनाव का मौसम है तो बाते निकलेंगी ही। एक मुद्दा है जिसे अभी तक ना तो किसी पार्टी ने उठाया है ना किसी संगठन और ना ही मीडिया।
मुद्दा है सरकारी नौकरियों की लूट। पिछले 5 वर्षों मे भर्तियाँ तो तमाम निकली मगर चुने कौन गये? भर्तियाँ मे भ्रष्टाचार होता ही रहा है, लेकिन इस वर्तमान सरकार ने सारी हदें पार कर दी। अपने लोगों को अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड में बैठा दिया और मनमानी करने लगे। स्वीपर तक के पदों को बेचा गया। वो तो शुक्र है कि उच्च न्यायालय बैठा है जिसने अभ्यर्थीयों की अपील पर कई चयनो को या तो स्टे कर रखा है या फिर उन्हें रद्द कर दिया है।
मैने भी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग की कई परिक्षाएँ दी है। संयोगवश पिछले साल उत्तर प्रदेश कोषागार में सहायक लेखाकर की भर्ती में मैं लिखित परीक्षा मे पास हो गया था। लिखित परीक्षा 180 अंकों की होती है और 20 अंक का साक्षात्कार।
सामान्य वर्ग की कट ऑफ 122 अंक की आई थी और मेरे 127 अंक थे। साक्षात्कार के 20 अंक मे न्यूनतम 8 अंक देने ही थे प्रत्येक अभ्यर्थी को। साक्षात्कार में मुझसे 4 प्रश्न पूछे गये थे, साक्षात्कार करने वाले 3 व्यक्ति थे। पहला प्रश्न पूछा कि बीजक और वाउचर क्या होता है? दूसरा प्रश्न था भारत का वित्तमंत्री कौन है? तीसरा प्रश्न था भारत के रक्षामंत्री कौन है? और चौथा प्रश्न था कि भारत में किसी बैंक मे शीर्ष महिला अधिकारी का नाम बताइए।
मैने पहले 3 प्रश्नो का उत्तर दिया। चौथे प्रश्न मे फँस (प्रश्न पूछने वाले की दृष्टि में) गया। मैने बैंक की शीर्ष महिला अधिकारी का नाम बताया चंदा कोचर (ICICI BANK), मगर साक्षात्कार कर्ता को अरुंधती भट्टाचार्य (SBI) का नाम जानना था, और मुझे इसकी जानकारी नहीं थी।
खैर.. जब इसका रिज़ल्ट आया तो मुझे थोड़ी निराशा हुई और मैने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी माँगी, लेकिन आयोग में अपनी सुविधा के अनुसार वही जानकारी दी जिससे उनको कोई तकलीफ़ ना हो, और उन जानकारियों को साझा नही किया जिससे तकलीफ़ हो सकती थी।
RTI के प्रश्न
RTI के उत्तर
इसलिए हे उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी गण कृपया वोट करते समय इस बात को ध्यान रखना कि आप अपने भविष्य की कुंजी किसको सौंप रहे हैं। इसलिए फर्जी सेकूलरिस्म का तिलिस्म तोडो और अपने भविष्य को सुरक्षित रखो।