नूपुर शर्मा ने जो भी वक्तव्य दिया था वो करोडों हिंदू धर्म को मानने वालों के आराध्य भगवान शिव के ऊपर मुस्लिम नेता तस्लीम रहमानी द्वारा की गई घटिया और निंदनीय टिप्पणी के बाद प्रतिक्रिया के रूप में दिया था।
वास्तव में पश्चिम बंगाल चुनाव में के बाद विपक्ष की कल्पना ठीक वैसी लगती है, जैसे कांग्रेस मे 2018 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के बाद मान लिया था कि भाजपा अब अपने पराभाव की तरफ बढ गयी है तथा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व का पुनरोदय हो रहा है।
जिन मुसलिम कट्टरपंथी संगठनों ने हिंसा कराई, केवल वे ही नही, बल्कि जिन लोगो ने देशव्यापी झूठ प्रचार कर लोगों को भडकाया, उन सबको कानून के कटघरे में खडा किया जाना बहुत आवश्यक हैं।
किसान संगठनो की हठधर्मिता लोगों को बंधक बनाकर अपनी मांगे मनवाने वाली प्रवृत्ति को ही रेखांकित कर रही है, उनके रवैये से यह बात तो पूरी तरह से साफ हो चुकी है कि उनकी दिलचस्पी आम जनता के समय और संसाधनों को जाया करने में अधिक हैं।
उत्तर भारत के अधिकांश हिस्से में प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही हैं तब ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पंजाब और हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी पराली यानी फसलों के अवशेष जलाने का सिलसिला तेज हो रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की साफ सुथरी छवि के बारे में उनके धुर विरोधी भी प्रशंसा करते हैं। निर्णय लेने की दृढ शक्ति उनके अंदर दिखायी देती है वो जनता को बहुत ही प्रभावित करती हैं।
स्वतंत्रता के बाद भारत में इस प्रकार की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गयी होगी, भारतीय राजनीति में सभी मर्यादाएं टूट रही हैं। सभी राजनैतिक दलों ने कानून की व्याख्या अपने हिसाब से तय कर ली है।